![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/88647962/photo-88647962.jpg)
देहरादूनहरिद्वार में हाल में आयोजित ‘धर्म संसद’ के दौरान कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले की जांच के लिए रविवार को एसआईटी गठित की गई। गढ़वाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के एस नागन्याल ने बताया कि मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी होगी तो नागन्याल ने बताया कि निश्चित तौर पर अगर जांच में पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो गिरफ्तारी होगी। अधिकारी ने कहा, ‘हमने एसआईटी का गठन किया है। वह जांच करेगी। अगर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने बताया कि इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जिनमें वसीम रिजवी, जिन्होंने पिछले महीने हिंदू धर्म अपनाने के बाद जितेंद्र नरायण त्यागी नाम रख लिया है, साधवी अन्नपूर्णा धर्मदास,संत सिंधु सागर और धर्म संसद के आयोजक और गाजियाबाद के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिम्हानंद शामिल हैं। उत्तराखंड सरकार पर हरिद्वार में 16 से 19 दिसंबर के बीच आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुस्लिमों के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों पर कार्रवाई करने को लेकर काफी दबाव है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशकों क्रमश: विभूति नारायण राय और विकास नारायण राय सहित सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कहा कि ‘संसद’ विभिन्न धर्मों के शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की उत्तराखंड की लंबी परंपरा पर काला धब्बा है। मुस्लिम समुदाय ने की कार्रवाई की मांग मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी शुक्रवार को देहरादून और हरिद्वार में मार्च निकाला ‘धर्म संसद’ में नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3eILEkq
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें