टिहरी टिहरी रियासत के नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में महाराजा टिहरी के राजशाही कार्यों व राजपुरोहित का कार्य देख रहे पंडित सम्पूर्णानन्द जोशी का कोरोना की वजह से निधन हो गया है। जोशी के निधन के कारण नरेंद्रनगर राजमहल सहित आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। इसी राजमहल से बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तारीख भी तय की जाती थी। कौन थे राजपुरोहित पंडित सम्पूर्णानन्द जोशी के पूर्वज भी टिहरी रियासत के राजमहल में महाराजा टिहरी के राजपुरोहित थे। जिनकी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए वर्षों से पंडित सम्पूर्णानन्द जोशी नरेंद्रनगर स्थित महाराजा के राजमहल में राजपुरोहित का कार्य कर रहे थे। बीते दिनों 57 वर्षीय राजपुरोहित पंडित सम्पूर्णानन्द जोशी की तबीयत बिगड़ गई थी। जिनकी स्वास्थ्य जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद उन्हें देहरादून स्थित दून अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। जोशी के निधन के बाद शोक की लहर राजपुरोहित के निधन की सूचना मिलते ही महाराजा मनुजयेंद्र शाह, टिहरी सांसद मालाराजलक्ष्मी शाह, क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने शोक व्यक्त किया है। राजपुरोहित पंडित सम्पूर्णानन्द जोशी महाराजा टिहरी के नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में सभी राजशाही व्यवस्थाओं के साथ ही राजपुरोहित का कार्य देखते थे। यहीं से श्री बद्रीनाथ जी के कपाट खोलने की तारीख घोषित की जाती है। जिसका जिम्मा भी राजपुरोहित पंडित सम्पूर्णानन्द जोशी ही देखते थे।
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