शुक्रवार, 7 जनवरी 2022

Uttarakhand Elections: कांग्रेस का 'तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा' कैंपेन शुरू, कहा- BJP तीनों मुख्यमंत्रियों ने कोई बड़ा काम राज्य में नहीं किया

ओम प्रकाश भट्ट, देहरादून एक के बाद एक तीन मुख्यमंत्री बनाए जाने का मुद्दा उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले ही उभरने लगा है। राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा की सरकार और पार्टी जहां इस मसले पर बचाव की मुद्रा में खड़ी दिख रही है तो वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसके जरिये मतदाताओं के बीच अपने पक्ष में रुझान बनाने की कोशिशों में जुट गए हैं। गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस की जनसभाओं में बडे़ नेताओं के संबोधनों में यह दिखायी भी दिया। कांग्रेस ने के नारे के साथ प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। एक ही कार्यकाल में तीन-तीन मुख्यमंत्रियों की तैनाती को राज्य सरकार की नाकामियों से जोड़ते हुए कांग्रेस ने इसे उत्तराखंड विधानसभा चुनावों (Uttarakhand Vidhansabha Chunav) में प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया है। राज्य में कांग्रेस ने इसको लेकर बकायदा ‘तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा’ नारे के साथ कैंपेन शुरू कर दिया है। पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता लगभग हर चुनावी रैली, सभाओं और यात्राओं में इसे प्रमुखता से उठा रहे हैं। क्या है तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा कैंपैन? कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दशौनी ने कहा कि इस अभियान के जरिये हम भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल की नाकामियों को आमजन के बीच ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का विकास का वादा मुख्यमंत्री बदलने तक सीमित रहा। इस छोटे से प्रदेश में पांच सालों में एक के बाद एक तीन मुख्यमंत्री थोपे गए, लेकिन ये तीनों मुख्यमंत्री मिलकर भी भाजपा शासनकाल की बड़ी उपलब्धि नहीं गिना सकते हैं। इसलिए कांग्रेस ने तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा कैंपेन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर है, भष्ट्राचार चरम पर है। यही वजह है कि भाजपा के विद्यायक को अपने ही मंत्री के विभाग के भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करनी पड़ रही है। राज्य में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों का ग्राफ बढ़ रहा है। मुख्यमंत्रियों के बदलने के कारण योजनाएं पूरी होने से पहले ही रुक जाती हैं। सरकार के विवादित निर्णयों के चलते राज्य में जबरदस्त आक्रोश रहा, लंबे समय तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों को आंदोलन करना पड़ा। स्थिति यह रही कि एक मुख्यमंत्री के निणर्य को दूसरे मुख्यमंत्री को खारिज करना पड़ा। भाजपा को देनी पड़ रही है सफाई दूसरी ओर गुरुवार को उत्तरकाशी में विजय संकल्प यात्रा के अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को इस मसले पर कहना पड़ा कि सीएम बदलने से कोई विकास कार्य प्रभावित नहीं हुए। उत्तरकाशी में भारतीय जनता पार्टी की गढ़वाल मंडल की विजय संकल्प यात्रा का समापन हुआ था। इस मौके पर उत्तरकाशी के जोशियाड़ा में आयोजित जनसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में तीन-तीन सीएम बदलने की बात की जा रही है, यह हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है। बड़ी पार्टी होने के नाते, सोच समझकर कार्य किया जाता है। सीएम बदलने से कोई विकास कार्य प्रभावित नहीं हुए हैं। कांग्रेस इसके जरिए फिर से सरकार बनाने की उम्मीद में वहीं, कांग्रेस की चुनाव समिति के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने गुरुवार को लालकुंआ में कांग्रेस की ओर से आयोजित चुनावी सभा में इसी मसले को उभारा। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भाजपा पांच साल केवल मुख्यमंत्री ही बदलती रही। चुनाव के समय पर अब लोगों की भावनाओं से खेल रही है, सीएम और पीएम अश्वासनों का पिटारा खोलने में लगे हैं। तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा कैंपेन के बारे में बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि यह गीत परिवर्तन को इंगित करता है। कांग्रेस यह परिवर्तन सत्ता के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र बचाने के लिए चाहती है। उनका कहना था कि उत्तराखंड को लेकर पूर्व में डबल इंजन की बात की गई थी। पीएम मोदी बार-बार इसका जिक्र करते थे, लेकिन इस डबल इंजन का नाकारपन भारतीय जनता पार्टी ने तीन-तीन मुख्यमंत्रियों के जरिये खुद स्वीकार किया है। दशौनी ने कहा कि इस कैंपेन के जरिये हम राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के साथ भ्रष्टाचार के बढ़ते आंकड़ों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा में सरकार की असफलता, पलायन और विकास जैसे मुद्दो पर भी लोगों के बीच सरकार की कमजोरियों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। बहरहाल भाजपा इसे पार्टी का अंदरूनी मामला मानकर विपक्षियों को शांत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस समेत अन्य प्रमुख दल मुख्यमंत्रियों के बदले जाने के सवाल को राज्य के विकास कार्यक्रमों के बाधित होने से जोड़कर लोगों के बीच माहौल बनाने की दिशा में सक्रिय हैं।


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