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यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की घोषणा करते हुए एमएसएस के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि अब तक प्रदेश में शासन करने वाली पार्टियों से अल्पसंख्यकों को मिली निराशा के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
भाजपा और कांग्रेस को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए कुरैशी ने कहा कि दोनों ने ही अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि एमएसएस अल्पसंख्यकों की बहुलता वाली विकासनगर, सहसपुर, धरमपुर, देहरादून कैंट, हरिद्वार और रामनगर सहित 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा।
इस मौके पर एमएसएस ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए जनता से देहरादून और हरिद्वार में इस्लामिक संस्कृति केंद्र खोलने, सातवीं कक्षा तक उर्दू भाषा की शिक्षा अनिवार्य करने, उर्दू शिक्षकों की भर्ती करने, सच्चर कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने तथा आईआईटी और पॉलीटेक्निक संस्थानों में मुसलमान छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने जैसे वादे भी किए।
यह संगठन गरीबों को शिक्षा, भोजन और आश्रय के लिए सहायता उपलब्ध कराता है।
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