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मेला के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कहा कि मेला औपचारिक रूप से एक अप्रैल को शुरू हुआ जब तक कोविड की दूसरी लहर पहले ही महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चलने लगी थी।
गुंज्याल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘अगर हम हरिद्वार जिले के एक जनवरी से 30 अप्रैल को कुंभ समाप्त होने तक के आंकड़ों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करें तो कुंभ को महामारी का सुपर-स्प्रेडर बताने की धारणा अनुचित लगती है।’’
गुंज्याल कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में संपूर्ण सुरक्षा बंदोबस्त के प्रभारी थे।
उन्होंने कहा कि जिले में एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख आरटी-पीसीआर जांच की गयीं थीं जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला में तैनात 16,000 से अधिक पुलिस कर्मियों में से केवल 88 ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाये गये।
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