शनिवार, 15 अगस्त 2020

Haridwar news: भ्रूण लिंग की जांच रोकने के लिए प्रशासन करायेगा 'स्टिंग ऑपरेशन'

पुलकित शुक्ला, हरिद्वार गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जांच करने वाले अस्पतालों से हरिद्वार जिला प्रशासन नए तरीके से निपटेगा। इस गोरखधंधे में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए प्रशासन ने मुखबिर योजना को लागू कर दिया है। जिसमें कुछ लोगों की एक टीम हॉस्पिटलों में जाकर भ्रूण की लिंग जांच का करेगी और प्रशासन को इसकी सूचना देगी। सूचना सही मिलने पर प्रशासन ऐसे हॉस्पिटल संचालकों और चिकित्सकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगा। शुक्रवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए भ्रूण लिंग जांच को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस अपराध को रोकने के लिए मुखबिर योजना शुरु की है। मुखबिर योजना के तहत एक टीम में गर्भवती महिला और एक अन्य महिला या पुरुष होगा। यह टीम अल्ट्रासाउंड सेंटर या हॉस्पिटल में अपना जाल बिछाएगी। बकायदा पंजीकरण करने के बाद महिला अपने भ्रूण के लिंग जांच करवाएगी और अगर जांच में लड़की मिलती है तो महिला ऑपरेशन की बात कहेगी। इस पर जो भी हॉस्पिटल या चिकित्सक ऑपरेशन के लिए राजी हो जाएंगे तो स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत छापामार कर कानूनी कार्रवाई करेगी। मुखबिर टीम को मिलेगी 1 लाख की रकमडीएम सी रविशंकर ने बताया कि काम में इच्छुक लोगों को मुखबिर बनने के लिए स्वास्थ्य विभाग में लिखित आवेदन करना होगा। इसमें मुखबिर गर्भवती महिला और उसके सहयोगी का चुनाव किया जाएगा। गर्भवती महिला को अनापत्ति का शपथ पत्र भी देना होगा। काम पूरा हो जाने के बाद इनाम की राशि 3 किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त सूचना सही पाई जाने पर, दूसरी न्यायालय में हाजिरी लगने और तीसरी किस्त आरोपी को सजा मिलने के बाद मुखबिर टीम को दी जाएगी।


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