गुरुवार, 20 अगस्त 2020

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद राजेंद्र सिंह नेगी, 8 महीने बाद मिला था पार्थिव शरीर

पुलकित शुक्ला, देहरादून शहीद हवलदार का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर किया गया। इससे पहले देहरादून स्थित उनके आवास पर उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा गया था। इस दौरान मुख्यमंत्री और कई विधायकों ने पहुंचकर शहीद राजेंद्र सिंह नेगी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीद का शव सेना के वाहन से हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। खड़खड़ी श्मशान घाट पर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। शहीद के अंतिम संस्कार के लिए सभी सैन्य प्रक्रियाओं को निभाया गया। शहीद को अंतिम विदाई देते वक्त राजेंद्र सिंह नेगी जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान उनके पिता रतन सिंह नेगी, भाई अवतार सिंह नेगी और कई संबंधी मौजूद रहे। 15 अगस्त को मिला था पार्थिव शरीर हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी सेना की 11 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वह जम्मू-कश्मीर के बारामूला के गुलमर्ग क्षेत्र में तैनात थे। 8 जनवरी को ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की वजह से उनका पैर फिसल गया और वह पाकिस्तान की सीमा की ओर जा गिरे। सेना ने काफी लंबे समय तक रेस्क्यू किया लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पाया था। लगभग 5 महीने बाद सेना ने उन्हें बैटल कैजुअलटी मानते हुए शहीद घोषित कर दिया था। उनके लापता होने के 8 महीने बाद 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनका शव बरामद किया। बुधवार शाम उनके पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट के विशेष विमान से श्रीनगर लाया गया। विमान रात करीब 7 बजकर 45 मिनट पर जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचा। जहां शहीद के पिता रतन सिंह नेगी, भाई कुंदन सिंह नेगी और दिनेश नेगी भी मौजूद थे। सीएम ने दिया हर संभव मदद का भरोसा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सैनिक कॉलोनी अम्बीवाला देहरादून में शहीद राजेंद्र सिंह नेगी के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने शहीद के परिवार के लोगों को भी सांत्वना दी। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवारवालों को अनुमन्य सहायता राशि देगी। उनकी पत्नी को शैक्षिक योग्यता के आधार पर राजकीय सेवा में भी शामिल किया जाएगा। उनके परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।


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