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देहरादूनउत्तराखंड के चंपावत जिले में भोजन माता सुनीता देवी की नियुक्ति का विवाद थमता दिख रहा है। स्कूल मैनेजमेंट और शिक्षा अधिकारियों की बैठक में अधिकारियों ने दलित भोजन माता सुनीता देवी को ही आगे नियुक्ति दिए जाने का फैसला सुनाया है। हालांकि शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र जोशी और कुछ अन्य ने इस पर अब भी अपनी सहमति नहीं दी है। वहीं फैसले के बाद सुनीता देवी ने पंचायत सदस्य और स्कूल प्रबंध समिति (एसएमसी) सदस्य समेत 6 लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की सहमति दी है। इससे पहले सीईओ आरसी पुरोहित की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति ने डीएम को भोजन माता की नियुक्ति के मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी है। जांच में क्या है, यह अभी सार्वजनिक नहीं हुआ। लेकिन भोजन माता नियुक्ति प्रक्रिया में तकनीकी प्रक्रिया की कुछ खामी होने की बात कही जाने की बात सूत्र बता रहे हैं। बीते दिनों सुनीता देवी ने भोजन माता विवाद के दौरान अभद्रता और जातीय भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए चौकी में तहरीर दी थी। प्रिंसिपल प्रेम सिंह ने बताया कि छठी से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्र-छात्राएं साथ में भोजन कर रहे हैं। इसमें हर जाति के बच्चे शामिल हैं। छात्र संख्या के हिसाब से यहां दो भोजनमाता रखे जाने का प्रावधान है, लेकिन फिलहाल एक ही भोजनमाता है। दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हुई थी। आयोग के अध्यक्ष ने दिए निर्देशविवाद से सुर्खियों में आने के बाद अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने भी सुनीता देवी को तैनाती देने के निर्देश दिए। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने एफआईआर करने के निर्देश दिए थे।
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