रविवार, 16 अगस्त 2020

7 महीने बाद मिला गढ़वाल राइफल्स के जवान का पार्थिव शरीर, एलओसी पर आए बर्फीले तूफान में हुए थे लापता

देहरादून करीब 7 महीने बाद देहरादून के गढ़वाल राइफल्स के लापता जवान हवलदार राजेंद्र सिंह (35) का शव बरामद हुआ है। देहरादून के राजेंद्र सिंह सात महीने पहले गुलमर्ग में एलओसी पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। इसी दौरान हुए हिमस्खलन के बाद से वह लापता बताए जा रहे थे। शनिवार को उनके परिवार को शव मिलने की जानकारी दी गई। राजेंद्र के परिजनों के मुताबिक, मई में सेना ने उन्हें 'युद्ध हताहत (Battle Casualty)' घोषित कर दिया था और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसी महीने की शुरुआत में उनकी पत्नी को एक शोक संदेश भी भेजा था लेकिन उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया था कि राजेंद्र शहीद हो चुके हैं क्योंकि उनका शव बरामद नहीं हुआ था। आखिरी बार दिवाली पर आए थे घर चार भाई-बहनों में सबसे बड़े राजेंद्र 2001 में गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट में शामिल हुए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी राजेश्वरी, दो बेटियां और एक बेटा है। सेना से रिटायर राजेंद्र के चचेरे भाई दिनेश नेगी ने बताया, 'राजेंद्र आखिरी बार दिवाली के मौके पर अक्टूबर 2019 में देहरादून आए थे और जब वह दोबारा ड्यूटी पर गए तो उनकी तैनाती गुलमर्ग में एलओसी पर हुई थी। इसी साल 9 जनवरी को हमें सेना से सूचना मिली कि हिमस्खलन के बाद से राजेंद्र लापता हैं।' पत्नी नहीं थी मानने को तैयार दिनेश ने बताया कि जब तीन दिन तक सेना राजेंद्र का पता नहीं लगा सकी तो उनकी उम्मीद टूट गई। 2015 में नायक के रूप में रिटायर हुए दिनेश बताते हैं, 'अपनी सर्विस के दौरान, मैं सियाचिन में तैनात था और मुझे यह मालूम था कि कोई भी दो दिन से ज्यादा इस बर्फ के अंदर जीवित नहीं रह सकता। मैंने यह बात अपने परिवार वालों को बताया लेकिन उसकी पत्नी राजेश्वरी यह मानने को तैयार नहीं थी क्योंकि अभी तक शव नहीं मिला था।' परिवार ने रक्षा मंत्रालय को लिखा था पत्र इसके बाद परिवार ने रक्षा मंत्रालय से सर्च ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए पत्र लिखा। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से राजेंद्र को ढूंढने के प्रयास तेज करने की गुजारिश की। दिनेश ने कहा कि सेना ने मई में राजेंद्र को युद्ध हताहत घोषित कर दिया था। 15 अगस्त को मिली जानकारी सूबेदार मेजर रैंक के एक अधिकारी ने शनिवार को दोपहर साढ़े 12 बजे कॉल करके बताया कि राजेंद्र का शव उसी जगह के पास मिला है जहां वह लापता हुए थे। राजेंद्र का पार्थिव शरीर श्रीनगर बेस अस्पताल में है और मंगलवार को देहरादून लाया जाएगा।


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