पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में चारों हिमालयी धामों सहित कुल 53 मंदिरों के प्रबंधन के लिए देवस्थानम बोर्ड गठित किए जाने से पहले बदरीनाथ—केदारनाथ समिति ही इन दोनों मंदिरों का प्रबंधन और रखरखाव संभालती थी ।
समिति के पुन: गठन के जरिए प्रदेश में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह हिमालयी धामों पर उनके पारंपरिक हक—हकूक संरक्षित रखना चाहती है ।
प्रदेश के संस्कृति सचिव एचसी सेमवाल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भाजपा नेता अजेंद्र अजय को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि किशोर पंवार इसके उपाध्यक्ष और बीडी सिंह मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे । इसके अलावा, समिति में 13 अन्य सदस्य भी होंगे ।
तीर्थ पुरोहितों के लंबे आंदोलन के बाद प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने गत नवंबर में इस देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस लेने की घोषणा की थी जिसके बाद दिसंबर में हुए विधानसभा सत्र में इसे वापस ले लिया गया।
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