सोमवार, 31 मई 2021

पिथौरागढ़ः सीमा पर फिर मजबूत साबित हुआ भारत, आपत्ति के बावजूद चीन बॉर्डर तक बनी सड़क को आवागमन के लिए खोला

विनीता कुमार, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हिमस्खलन के चलते 30 फीट बर्फ में दबे आदि कैलाश यात्रा मार्ग को खोलने में बीआरओ ने रविवार को सफलता हासिल कर ली है। चीन और भारत की सीमा को जोड़ने वाला यह मार्ग सामरिक नजरिये से काफी महत्वपूर्ण है। धारचूला बीआरओ के 65 आरसीसी ग्रिफ ने 14 से 19 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी से ज्योलीकांग तक 35 किलोमीटर सड़क को आवागमन के लिए खोल दिया है। हालांकि उत्तराखंड में बन रहे इस मार्ग को लेकर नेपाल और चीन ने आपत्ति दर्ज की थी। इस मार्ग के बन्द होने से सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही बॉर्डर के अंतिम गांव कुटी में माइग्रेशन की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई थीं। इसे देखते हुए बीआरओ के कर्मचारियों ने युद्ध स्तर पर काम करते हुए मार्ग को खोल दिया है। मार्ग खुलने से सीमा पर तैनात जवानों के साथ ही सीमांत में रहने वाले ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है। वहीं चीन सीमा के करीब तक मार्ग खोलकर भारत ने फिर से अपनी मजबूत स्थिति को दर्ज कराया है। बता दें कि बीआरओ ने पिछले साल गुंजी-कुटी-ज्योलीकांग तक सड़क का निर्माण कर दिया था। शीतकाल में सुरक्षाकर्मी और गांव के लोग नीचे की घाटियों में आ जाते हैं लेकिन इस बार अधिक बर्फबारी और हिमस्खलन की वजह से यह मार्ग बंद हो गया था। इसे खोलने में बीआरओ को दिन-रात कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सड़क खुल जाने से व्यास घाटी के 7 गांव के साथ ही सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को आवागमन में राहत मिलेगी। व्यास घाटी के गांव के लोग पूजा पाठ और अपने मृत व्यक्तियों के अस्थियां ज्योलीकांग तीर्थस्थल में पहुंचाते हैं। मार्ग खुलने से ग्रामीणों ने बड़ी राहत की सांस ली। बीआरओ के कमांडर कर्नल एनके शर्मा ने बताया कि सीमा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के आवागमन में सुविधा हो। साथ ही सीमान्त के लोगों को माइग्रेशन में जाने में दिक्कत न हो। इसे देखते हुए सड़क को खोलने के काम में तेजी लाई गई। अब सड़क खुल जाने पर सड़क निर्माण के अन्य कार्यों में भी तेजी आएगी।


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