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देहरादून, 12 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को कार्बेट टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले गांवों को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र की सूची से बाहर रखने का फैसला किया । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने संवाददाताओं को बताया कि इस फैसले से सीटीआर में ढेला गांव और उसके आसपास 46 चकों के निवासियों को राहत मिलेगी। वहां के निवासी पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र की सूची में शामिल किये जाने के प्रस्तावित कदम का इस आधार पर विरोध कर रहे हैं कि इससे उन पर प्रतिबंध लग जायेंगे और उनकी कृषि अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने बताया कि लोगों की दो आशंकाएं थीं कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में शामिल होने के बाद उन्हें एक मंजिला से ज्यादा ऊंचा घर नहीं बनाने दिया जायेगा और अपने खेतों में वे खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे । कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने नैनीताल जिले में एचएमटी को दी गयी जमीन भी विभाग को वापस करने का फैसला लिया है। एचएमटी अपनी इकाई बंद कर चुकी है। मंत्रिमंडल ने खनन के निजी पट्टे देने का अधिकार भी जिलाधिकारियों को देने का निर्णय किया है ।
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