सोमवार, 31 मई 2021

उत्तरकाशी: बैल के साथ किसान खेत पर कर रहा था बुआई, हाईटेंशन लाइन का तर गिरा, अन्नदाता और 1 की मौत, दूसरा बैल अपने मालिक को खड़ा देखता रहा

उत्तरकाशी, रजनीश कुमार विद्युत विभाग की भारी लापरवाही के चलते हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर खेत मे मंडुआ बुआई कर रहे 58 वर्षीय किसान औ उसके एक बैल पर जा गिरा। जिससे किसान और उसके बैल की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। इससे पूर्व भी गांव में एक बैल करंट लगने से मर चुका है। करंट के कारणों की जांच करेगी राजस्व पुलिस मिली जानकारी के अनुसार, उतरकाशी की तहसील चिन्यालीसौड़ के राजस्व पुलिस क्षेत्रांतर्गत पट्टी दशगी के ग्राम सभा बडली निवासी केंद्र सिंह गांव के समीप सिलात्रा तोक पर खेत में दो बैलों के साथ मंडुआ की बुआई का कार्य कर रहा था। इसी दौरान खेत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन का एक तार टूट गया। जिसकी चपेट में आने से केंद्र सिंह और उसके एक बैल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके दूसरे बैल की जान किसी तरह बच गई। राजस्व पुलिस अधिकारी जीएल शाह ने मौके पर पहुंचकर जांच कर दोषी पाए जाने पर विद्युत विभाग के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। विद्युत विभाग के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग घटना के बाद से स्थानीय ग्रामीणों में विद्युत विभाग के खिलाफ खासी नाराजगी देखी जा रही है। ग्राम प्रधान मालदेई देवी ने बताया कि इससे पहले भी विद्युत विभाग की भारी लापरवाही के कारण गांव के किसान सुमनू लाल के बैल की मौत भी करंट लगने से हो चुकी है। उत्तराखंड क्रांतिदल (डेमोक्रेटिक) के केंद्रीय महासचिव मंगत सिंह रमोला ने राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने और विद्युत विभाग की लापरवाही पर कार्रवाई करने की मांग की है।


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बॉर्डर के आखिरी गांवों तक पहुंचा कोरोना, कई गांवों का सड़क से न जुड़ना बना परेशानी का सबब

पिथौरागढ़ कोरोना का कहर बॉर्डर के अंतिम गांवों तक भी पहुंच गया है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ये गांव चीन और नेपाल बॉर्डर पर बसे हैं। यहां न तो स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, न सड़क और न ही कम्युनिकेशन का कोई साधन। चीन बॉर्डर पर बसे पातो गांव के नरेंद्र सिंह ढकरियाल को तीन-चार दिनों से तेज बुखार था। जब हालत गंभीर होने लगी तो गांव वालों ने प्रशासन से मदद मांगी। हेलिकॉप्टर की मांग की गई लेकिन मौसम खराब होने की वजह से हेलिकॉप्टर का इंतजाम नहीं हो पाया। 32 साल के नरेंद्र सिंह को तब प्रशासन और गांव के 16 लोगों ने 54 किलोमीटर दूर कोविड केयर सेंटर पहुंचाया। इसमें 61 घंटों का वक्त लगा क्योंकि बॉर्डर का यह गांव सड़क से नहीं जुड़ा है। 61 घंटे में बॉर्डर के गांव से कोविड केयर सेंटर पहुंच पाया मरीज मरीज को डोली में रखकर उबड़-खाबड़ रास्तों में 42 किलोमीटर पैदल चलकर पहले सड़क तक पहुंचाया गया। यहां से 12 किलोमीटर का सफर एंबुलेंस में तय किया। इस तरह 61 घंटे में बॉर्डर के गांव से मरीज मुनस्यारी के कोविड केयर सेंटर तक पहुंचाया जा सका। यह सिर्फ एक गांव का हाल नहीं है। 23 गांव ऐसे हैं जो सड़क से नहीं जुड़े हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ही करीब 23 गांव ऐसे हैं जो सड़क से नहीं जुड़े हैं। इन गांवों की कुल आबादी करीब 20 हजार है। इन गांवों की सड़क से दूरी 5 किलोमीटर से लेकर 42 किलोमीटर तक है। यहां जब भी कोई बीमार होता है तो मरीज को डोली में बैठाकर ही लोग सड़क तक उठाकर लाते हैं। ये गांव अति दुर्गम इलाके में हैं। 40 किलोमीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में पहुंची चीन बॉर्डर पर बसे गांव पातो, धापा, मिलम सहित कई गांवों से जब यह जानकारी आई कि कई लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार है तब स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में भेजी गई। 40 किलोमीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम इन गांवों में पहुंची और कोविड टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लिए। इनमें एक दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। टेस्ट करने के लिए कई दिन पैदल चलकर पहुंचती है टीम वैसे तो पूरे राज्य में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं लेकिन दूर दराज के इलाकों में संक्रमण फैलना बड़ी मुसीबत इसलिए हो सकता है क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। यहां टेस्ट करने के लिए कई दिन पैदल चलकर टीम भेजी जाती है और गंभीर मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने में ही काफी वक्त लग जाता है।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के 1156 नए मामले, 44 मरीजों की मौत

देहरादून, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1156 नए मामले सामने आए और 44 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हो गई जबकि ब्लैक फंगस से पीडित दो मरीजों ने भी दम तोड दिया।

यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 329494 हो चुकी है। नए मामलों में सर्वाधिक 205 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर में 173, नैनीताल में 161 और हरिद्वार में 105 मामले सामने आए।

इसके अलावा, 44 मरीजों की मौत के बाद प्रदेश में अब तक कुल 6452 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं।

प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 28371 हैं जबकि 288928 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।

इस बीच, प्रदेश में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के 23 और मामले सामने आए जबकि दो मरीजों ने इससे दम तोड़ दिया। इस रोग से पीड़ित अब तक 221 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है।



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पिथौरागढ़ः सीमा पर फिर मजबूत साबित हुआ भारत, आपत्ति के बावजूद चीन बॉर्डर तक बनी सड़क को आवागमन के लिए खोला

विनीता कुमार, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हिमस्खलन के चलते 30 फीट बर्फ में दबे आदि कैलाश यात्रा मार्ग को खोलने में बीआरओ ने रविवार को सफलता हासिल कर ली है। चीन और भारत की सीमा को जोड़ने वाला यह मार्ग सामरिक नजरिये से काफी महत्वपूर्ण है। धारचूला बीआरओ के 65 आरसीसी ग्रिफ ने 14 से 19 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी से ज्योलीकांग तक 35 किलोमीटर सड़क को आवागमन के लिए खोल दिया है। हालांकि उत्तराखंड में बन रहे इस मार्ग को लेकर नेपाल और चीन ने आपत्ति दर्ज की थी। इस मार्ग के बन्द होने से सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही बॉर्डर के अंतिम गांव कुटी में माइग्रेशन की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई थीं। इसे देखते हुए बीआरओ के कर्मचारियों ने युद्ध स्तर पर काम करते हुए मार्ग को खोल दिया है। मार्ग खुलने से सीमा पर तैनात जवानों के साथ ही सीमांत में रहने वाले ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है। वहीं चीन सीमा के करीब तक मार्ग खोलकर भारत ने फिर से अपनी मजबूत स्थिति को दर्ज कराया है। बता दें कि बीआरओ ने पिछले साल गुंजी-कुटी-ज्योलीकांग तक सड़क का निर्माण कर दिया था। शीतकाल में सुरक्षाकर्मी और गांव के लोग नीचे की घाटियों में आ जाते हैं लेकिन इस बार अधिक बर्फबारी और हिमस्खलन की वजह से यह मार्ग बंद हो गया था। इसे खोलने में बीआरओ को दिन-रात कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सड़क खुल जाने से व्यास घाटी के 7 गांव के साथ ही सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को आवागमन में राहत मिलेगी। व्यास घाटी के गांव के लोग पूजा पाठ और अपने मृत व्यक्तियों के अस्थियां ज्योलीकांग तीर्थस्थल में पहुंचाते हैं। मार्ग खुलने से ग्रामीणों ने बड़ी राहत की सांस ली। बीआरओ के कमांडर कर्नल एनके शर्मा ने बताया कि सीमा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के आवागमन में सुविधा हो। साथ ही सीमान्त के लोगों को माइग्रेशन में जाने में दिक्कत न हो। इसे देखते हुए सड़क को खोलने के काम में तेजी लाई गई। अब सड़क खुल जाने पर सड़क निर्माण के अन्य कार्यों में भी तेजी आएगी।


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उत्तराखंड में आठ जून तक बढ़ाया गया कोविड कर्फ्यू

देहरादून, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को कोविड कर्फ्यू को आठ जून तक बढ़ाने की घोषणा की। एक जून को प्रातः छह बजे कर्फ्यू की अवधि समाप्त हो रही थी।

प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा यहां जारी आदेश के अनुसार, राज्य में कोविड कर्फ्यू को सात और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है जो अब आठ जून की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।

हालांकि, इस दौरान प्रमाण दिखाने पर टीकाकरण के लिए जाने की लोगों को छूट रहेगी जबकि पहले की तरह ही अधिकतम 20 लोगों को 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट के साथ जिला प्रशासन की अनुमति से किसी विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति होगी।

इसके अलावा, अंत्येष्टि में भी अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकते हैं।

अग्रिम आदेशों तक प्रदेश में सभी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक समारोह, मनोरंजन और खेल गतिविधियां बंद रहेंगी जबकि शैक्षणिक, कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, शापिंग मॉल, स्टेडियम, जिम, शराब की दुकानें, बार आदि भी इस दौरान बंद रहेंगे।

दूसरे प्रदेशों से आने वालों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना और 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा जबकि बाहर से उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों को सात दिनों तक गांव में स्थापित पृथक-वास केंद्रों में रहना होगा ।

आदेश के अनुसार, इस दौरान दवाइयों की दुकानें तथा जांच प्रयोगशालाएं आदि 24 घंटे तथा बैंक की शाखाएं सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक खुल सकेंगी।

कोविड कर्फ्यू के दौरान सरकारी राशन की दुकानें प्रतिदिन सुबह आठ बजे से 11 बजे तक जबकि राशन और किराने के सामान की दुकानें एक जून और पांच जून को सुबह आठ बजे से एक बजे तक खुलेंगी। इसके अलावा, जरूरी सामानों जैसे दूध, मीट, मछली, फल और सब्जी की दुकानें सुबह आठ बजे से 11 बजे तक खुलेंगी।

इस अवधि में दस वर्ष की उम्र से छोटे और 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कारणों के अलावा बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।



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मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह में टिहरी जिला अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र शुरू करने के निर्देश दिए

नई टिहरी, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को टिहरी में स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण किया और एक सप्ताह के भीतर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र शुरू करने के निर्देश दिए।

जिला अस्पताल बौराड़ी और कोविड सेंटर बीपुरम, संयुक्त अस्पताल नरेंद्रनगर का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिला अस्पताल में निर्माणाधीन ऑक्सीजन संयंत्र को एक सप्ताह के भीतर शुरू करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने बीपुरम के हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में बने कोविड केयर सेंटर का पीपीई किट पहनकर निरीक्षण किया।

उन्होंने कोविड सेंटर नरेंद्रनगर जाकर मरीजों का हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री ने जिले की 95.73 करोड़ रुपये की लागत से कुल 42 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया और कहा, ''हमें कोविड बचाव के साथ-साथ प्रदेश के विकास के लिए भी आगे बढ़ना होगा।''



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Baba Ramdev News: एलोपैथी Vs रामदेव विवाद पर बोले बाबा- ड्रग माफिया से है मेरी लड़ाई, IMA को गंभीरता से नहीं लेता

देहरादून एलोपैथी पर दिए गए अपने बयान की वजह से योगगुरु बाबा रामदेव सुर्खियों में बने हुए हैं। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन के कहने के बाद रामदेव ने अपने बयान पर भले ही माफी मांग ली हो पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से उनका छत्‍तीस का आंकड़ा बना हुआ है। बाबा का कहना है कि वह न तो एलोपैथी के खिलाफ और न ही डॉक्‍टरों के। उनकी लड़ाई तो उन ड्रग माफिया से है, जो दो रुपये की दवाई को 10 हजार रुपये तक बेच देते हैं। एक न्‍यूज चैनल से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा- 'मेरी लड़ाई उन ड्रग माफिया के खिलाफ है जो गैर जरूरी ऑपरेशन करते हैं, गैर जरूरी टेस्‍ट करते हैं। ये मैं नहीं कहता। मेदांता हॉस्पिटल के हेड डॉक्‍टर नरेश त्रेहान और एम्‍स के डायरेक्‍टर डॉक्‍टर रणदीप गुलेरिया भी यही कहते हैं।' बाबा ने कहा कि वह आईएमए के खिलाफ नहीं है। आईएमए को अपनी राजनीति चलानी है, डॉक्‍टरों के बीच नेतागिरी करनी है तो उनके साथ लड़ाई का कोई सवाल ही नहीं है। आईएमए को वह गंभीरता से नहीं लेते। वॉट्सऐप मैसेज को पढ़ा था, मेरा बयान नहीं था' रामदेव ने कहा- 'मैं किसी विवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहता हूं। मैं मॉडर्न मेडिकल साइंस का बहुत सम्‍मान करता हूं। उन्‍होंने लाइफ सेविंग ड्रग्‍स दिए हैं और एडवांस सर्जरी की है। लेकिन 98 फीसदी बीमारियां चाहें वह बीपी हो, शुगर, थाइराइड, अर्थराइटिस हो या फिर फैटी लिवर, इनका इलाज हम योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी से कर सकते हैं।' बाबा ने एक बार फिर कहा कि एलोपैथी पर उनके जिस बयान पर विवाद हुआ, वह उनका नहीं था, उन्‍होंने वॉटसऐप पर आए एक मैसेज को पढ़ा था 'मेरी बायोलॉजिकल उम्र 25 साल, लास्‍ट में लूंगा टीका' रामदेव ने एक दिन पहले कहा था कि उन्‍हें कोरोना वैक्‍सीनेशन की जरूरत नहीं है। इस पर उन्‍होंने स्‍पष्‍टीकरण दिया कि वह अभी हट्टे कट्टे हैं। उनका हार्ट, बीपी, किडनी, लिवर और इम्‍युनिटी सब अभी ठीक है। उनकी बायोलॉजिकल उम्र सिर्फ 25 साल है। पहले कमजोर लोगों को वैक्‍सीन लगनी चाहिए। वह वैक्‍सीन के समर्थक हैं और सबसे अंत में टीका लगवाएंगे।


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उत्तरकाशी में अवैध अफीम की फसल नष्ट की गयी, दो पर मुकदमा दर्ज

उत्तरकाशी, 31 मई (भाषा) उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की राजस्व टीम ने मोरी क्षेत्र में एक विशेष अभियान चलाकर 16 से अधिक गांवों में 0.401 हेक्टेयर पर की गई अवैध पोस्त अफीम की फसल को नष्ट किया। साथ ही खन्ना गांव के दो व्यक्तियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

तहसीलदार चमन सिंह ने बताया कि राजस्व तथा वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे एक सप्ताह के विशेष संयुक्त अभियान के दौरान मोरी ब्लॉक के बंगाण क्षेत्र के चिंवा, माउंडा, बालचा और हिमाचल-उतराखंड सीमा से लगे देवल, किराणु, पावली, किरोली, हलटाडी, पासा सहित फते पर्वत क्षेत्र के खन्ना, मसरी पुजेली, खन्यासणी, सट्टा, किरोली समेत अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से अफीम की खेती की जा रही थी जिसे नष्ट कर दिया गया।

राजस्व पुलिस ने अफीम की खेती कर रहे खन्ना गांव के बाबूलाल और उसके पुत्र आशीष कुमार के विरुद्ध नशीली दवा एवं मादक पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

उन्होंने बताया कि पंचगाई क्षेत्र के लिवाडी, फिताडी, पांवमला, लवासु, दुवासी, डामटी, थुनारा, झोटाडी, माउंडा, राला, कास्ला, जखोल, सावणी, सटूडी में भी भारी मात्रा में वन भूमि और निजी भूमि पर अवैध रूप से अफीम की फसल बोई गई है और उसे भी नष्ट करने के लिए जल्द ही अभियान शुरू किया जाएगा।



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उत्तराखंड में 8 जून तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, अब 8 से 1 बजे तक खुल सकेंगी फल-सब्जी की दुकानें

करन खुराना, देहरादून उत्तराखंड में लागू को सरकार द्वारा एक बार फिर 8 जून तक बढ़ा दिया है। 10 मई से शुरू हुआ कोरोना कर्फ्यू का यह चौथा चरण है। 10 मई से 17 मई,18 मई से 25,26 मई से 31 मई और अब 1जून से 8 जून तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा। कोरोना महामारी के कारण जब प्रदेश में हालात हाथ से निकलते हुए दिखे, तब सरकार ने कोविड कर्फ्यू लागू किया था। 10 मई से शुरू कोविड कर्फ्यू में जो प्रतिबंध लागू किए गए थे, वो सभी यथावत रहेंगे लेकिन सरकार की ओर से समय में परिवर्तन करते हुए दूध, फल, सब्जी, डेरी आदि की दुकानें 8 से 1 खोलने का फैसला लिया गया है और इस दौरान परचून की दुकान 1 जून और 5 जून को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक खुलेंगी। इसके साथ ही 1 जून को सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक स्टेशनरी की दुकानें भी खोलने का फैसला लिया गया है। कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबिध उनियाल ने बताया कि पहले से हालात काफी सुधरे हैं लेकिन आम जनता का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है इसलिए एक हफ्ते का कोविड कर्फ्यू अभी और रहेगा। 8 जून के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा


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रविवार, 30 मई 2021

Lockdown in Uttarakhand: उत्तराखंड में एक हफ्ते के लिए और बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू, कुछ नियम बदले

देहरादून उत्तराखंड में कोरोना के घटते मामलों के बीच राज्य सरकार ने कर्फ्यू को 7 जून तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। सरकार की ओर से प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि प्रदेश में कर्फ्यू की पाबंदियां 7 जून सुबह तक लागू रहेंगी। वहीं 1 और 5 जून को किराने की दुकानों को खोला जाएगा। 1 जून से प्रदेश में स्टेशनरी की दुकानों को भी खोलने की इजाजत दी जाएगी। प्रदेश में अब तक दुकानों को खोलने की समय सीमा 8 से 11 बजे तक थी। इसे अब दोपहर 1 बजे तक कर दिया गया है। इसके अलावा 1 और 5 जून को किराने की दुकानों को खुलने की इजाजत दी गई है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कर्फ्यू के लिए विस्तृत गाइडलाइन जल्द ही जारी हो जाएंगी। 32 लोगों की कोरोना से मौत उत्तराखंड में शुक्रवार को कोविड-19 के 1226 नए मरीज सामने आए थे और 32 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 328338 हो चुकी है। सर्वाधिक 276 कोविड-19 मरीज पिथौरागढ जिले में मिले जबकि देहरादून में 241, हरिद्वार में 159 और पौडी गढवाल में 100 और टिहरी गढवाल में 94 मामले सामने आए। 6400 लोगों ने कोरोना से गंवाई जान इसके अलावा, 32 मरीजों के दम तोड़ देने से प्रदेश में अब तक कुल 6401 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं । प्रदेश में उपचाराधीन मरीज 30357 हैं, जबकि 285889 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।


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उत्तराखंड में सामने आये कोरोना वायरस के 1226 नये मामले, 32 मौतें

देहरादून, 30 मई (भाषा) उत्तराखंड में शुक्रवार को कोविड-19 के 1226 नए मरीज सामने आये और 32 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हो गई जबकि ब्लैक फंगस से पीडित छह और मरीज सामने आए ।

यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 328338 हो चुकी है। आज सर्वाधिक 276 कोविड-19 मरीज पिथौरागढ जिले में मिले जबकि देहरादून में 241, हरिद्वार में 159 और पौडी गढवाल में 100 और टिहरी गढवाल में 94 मामले सामने आए।

इसके अलावा, 32मरीजों के दम तोड़ देने से प्रदेश में अब तक कुल 6401 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।

प्रदेश में उपचाराधीन मरीज 30357 हैं जबकि 285889 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं ।

इस बीच, प्रदेश में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के छह और मामले सामने आने से अब तक इस रोग के 198 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 15 की मृत्यु हो चुकी है ।



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अल्मोडा में आक्सीजन उत्पादन संयंत्र चालू

देहरादून, 30 मई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को अल्मोड़ा के बेस अस्पताल और अल्मोडा जिला अस्पताल में दो ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों का लोकार्पण किया। कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में लगने वाले ये पहले ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र हैं।

मुख्यमंत्री रावत ने डिजिटल माध्यम से अल्मोडा मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत के बेस अस्पताल में 500×2 एलपीएम एवं अल्मोड़ा जिला अस्पताल में 216 एलपीएम के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों का लोकार्पण करने के बाद कहा कि इनकी स्थापना से अल्मोड़ा एवं उसके आसपास के जिलों को लाभ होगा तथा हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल पर बोझ भी कम होगा।

रावत ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं तथा प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में औसतन अधिक जांच हो रही है ।

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बनाई गई निगरानी समितियों के स्तर पर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया।

रावत ने कहा कि राज्य में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अधिकांश लोगों का टीकाकरण हो चुका है जबकि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण में तेजी लाने के लिए अन्य देशों से भी टीके मंगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री एवं अल्मोड़ा जिले की कोविड प्रभारी मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि कोरोना वायरस के विरूद्ध लड़ाई के लिए हम एक कदम और आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सोमेश्वर में भी ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की स्थापना का कार्य शुरु हो चुका है जो जल्द पूर्ण हो जायेगा।



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उत्तराखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं ने गांव—गाँव में बांटी जरूरत की सामग्री

देहरादून, 30 मई (भाषा) केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे होने के मौके पर रविवार को देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी भाजपा सांसदों, विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों समेत कार्यकर्ताओं ने कोरोना प्रभावितों की मदद के लिए अभियान चलाया ।

'सेवा ही संगठन' अभियान के तहत प्रदेश भर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांव—गांव जाकर जरुरतमंदों को मास्क, सैनिटाइजर, राशन किट और अन्य जरुरी सामान वितरित किए ।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और मासी तथा पौडी जिले के तलई नीलकंठ और बंथ्याण्डी गांवों के कार्यकर्ताओं से डिजिटल संवाद किया तथा कोरोना वायरस महामारी में मदद कर रहे कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों के प्रयासों की सराहना की ।

देहरादून जिले के ऋषिकेश में प्रतीतनगर बाल्मीकि बस्ती मे आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम तथा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जरूरतमंदों को राशन किट, मास्क एवं सैनिटाइजर वितरित किए ।

इस अवसर पर गौतम ने कहा कि कोरोना से बचाव तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पार्टी संगठन द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करने, मास्क पहनने एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का यही एकमात्र उपाय है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भाजपा सरकार समर्पित भाव से देश भर में लोगों की सेवा कर रही है । उन्होंने कहा कि इस कठिन दौर में स्वयं के साथ—साथ देश को भी बचाना है ।

गौतम ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ मिलकर हरिद्वार के कलियर के भारापुर भौरी गाँव सहित कई स्थानों पर राहत सामग्री का वितरण किया।

प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांव—गांव जाकर सेवा अभियान चलाया और बूथ स्तर तक आम लोगों तक पहुंच बनाकर कोरोना का अस्तित्व मिटने तक यह अभियान जारी रहेगा ।

इसके अलावा, लोकसभा सांसद अजय भट्ट नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कोटाबाग में, लोकसभा सांसद अजय टम्टा अल्मोडा जिले के बजेटी गांव में, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल हरिद्वार जिले के भगवानपुर व रुड़की, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत डोईवाला के नवादा में आयोजित रक्तदान शिविर में सम्मिलित हुए ।

प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी थानों गाँव में, सुरेश भट्ट रायपुर के नुनूरखेड़ा व धर्मपुर के रक्तदान शिविर में, कुलदीप कुमार विकासनगर के बरोटीवाला, लक्ष्मीपुर व हरबर्टपुर वैरागीवाला में आयोजित रक्तदान शिविर में शामिल हुए तथा जरूरतमंदों की भी सहायता की।



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उत्तराखंड कांग्रेस ने महंगाई, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर रखा मौन उपवास

देहरादून, 30 मई (भाषा) उत्तराखंड में कथित रूप से ध्वस्त हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं और लगातार बढती महंगाई के विरोध में रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में सभी जिला, शहर, ब्लॉक और नगर मुख्यालयों में सांकेतिक मौन उपवास रखा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में राज्य कांग्रेस मुख्यालय में भी कांग्रेस कार्यकर्ता एक घंटे के मौन उपवास पर बैठे।

उपवास पर बैठे कांग्रेस नेताओं ने 'डीजल और पेट्रोल की बढती महंगाई को वापस लो', 'स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल’ और ‘फेल हुई सरकार' जैसे नारे लिखी हुई तख्तियां हाथ में ली हुई थीं।

उपवास से पहले सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार महंगाई और कोरोना महामारी को रोकने के दोनों मोर्चों पर विफल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीब आदमी पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ उसे महंगाई मार रही है और दूसरी ओर कोरोना महामारी को रोक पाने में सरकार की विफलता का खामियाजा भी उसे ही भुगतना पड़ रहा है।’’

सरकार को जनता को महंगाई से निजात दिलाने का वादा याद कराते हुए सिंह ने कहा कि वह मांग करते हैं कि सरकार महंगाई और कोरोना महामारी दोनों मोर्चों पर जनता को राहत दिलाए।



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पिथौरागढ़ में आदिवासी कोविड जांच से बचने के लिए जंगलों में भागे

पिथौरागढ़, 30 मई (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक गांव में रहने वाली बन रावत जनजाति के लोग हाल में जिला स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम के कोविड-19 जांच के लिए पहुंचते ही घरों से जंगलों की ओर भाग गए।

डीडीहाट के उपजिलाधिकारी केएन गोस्वामी ने रविवार को बताया कि अपने गांव में कोविड जांच टीम के पहुंचने की सूचना पाने पर शर्मीले आदिवासी घरों के आसपास के जंगलों में भाग गए ।

अधिकारी ने बताया, “हमने औलतारी और जमतारी गांवों के निवासियों की जांच कर ली लेकिन कुटा चौरानी में रहने वाले लोग जंगलों में भाग गए।”

बन रावत समुदाय को वर्ष 1967 में भारत सरकार ने एक आदिम जनजाति घोषित किया है जो विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी है ।

गोस्वामी ने बताया कि इस अत्यंत लुप्तप्राय: जनजाति के 500 से ज्यादा सदस्य डीडीहाट सबडिवीजन में आठ स्थानों पर रहते हैं। उन्होंने कहा, “हमने अपनी कोरोना जांच टीमों को औलतारी, जमतारी और कुटा चौरानी गांवों में भेजा था । औलतारी और जमतारी में रहने वाले 191 सदस्यों ने आगे आकर अपनी जांच करवा ली लेकिन कुटा चौरानी के निवासी जांच से बचने के लिए जंगलों में भाग गए ।”

उपजिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को डर था कि जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्वैब स्ट्रिप से वे संक्रमित हो जाएंगे ।

कुटा चौरानी गांव में रहने वाले बन रावत समुदाय के एक बुजुर्ग जगत सिंह रजवार ने कहा कि स्वैब टेस्टर से उन्हें कोरोना संक्रमण हो जाएगा । उन्होंने कहा, “हम स्वास्थ्य जांच करवाने, दवाइयां खाने को तैयार हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि स्वैब स्ट्रिप हमारे शरीर में प्रवेश करे ।”

उपजिलाधिकारी के अनुसार, उनकी टीम ने समुदाय के कुछ साक्षर लोगों को समझाकर उन्हें अपनी जनजाति के लोगों में जांच की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने को प्रेरित किया है । उन्होंने कहा कि एक—दो दिन में फिर गांव में टीम भेजकर कोविड जांच नमूने लेने का प्रयास किया जाएगा ।

डीडीहाट यूथ सोसायटी के समन्वयक संजू पंत ने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों को विश्वास में लेकर उन्हें कोरोना किट बांटी गई हैं ।

पंत ने कहा कि कोविड की वजह से कोई काम न होने के कारण लुप्तप्राय: जनजाति समुदाय के लोग विषम दशाओं में रह रहे हैं और इस बारे में प्रशासन को सूचित कर दिया गया है ।

उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से जनजाति समुदाय के लोगों को खाद्य सामग्री के अलावा उपभोक्ता सामान भी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है ।

गोस्वामी ने बताया कि खाद्य सामग्री के अलावा बन रावतों को मसालों, तेल और अन्य जरूरी सामान भी निशुल्क वितरित किया गया है ।

उन्होंने कहा कि उन्होंने डीडीहाट के ब्लॉक विकास अधिकारी तथा पिथौरागढ़ के जिला विकास अधिकारी को पत्र लिखकर समुदाय के लोगों को मनरेगा के तहत काम देने को कहा है ।

गोस्वामी ने कहा, “हम समुदाय के लोगों को भूख का सामना नहीं करने देंगे । हम राजस्व अधिकारियों के जरिए उन पर नजर रखेंगे कि उन्हें खाने की कोई कमी न हो ।”



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शनिवार, 29 मई 2021

Baba Ramdev News: आमिर खान का वो वीडियो और योग गुरु की ललकार... IMA से 'जंग' में पीछे हटने को तैयार नहीं बाबा रामदेव

देहरादून एलोपैथिक डॉक्टरों और बाबा रामदेव के बीच छिड़ा विवाद खिंचता जा रहा है। बाबा रामदेव किसी भी तरह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वह लगातार डॉक्टरों को चुनौती दे रहे हैं। अब बाबा ने अभिनेता आमिर खान के होस्ट किए गए टेलीविजन शो 'सत्यमेव जयते' का एक काफी पुराना वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करके उन्होंने लिखा कि हिम्मत है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलें। इस वीडियो में डॉ. समित शर्मा नाम के एक एलोपैथ डॉक्टर बाजारों में उपलब्ध दवाओं की उच्च कीमतों के बारे में चर्चा करते दिख रहे हैं। बाबा ने लिखा कि 'इन मेडिकल माफियाओं में हिम्म्त है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलें।' सत्यमेव जयते का यह वीडियो किया शेयर बाबा रामदेव ने जो वीडियो शेयर किया है वह 2012 में प्रसारित सत्यमेव जयते के एक एपिसोड की क्लिप है। इसमें बताया गया है कि किस तरह डॉक्टर अपने फायदे के लिए मरीजों को कई गुना महंगी दवाएं खरीदने को विवश करते हैं। '50 गुना ज्यादा दामों पर बेचते हैं दवाएं' वीडियो में डॉ. शर्मा कह रहे हैं, 'दवाओं की वास्तविक कीमत काफी कम है। लेकिन जब हम उन्हें बाजार से खरीदते हैं, तो हमें वह दवाएं 50 गुना से ज्यादा रेट पर मिलती हैं। इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। भारत में 40 करोड़ से अधिक लोग अपने लिए दिन में दो वक्त की रोटी भी नहीं कर पाते हैं। क्या वे अधिक कीमत वाली दवाएं खरीद सकते हैं? इस बीच, आमिर खान चौंकते हुए पूछते हैं, 'कई लोग इस कारण (उच्च कीमत) दवाएं खरीदने में विफल रहते हैं?' क्या है जेनेरिक और ब्रैंडेड दवा में फर्क डॉ. शर्मा ने कहा, 'डब्ल्यूएचओ का कहना है कि आजादी के 65 साल बाद भी 65 फीसदी भारतीय आबादी के पास उच्च कीमतों के कारण आवश्यक दवाओं तक पहुंच नहीं है।' जेनेरिक मेडिसिन के बारे में वह समझाते हुए कहते हैं, 'दवा का मूल सॉल्ट जेनेरिक होता है। अगर सरल भाषा में कहें तो किसी को अगर सुबह शाम दूध पीने की सलाह दी जाती है, यह जेनेरिक हुआ, लेकिन डॉक्टर कहता है कि फला की दुकान का दूध पिओ। जब मरीज डॉक्टर के बताए गए ब्रैंड की दवा लेने जाता है तो उसे मनमाने दामों पर मिलता है।' '1.95 पैसे की मिलती हैं दस गोली और ब्रैंड बेचता है 117 रुपये में' डॉक्टर ने कहा कि जैसे डायबटीज की एक दवा जैसे 117 रुपये में मिलती है। उसकी जेनेरिट 1.95 पैसे में दस गोली मिलती हैं। दोनों में कोई फर्क नहीं है। इसी तरह ब्लड कैंसर की दवा के एक पैकेट की कीमत आमतौर पर 1.25 लाख रुपए होती है। वही जेनेरिक दवाएं लगभग 10,000 रुपए में खरीदी जा सकती हैं।' इस वीडियो में हुआ विवाद आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है। उन्‍होंने कहा था कि देश में औषधि महानियंत्रक की ओर से कोरोना के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं। उन्होंने कहा था कि अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए। डॉक्‍टरों के विरोध के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव के बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए इसे वापस लेने को कहा था। इसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था। ऐसे बढ़ता गया विवाद बाबा रामदेव ने बयान पर माफी मांगी लेकिन साथ ही आईएमए से 26 सवालों के जवाब मांगे थे। इधर आईएमए ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख स्वामी रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपये का दावा ठोकेगा। इसके जवाब में बाबा कहते नजर आए कि किसी के बाप में दम नहीं जो बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर सके।


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Tehri news: पैरेंट्स ने मोबाइल पर गेम खेलने से किया मना, नाराज बच्चा घर से भागा,पुलिस ने ढूंढा

टिहरी गढ़वाल, रजनीश कुमार मोबाइल पर गेम खेलने की आदत से परेशान परिजनों द्वारा बच्चे को डांटें जाने से नाराज बच्चा घर से अचानक भाग निकला। पुलिस की तत्परता व सीसीटीवी की मदद से बच्चे को चार घण्टे के भीतर सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। बेटे की सकुशल वापसी पर परिजनों ने पुलिस का आभार जताया। पिता ने दो वर्ष पूर्व बच्चे को दिया था एंड्रॉयड मोबाईल फोन टिहरी जिले के मुनिकीरेती थानाध्यक्ष कमल किशोर भण्डारी ने बताया कि पुलिस चौकी ढालवाला में रंजीत निवासी ढालवाल ने सूचना दी। कि उसने दो वर्ष पूर्व अपने पुत्र राघव (काल्पनिक नाम) को एक एंड्रॉयड मोबाईल फोन खरीद कर दिया था। उसके बाद से राघव मोबाइल पर गेम खेलने का बहुत आदी हो गया और पढ़ाई लिखाई से उसका ध्यान भटक गया। घर पर कोई भी राघव को मोबाइल पर गेम खेलने के लिए मना करता तो राघव नाराज हो जाता था। शुक्रवार को परिजनों ने राघव को मोबाइल का प्रयोग कम करने को कहा तो नाराज राघव घर पर किसी को बिना बताये कही चला गया। पुलिस ने चार घण्टे के भीतर बच्चे को खोज कर परिजनों के सुपुर्द किया थाना मुनी की रेती पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों व आस-पास के लोगों से बच्चे के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। इसी बीच पुलिस को एक बच्चा ढालवाला के समीप चंद्रभागा नदी में अकेले घूमता दिखाई दिया। पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम राघव पुत्र रंजीत उम्र 14 वर्ष बताया। जिसके बाद पुलिस बच्चे को ढालवाला पुलिस चौकी लेकर आयी और लगभग चार घण्टे के भीतर ही बच्चे को सकुशल उसके परिजनों के सुपूर्द कर दिया। पुलिस टीम में थाना मुनिकीरेती प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भण्डारी, उपनिरीक्षक मदन सिंह रावत, कांस्टेबल रामपाल, अवध नारायण व गिरीश नेगी शामिल रहे।


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आंकड़ों से साबित होता है कि हरिद्वार कुंभ से संक्रमण फैलने की बात अनुचित: मेला सुरक्षा प्रभारी

देहरादून, 29 मई (भाषा) हरिद्वार में लगे कुंभ मेले के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि आयोजन से कोविड संक्रमण तेजी से फैलने की बात कहना अनुचित है क्योंकि एक जनवरी से मेला समाप्त होने तक किये गये कुल आरटी-पीसीआर परीक्षणों में से केवल 0.2 प्रतिशत में लोगों के संक्रमित होने का पता चला, जबकि मेला में तैनात केवल 0.5 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए।

मेला के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कहा कि मेला औपचारिक रूप से एक अप्रैल को शुरू हुआ जब तक कोविड की दूसरी लहर पहले ही महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चलने लगी थी।

गुंज्याल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘अगर हम हरिद्वार जिले के एक जनवरी से 30 अप्रैल को कुंभ समाप्त होने तक के आंकड़ों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करें तो कुंभ को महामारी का सुपर-स्प्रेडर बताने की धारणा अनुचित लगती है।’’

गुंज्याल कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में संपूर्ण सुरक्षा बंदोबस्त के प्रभारी थे।

उन्होंने कहा कि जिले में एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख आरटी-पीसीआर जांच की गयीं थीं जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले।

उन्होंने कहा कि कुंभ मेला में तैनात 16,000 से अधिक पुलिस कर्मियों में से केवल 88 ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाये गये।



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शुक्रवार, 28 मई 2021

रामदेव को IMA ने दी खुली बहस की चुनौती, कहा- बताएं, किस एलोपैथिक अस्पताल ने कोरोना के इलाज में दी पतंजलि की दवा?

हरिद्वार इंडियन मेडिकल असोसिएशन की उत्तराखंड शाखा ने को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजने के बाद अब खुली बहस की चुनौती दी है। IMA ने बाबा रामदेव को कहा है कि वह उन एलोपैथिक अस्पतालों के नाम बताएं, जहां पर कोरोना के इलाज के नाम पर पतंजलि की दवाएं दी गईं। दरअसल बाबा रामदेव ने एक टीवी डिबेट में दावा किया था कि एलोपैथिक अस्पताल भी कोरोना इलाज के लिए पतंजलि की दवाओं का इस्तेमाल कर रहे थे। अब IMA ने इसे चुनौती देते हुए कहा है कि बाबा रामदेव खुले मंच पर इस दावे को साबित करें और आईएमए से पूरे विवाद पर बहस करें। इससे पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि वह IMA से 25 प्रश्नों पर जवाब चाहते हैं। रामदेव ने इसके लिए IMA को खुली चिट्ठी भी लिखी थी। आपके पूछे 25 प्रश्नों के जवाब को भी तैयार: IMA बाबा रामदेव की ओर से भेजे पत्र पर जवाब देते हुए IMA ने कहा है कि वह अपने पैनल के साथ इन 25 प्रश्नों के जवाब के लिए भी तैयार है। आईएमए ने बाबा रामदेव से कहा है कि वह भी खुली बहस के लिए एक कॉमन मंच पर उनके सामने आएं। भेजा था 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस इससे पहले 26 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है। 15 दिन के अंदर माफी मांगने की मांग रखी थी नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है, जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।


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Swami Ramdev News: बाबा रामदेव के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, कहा- NSA के तहत हो कार्रवाई

विनीता कुमार, चंपावत योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से ऐलोपैथी पर किए गए कॉमेंट को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा के बयान को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डॉक्टरों का मनोबल गिराने वाला बताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तरह कार्रवाई करने की मांग की है। उत्तराखंड के चंपावत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबा रामदेव के खिलाफ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। शुक्रवार को चंपावत कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पूरन कठायत व सूरज प्रहरी के नेतृत्व में कांग्रेसी हाथो में तख्तियां लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग थी कि रामदेव के बयान को लेकर उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई हो और पतंजलि में बनने वाले उत्पादों की जांच की जाए। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि बाबा रामदेव को सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों से अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। दिल्ली में रामदेव के खिलाफ शिकायत इससे पहले 1,000 करोड़ के मानहानि के नोटिस के बाद इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने दिल्ली में योग गुरु के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। दिल्ली के आईपी स्टेट पुलिस स्टेशन में दी गई शिकायत में आईएमए की तरफ से कहा गया है कि स्वामी रामदेव लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर शंका पैदा कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डाल रहे हैं। भ्रम फैला रहे रामदेव: IMA गौरतलब है कि स्वामी रामदेव का एलोपैथी और डॉक्टरों पर आपत्तिजनक बयान देते हुए वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इसके बाद से इंडियन मेडिकल असोसिएशन रामदेव पर लगातार हमलावर है और उनपर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रहा है।


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इको सेंसिटिव जोन का प्रस्ताव संशोधित कर फिर से केंद्र को भेजेगा उत्तराखंड

देहरादून, 28 मई (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को फूलों की घाटी ईको सेंसिटिव जोन के दायरे से हेमकुंड साहेब, घांघरिया, लोकपाल मन्दिर को बाहर कर संशोधित प्रस्ताव केंद्र को फिर भेजने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में यहां हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने इस फैसले की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि हेमकुंड साहेब, घांघरिया, लोकपाल मन्दिर आदि को इको सेंसिटिव जोन (पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील)के दायरे से बाहर करते हुए केवल आबादीविहीन क्षेत्रों का संशोधित प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।

एक अन्य फैसले में ध्वनि प्रदूषण विनियमन नियंत्रण अधिनियम के तहत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं शांत क्षेत्रों में इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत प्रथम उल्लंघन पर व्यक्ति के लिये एक हजार, मनोरंजन संचालक के लिये पांच हजार, होटल संचालक के लिये 10 हजार और औद्योगिक एवं खनन के लिये 20 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति ली जायेगी।

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की निर्माण लागत में बढ़ोत्तरी के बाद केंद्र सरकार द्वारा 25 करोड़ रुपये जारी कर दिया गया है और 90:10 के अनुपात में राज्यांश भी दिया जाएगा । मेडिकल कॉलेज की लागत का आंकलन बढ़ाकर 538.40 करोड़ रुपये किया गया है।

एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय एवं राजकीय खाद्य योजना के अंतर्गत जून, जुलाई और अगस्त तीन माह के लिए दो किलो चीनी प्रति राशन कार्ड 25 रू प्रति किलो की दर से देने का निर्णय किया है ।



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उत्तराखंड में संक्रमण के 1942 नए मामले, 52 मरीजों की मौत

देहरादून, 28 मई (भाषा) उत्तराखंड में शुक्रवार को कोविड-19 के 1942 नए मरीज मिले जबकि 52 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हो गई, वहीं ब्लैक फंगस से पीड़ित छह और मरीज सामने आए ।

यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 325425 हो चुकी है। बुलेटिन के मुताबिक ताजा मामलों में सर्वाधिक 421 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि हरिद्वार में 295, नैनीताल में 204, उधमसिंह नगर में 167, टिहरी में 154, अल्मोड़ा में 132 और चमोली में 103 मामले सामने आए ।

इसके अलावा, मौत के नए मामलों को मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 6261 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।

प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33994 है जबकि 279516 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।

इस बीच, प्रदेश में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के छह और मामले सामने आने से अब तक इस रोग से पीड़ित 161 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 14 की मृत्यु हो चुकी है ।



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गुरुवार, 27 मई 2021

दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद के ये तीन युवा क्रिप्टोकरेंसी से बन गए अरबपति, पहले करते थे साधारण नौकरी..पढ़ें कैसे?

crypto billionaires: इन दिनों दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चर्चा में है. भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी खूब सुर्खियां बटौर रही है.

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उत्तराखंड के व्यापारियों ने CM तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की, कहा-अगले महीने से बाजार खोले जाएं

करन खुराना, देहरादून कोरोना महामारी का प्रकोप वैसे तो इस वक्त पूरी दुनिया पर हावी है, लेकिन छोटे प्रदेश, जो यात्रा, श्रद्धालु, तीर्थयात्री, विदेशी पर्यटकों से आने वाली आमदनी पर ही टिका हुआ है, उस प्रदेश के व्यापारियों के लिए यह समय सबसे कठिन है। उत्तराखंड प्रदेश में पिछले साल यात्रा के दौरान ही लॉकडाउन लगा था। उसके बाद कांवड़ यात्रा भी स्थगित की गई। फिर उसके बाद कुंभ मेला भी फ्लॉप गया। इसके बाद 2021 की चार धाम यात्रा से व्यापारियों को उम्मीद थी, लेकिन अब फिर से लॉकडाउन के बाद व्यापारी टूट गए। उत्तराखंड के अलग-अलग व्यापारी संगठन के नेता ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मिलकर बाजार खोलने का किया है। व्यापारियों ने कहा कि अगले महीने से बाजार खोलने की अनुमति दी जाए। बृहस्पतिवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के सरंक्षण और सलाहकार समिति की अध्यक्ष अनिल गोयल की अध्यक्षता में ऋषिकेश, देहरादून और हरिद्वार के व्यापारी नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा। व्यापारियों की मांग है कि अब बाजार खोल दिए जाएं। साथ ही प्रदेश के व्यापारी जो नुकसान झेल रहे हैं। राज्य सरकार कोई पैकेज जारी कर व्यापारियों की मदद करें। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल सलाहकार समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ बीजेपी नेता अनिल गोयल ने नवभारतटाइम्स ऑनलाइन को बताया कि आज हमने अपने विभिन्न व्यापारी नेताओ के साथ माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर बाजार खोलने का निवेदन किया है। साथ ही हमने कोई राहत पैकेज जारी करने का भी निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि हम सब जानते है कि उत्तराखंड प्रदेश यात्रा पर निर्भर है। इसलिए हमने माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग की है कि 1 जून बाजार खोल दिये जाए।


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उत्तराखंड के दूरदराज के गांवों में आदिवासी संगठन ने चिकित्सा सामग्री का किया वितरण

पिथौरागढ़, 27 मई (भाषा) नेपाल और चीन की सीमा के पास रहने वाले लोगों के एक संगठन ने गांव के लोगों के बीच कोविड-19 से बचाव के लिए चिकित्सा सामग्री का वितरण किया।

चिकित्सा सामग्री में डिजिटल थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर, पीपीई किट, सर्जिकल मास्क, ग्लव्स, सैनेटाइजर और जरूरी दवाइयां हैं।

रंग कल्याण संस्था के पदाधिकारी अशोक नाबियाल ने बताया कि धारचूला सबडिवीजन की दरमा, व्यास और चौडांस घाटी के 43 गांवों और मुंस्यारी के तीन रांग आदिवासी गांवों में 500 से ज्यादा ग्रामीणों के बीच चिकित्सकीय सामग्री वितरित की गयी।



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'उनका बाप भी मुझे गिरफतार नहीं कर सकता'-रामदेव

देहरादून, 27 मई (भाषा) एलोपैथी के खिलाफ रामदेव की कथित अपमानजनक टिप्पणी पर जारी विवाद के बीच अब एक और विवादास्पद वीडियो सामने आया है जिसमें योगगुरू उन्हें गिरफतार किए जाने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कह रहे हैं कि उनका बाप भी उन्हें गिरफतार नहीं कर सकता ।

सोशल मीडिया पर चल रहे 'अरेस्ट रामदेव' ट्रेंड पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, '(वे) शोर मचा रहे हैं कि रामदेव को गिरफ्तार करो । कभी कुछ चलाते हैं कभी कहते हैं कि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफतार रामदेव । चलाते रहते हैं, उनको चलाने दो ।'

मजाक बनाते हुए योग गुरू कहते सुनाई दे रहे हैं कि 'अरेस्ट तो खैर उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को ।'

वरिष्ठ चिकित्सक और नेशनल जर्नल आफ क्लिनिकल एनाटॉमी के मुख्य संपादक के एस रवि ने कहा कि योग गुरू के ताजा वीडियो से प्रदर्शित हो रहा है कि वह एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों के बारे में 'असंवेदनशील' टिप्पणी करने के बाद बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं हैं ।

रवि ने कहा, 'रामदेव का बयान अहंकार से भरा हुआ है । यह दिखाता है कि वह अपने आपको कानून से उपर मानते हैं ।'

सोसायटी आफ इंटेलैक्चुअल्स के अध्यक्ष रवि ने कोविड 19 के मुश्किल समय में अपने जीवन को जोखिम में डालकर लोगों की सेवा में लगे चिकित्सकों का मनोबल उठाने के लिए योग गुरू द्वारा एलोपैथी के विरूद्ध 'बदनाम करने वाली टिप्पणी' करने के लिए उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए ।'

उत्तराखंड आइएमए के एक पूर्व अध्यक्ष ने नाम उजागर न किए जाने के अनुरोध के साथ कहा, ' रामदेव इस प्रकार के बयान देते रहते हैं क्योंकि वह राजनीतिक रूप से संरक्षित महसूस करते हैं ।



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पहली बार विस पहुंचे सीएम ने कार्यालय में पूजा अर्चना कर कामकाज शुरू किया

देहरादून, 27 मई (भाषा) मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड विधानसभा पहुंचे तीरथ सिंह रावत ने बृहस्पतिवार को अपने कार्यालय में पूजा अर्चना कर सरकारी कामकाज शुरू किया ।

अल्मोडा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक महेश जीना के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री रावत ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में पहले विधिवत पूजा अर्चना की और उसके बाद कामकाज शुरू किया ।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, गणेश जोशी, राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत तथा कई विधायक मौजूद थे ।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जीना को राज्य विधानसभा के सदस्य के तौर पर शपथ दिलाई । पिछले साल नवंबर में अपने छोटे भाई और सल्ट के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का कोविड से निधन होने के बाद अप्रैल में हुए उपचुनाव जीतकर महेश जीना विधानसभा पहुंचे हैं ।



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एलोपैथी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद रामदेव का एक और वीडियो सामने आया

देहरादून, 27 मई (भाषा) एलोपैथी के खिलाफ रामदेव की अपमानजनक टिप्पणी पर जारी विवाद के बीच अब एक और विवादास्पद वीडियो सामने आया है जिसमें योगगुरू सोशल मीडिया पर चल रहे 'अरेस्ट रामदेव' ट्रेंड पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कह रहे हैं कि उन्हें कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता ।

'अरेस्ट रामदेव' ट्रेंड के बारे में बताए जाने पर उसका मजाक बनाते हुए योग गुरू वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं कि 'अरेस्ट तो खैर उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को ।'

इन ट्रेंड को गंभीरता से लेने लायक न माने जाने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, '(वे) एक शोर मचा रहे हैं कि रामदेव को गिरफतार करो । कभी कुछ चलाते हैं कभी कहते हैं कि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफ्तार रामदेव । चलाते रहते हैं, उनको चलाने दो ।'

देहरादून के एक एलोपैथिक चिकित्सक ने कहा कि योग गुरू के ताजा वीडियो से प्रदर्शित हो रहा है कि वह एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों के बारे में 'असंवेदनशील' टिप्पणी करने के बाद बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं है

उन्होंने कहा, 'रामदेव का बयान अहंकार से भरा हुआ है । यह दिखाता है कि वह अपने आपको कानून से उपर मानते हैं ।'



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Nainital News: लॉकडाउन के बीच नहीं रुकेगी पढ़ाई, नैनीताल में होगी स्टेशनरी की होम डिलिवरी

विनीता कुमार, कोविड लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्कूली बच्चों को स्टेशनरी के न मिल पाने पर नैनीताल जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों की समस्या के निदान के लिए नगर में स्टेशनरी की होम डिलीवरी की छूट दे दी है। जिसके चलते नैनीताल व तल्लीताल में 18 दुकानों का चिन्हीकरण किया गया है। 18 दुकानों को होम डिलीवरी की अनुमति जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों व अविभावकों की समस्या को देखते हुए लिया निर्णय नैनीताल जिला प्रशासन ने ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्कूली बच्चों व अभिभावकों के सामने आ रही कॉपी-किताब आदि की कमी को देखते हुए तल्लीताल व्यापार मंडल व माँ नयना देवी व्यापार मंडल नैनीताल के आग्रह पर नगर क्षेत्र की 18 स्टेशनरी की दुकानों का चिन्हीकरण कर, उन्हें बच्चों तक स्टेशनरी पहुँचाने के लिए होम डिलीवरी के लिए अधिकृत किया गया है। उपजिलाधिकारी नैनीताल प्रतीक जैन ने बताया कि लॉकडाउन के चलते स्कूली बच्चों के लिए कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है। जिससे छात्रों को स्टेशनरी की आवश्यकता पड़ रही है। लेकिन कोविड कर्फ्यू के कारण उन्हें शिक्षण कार्य के लिए स्टेशनरी नही मिल पा रही है। जिसको देखते हुए व्यापार मंडल के सहयोग से नगर की 18 दुकानों को होम डिलीवरी के लिए अनुमति दी गई है। अन्य स्टेशनरी व्यापारियों को होम डिलीवरी की इजाजत नहीं उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि चिन्हित दुकानों के अलावा यदि कोई अन्य स्टेशनरी दुकानदार होम डिलीवरी करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उपजिलाधिकारी ने स्पष्ट किया, कि होम डिलीवरी के शुल्क और न्यूनतम आर्डर राशि के लिए ग्राहक दुकानदारों से उनके उपलब्ध मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।


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Dead bodies in sarayu: गंगा के बाद सरयू में लाशें, यहीं से होती है पीने के पानी की सप्लाई, लोगों में खौफ

विनीता कुमार, पिथौरागढ़ यूपी के नदियों गंगा और सरयू में अभी तक शवों का मिलना जारी था। इसी बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में सरयू नदीं में शव पाए गए हैं। इससे स्थानीय लोग काफी डर गए हैं। सरयू नदी से ही पिथौरागढ़ जिले के अधिकांश गांवों की पेयजल सप्लाई होती है। पिथौरागढ़ की की नदी में उतराते अधजले शवों को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अधजले शवों के नदी में पड़े होने से कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता दिख रहा है। बता दें कि बीते रोज पिथौरागढ़ सरयू पम्पिंग योजना की नदी में तैरते शव का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी पर सवाल खड़े किए थे। स्थानीय ग्रामीण त्रिभुवन सिंह का कहना है कि नदी में अधजली लाशें मिलने से दर्जनों गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का भय बना हुआ है। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण इलाकों के लोग सरयू नदी के पानी का उपयोग पीने के लिए करते हैं। इससे लोगों में डर बना हुआ है। वहीं, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ऋषन्दे महर ने बताया कि सरयू घाट पम्पिंग योजना से पिथौरागढ़ क्षेत्र के अधिकांश गांवों में पानी की सप्लाई दी जाती है। जहां अधजले शव तैरते नजर आ रहे हैं तो वहीं उसी स्थान पर कोरोना संक्रमित मरीजों को जलाया जा रहा है।


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बुधवार, 26 मई 2021

Dead Bodies in Sarayu: गंगा के बाद अब उत्तराखंड में सरयू नदी के किनारे लाशों का अंबार, लोगों को सता रहा कोरोना संक्रमण का डर

पिथौरागढ़ गंगा के बाद अब सरयू नदी के किनारे दर्जनों लाशें मिली हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बुधवार को नदी के किनारे दर्जनों लाशे तैरती हुई दिखीं। कयास लगाया जा रहा है कि ये सभी शव कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले मरीजों के हैं। इससे पहले यूपी और बिहार में गंगा नदी के किनारे कई दर्जन लाशें देखने को मिली थीं। इसके बाद कई और इलाकों से नदियों में लाशें बहती हुई पाई गई थीं। माना जा रहा है कि ये सभी शव कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के हैं। लोगों को सता रहा संक्रमण का डर समाचार एजेंसी एएनआई ने सरयू नदी में दर्जनों लाशें मिलने की बात कही है। एजेंसी के मुताबिक स्थानीय लोग इस घटना से बेहद डरे हुए हैं। जहां लाशें मिली हैं, वहां से सिर्फ 30 किलोमीटर ही दूर जिला मुख्यालय है और पीने के पानी की सप्लाई के लिए नदी से ही पानी लिया जाता है। लोगों को डर है कि पानी दूषित होने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है। गंगा नदी में मिले थे कई शव, उठे थे सवाल इसी तरह के नजारे इस महीने के शुरुआत में उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में देखने को मिले थे। इन राज्यों में बड़ी संख्या में शव गंगा नदी में तैरते पाए गए थे। उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा के किनारे सैकड़ों शव मिलने के बाद केंद्र ने इस मामले में दखल दिया था। केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों से कहा है कि वे गंगा और उसकी सहायक नदियों में शव प्रवाहित करने पर रोक लगाएं। साथ ही शवों का सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से दाह संस्कार कराने पर ध्यान दें।


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BJP विधायक को अश्लील वीडियो का डर दिखाकर की ब्लैकमेलिंग, एक महिला सहित 4 आरोपी गिरफ्तार

देवेश सागर, हरिद्वार हरिद्वार जिले के से को अश्लील वीडियो का डर दिखाकर ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है। विधायक ने ज्वालापुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि कुछ लोग उन्हें ब्लैकमेल करके 30 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। विधायक की शिकायत पर हरकत में आई पुलिस ने एक महिला और 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार की गई महिला भी बीजेपी से जुड़ी बताई जा रही है। पांचों आरोपी विधायक को अश्लील वीडियो भेज कर पैसे की मांग कर रहे थे। हाई प्रोफाइल मामला होने के चलते पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। फिलहाल ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि मंगलवार को विधायक सुरेश राठौर द्वारा ज्वालापुर कोतवाली में तहरीर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने एक महिला सहित चार नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है और संबंधित धाराओं में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बीजेपी से का कहना है कि कुछ लोग मेरे साथ षड्यंत्र कर रहे थे। मेरी राजनीतिक और सामाजिक छवि को खराब करने का कार्य कर रहे थे, उनके मुंह पर यह तमाचा है। अपराधी किसी भी जाति और बिरादरी का हो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक के अनुसार, इस मामले में बीजेपी से ही महिला सुरेखा भी शामिल थी। उसको बीजेपी द्वारा पहले ही निष्कासित किया गया था। पुलिस ने इस मामले में छानबीन भी की है। महिला का कृत्य भी दुनिया के सामने आ गया है। विधायक का कहना है कि इस मामले में पकड़े गए आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और दूसरे दल से जुड़े हुए हैं, जो मेरी राजनीतिक और सामाजिक छवि को खराब करना चाहते थे। ऐसे लोगों का स्थान जेल ही है।


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दो भाइयों ने शुरू किया ये कारोबार, आज हैं करोड़ों के मालिक, यहां जुड़कर आप भी कर सकते हैं मंथली 50 हजार तक कमाई

कहते हैं न कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता...और उसमें सफलता जरूर मिलती है. यह बात साबित कर दिखाई है दो भाइयों मयंक और आदित्य आर्या ने. दोनों भाइयों ने एक ऐसा काम शुरू (Own Business) करने का सोचा, जो उनका खुद का तो हो ही, साथ ही लोगों को भी कुछ फायदा पहुंचाए.

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उत्तराखंड में मिले 2991 मामले, 53 मौत

देहरादून, 26 मई (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार को 2991 नए कोविड मरीज मिले जबकि 53 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हो गई । स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी ।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 321337 हो चुकी है । ताजा मामलों में सर्वाधिक 815 कोविड मरीज उधमसिंह नगर जिले में मिले जबकि देहरादून में 414, नैनीताल में 370, हरिद्वार में 283, टिहरी में 196 और पौडी में 194 मामले सामने आए।

इसके अलावा, मौत के ताजा मामलों को मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 6113 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।

प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 43520 हैं जबकि 266182 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं ।



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ऋषिकेश आइडीपीएल में 500 बेड के कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन

देहरादून, 26 मई (भाषा) डीआरडीओ द्वारा आइडीपीएल ऋषिकेश में स्थापित 500 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर का बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उद्घाटन किया ।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राइफलमैन जसवंत सिंह रावत कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल प्रबंधन एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जाएगा और इस सेंटर में सभी बिस्तर ऑक्सीजन युक्त है जिनमें से 100 आइसीयू बिस्तर हैं और इस सेंटर को केवल दो सप्ताह में तैयार किया गया है ।

उन्होंने कहा कि यहां म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मरीजों और बच्चों के लिए भी अलग वार्ड की व्यवस्था है ।

सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हुई है तथा ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू एवं ऑक्सीजन बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही हल्द्वानी में भी 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो जायेगा ।

इसके अलावा, रावत ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित 30 नए आईसीयू बिस्तरों का भी लोकार्पण किया।

वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लेते हुए रावत ने कहा कि कोविड के समय में इन आईसीयू बेड की उपलब्धता से विशेषकर पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी जिले के लोगों को मदद मिलेगी जो इलाज के लिए श्रीनगर आते हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड के बाद अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी इन आईसीयू बेड का उपयोग होगा।



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गुज्जरों के मामले में उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को लगाई फटकार

देहरादून, 26 मई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी जिले के गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय पार्क में जाने से वन गुज्जर परिवारों को रोके जाने और उन्हें अमानवीय दशाओं में रहने को मजबूर करने के लिए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए इसे उनके 'जीने के मूल अधिकार का उल्लंघन' करार दिया है ।

एक गैर सरकारी संगठन द्वारा इन गुज्जर परिवारों की दुर्दशा को लेकर अदालत से दखल की प्रार्थना वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एक खंडपीठ ने परिवारों की समस्या के समाधान के लिए तत्काल उपाय करने के आदेश दिए ।

अदालत ने कहा कि अगर जांच में ये लोग कोविड मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध कानूनी दस्तावेज हैं तो उन्हें अपनी आजीविका कमाने के लिए पार्क में प्रविष्ट होने देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए ।

कोरोना वायरस के मनुष्यों से जानवरों में फैलने की आशंका के मद्देनजर इन परिवारों के प्रवेश से पार्क में रहने वाले वन्यजीवों को खतरा होने की संभावना की महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर द्वारा दी गई दलील पर उच्च न्यायालय ने कहा कि इनकी तत्काल कोविड जांच कराई जाए।

अदालत ने कहा कि अगर ये लोग कोरोना मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध परमिट है तो कानून द्वारा अनुमन्य अवधि के लिए इन्हें पार्क में प्रवेश देने की व्यवस्था की जाए ।

याचिकाकर्ता द्वारा सप्लीमेंटरी हलफनामे के साथ जमा कराई गई तस्वीरों का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि इनसे पता चलता है कि परिवारों को खुले आसमान के नीचे खुले खेतों में खुले तंबुओं में रहने के लिये मजबूर किया गया है । फोटो में छोटे बच्चे और नवजात शिशु कंबल में लिपटाकर जमीन पर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं । फोटो से यह भी पता चलता है कि कुछ मवेशी तंबुओं के पास बंधे है जबकि कुछ अन्य मर गए हैं ।

अदालत ने कहा कि इससे पार्क के उपनिदेशक का निर्दयी रूख पता चलता है और नागरिक प्रशासन ने इन परिवारों को ऐसी दशाओं में जीने को मजबूर कर दिया है जो जानवरों के जीने लायक दशाओं से भी बदतर हैं ।

न्यायालय ने कहा कि प्रथमदृष्टया भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के मूल अधिकार का प्रतिवादियों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है । उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पार्क के उपनिदेशक को इन परिवारों को 'पक्के मकानों' में रखने तथा उन्हें खाना, पानी और दवाइयों के अलावा उनके मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ।



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Baba Ramdev Video Viral: 'किसी के बाप में दम नहीं जो बाबा को अरेस्‍ट कर सके....', बवाल के बीच रामदेव का एक और वीडियो वायरल

देहरादून योगगुरु बाबा रामदेव इनदिनों अपने बयानों की वजह से एक बार फिर चर्चा में हैं। बाबा को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की तरफ से मानहानि का नोटिस भेजने की खबर अभी आई ही थी कि उनका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि किसी के बाप में दम नहीं जो बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर सके। रामदेव कहते हैं कि उन्हें बदनाम करने के लिए कई तरह के ट्रेंड सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह की किसी घटना से उन्हें कोई प्रभाव नही पड़ता। यह वीडियो कब का है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वायरल वीडियो में रामदेव कहते दिख रहे हैं- 'सोशल मीड‍िया पर लोग शोर मचाते हैं क‍ि अरेस्‍ट करो, कभी कुछ चलाते हैं और कभी कुछ चलाते हैं। कभी चलाते है क‍ि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, अरेस्‍ट रामदेव कुछ लोग चलाते हैं। चलाने दो इनको। बताया जा रहा है क‍ि सोशल मीडिया पर #arrestbabaramdev के ट्रेंड होने पर एक ऑनलाइन मीटिंग के दौरान बाबा रामदेव ने यह बयान द‍िया है। आईएमए ने बाबा से माफी मांगने की मांग की गौरतलब है कि आईएमए ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख स्वामी रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपये का दावा ठोकेगा। डॉक्टरों के संगठन ने मांग की है कि रामदेव को इस बयान के खिलाफ लिखित में माफी मांगनी होगी, अन्यथा कानूनी रूप से ये दावा ठोका जाएगा। रामदेव के इस बयान पर शुरू हुआ था बवाल आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है। उन्‍होंने कहा था कि देश में औषधि महानियंत्रक की ओर से कोरोना के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं। उन्होंने कहा था कि अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए। डॉक्‍टरों के विरोध के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव के बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए इसे वापस लेने को कहा था। इसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था और साथ ही आईएमए से 26 सवालों के जवाब मांगे थे।


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आइएमए ने रामदेव को नोटिस दिय

देहरादून, 26 मई (भाषा) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव को ऐलोपैथी तथा ऐलोपैथिक चिकित्सकों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस देते हुए उनसे एक पखवाडे़ के भीतर माफी मांगने अथवा 1000 करोड़ रू का मुआवजा देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है ।

आइएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना की तरफ से दिए गए छह पृष्ठों के नोटिस में उनके वकील नीरज पांडेय ने रामदेव की टिप्पणी को ऐलोपैथी तथा एसोसिएशन से जुडे करीब 2000 चिकित्सकों की प्रतिष्ठा और छवि के लिए नुकसानदायक बताया है ।

योग गुरू की टिप्पणी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत 'आपराधिक कार्रवाई' बताते हुए नोटिस में रामदेव से नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर 'लिखित माफी' की मांग की गयी है और कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में 50 लाख रू प्रति आइएमए सदस्य की दर से उनसे 1000 करोड रू का मुआवजा मांगा जाएगा ।

नोटिस में रामेदव से कहा गया है कि वह अपने सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए एक वीडियो क्लिप बनाएं और उसे उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करें जिन पर उन्होंने अपने आरोपों के वीडियो क्लिप डाले थे ।

नोटिस में रामदेव से कोविड-19 की प्रभावी दवाई के रूप में प्रचारित अपनी फर्म के उत्पाद 'कोरोनिल किट' से संबंधित 'भ्रामक' विज्ञापन को हटाने को भी कहा गया है । नोटिस के अनुसार, ऐसा न होने की स्थिति में आइएमए द्वारा योगगुरू के खिलाफ प्राथमिकी और एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा ।

इस बीच, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आइएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव के जरिए आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है ।

सोमवार को अपने एक ट्वीट में बालकृष्ण ने कहा कि पूरे देश को इसाइयत में बदलने की साजिश के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि देशवासियों, अब गहरी नींद से जागो अन्यथा आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं करेंगी ।



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एलोपैथी बनाम रामदेव: IMA ने कहा- कोरोनिल बेचने के लिए रामदेव दे रहे फर्जी बयान

करन खुराना, हरिद्वारबाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब आईएमए ने कहा है कि बाबा रामदेव कोरोनिल को बेचने के लिए फर्जी बयानबाजी कर रहे हैं जबकि डॉक्टर दिन रात अपने फर्ज में जुटे हुए हैं। बाबा रामदेव के दो वीडियो वायरल होने के बाद अब एसोसिएशन ने बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेजकर 1000 करोड़ रुपये का दावा ठोका है। उधर, बाबा रामदेव ने भी 25 सवाल पूछ कर थम रहे विवाद में फिर से जान डाल दी। आईएमए के उत्तराखंड शाखा के सचिव डॉ अजय खन्ना ने अपने वकील के द्वारा बाबा रामदेव को नोटिस भेज 1000 करोड़ रुपये का ठोका है। डॉक्टरो की छवि धूमिल करने का लगाया आरोप पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड में 2000 डॉक्टर कार्यरत है,आपके (बाबा रामदेव) दिए हुए बयानों से डॉक्टरों की छवि धूमिल हुई। डॉक्टरों ने मांग की है कि 15 दिन के अंदर या तो आप वीडियो क्लिप के जरिये या लिखित माफी मांगिये और वीडियो क्लिप को सभी सोशल मीडिया में प्रसारित कीजिये अन्यथा आप पर सीआरपीसी की धारा 499 और धारा 500(मानहानि के प्रावधान) के तहत 1000 करोड़ रुपये के अनुतोष की मांग की जाएगी। कोरोनिल बेचने के लिए मिथ्यापूर्ण आरोप का दावा आईएमए प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना ने नवभारतटाइम्स ऑनलाइन के संवाददाता को बताया कि बाबा रामदेव ने जो डॉक्टरोे का मजाक उड़ाया है और जो मिथ्या पूर्ण आरोप और मानहानि पूर्ण लांछन लगाए है वो दण्डनीय अपराध है। हमने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि बाबा रामदेव पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। अगर राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारी विधिक कार्यवाही नही करते तो कानूनी राय ली जाएगी। मानहानि का नोटिस बाबा रामदेव को भेज दिया गया है। बाबा रामदेव कोरोनिल को बेचने के लिए इन तरह के मिथ्यापूर्ण बयान दे रहे है,जो कि बहुत दुःखद है। डॉक्टर दिन रात अपने फर्ज में जुटे हुए है।


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मंगलवार, 25 मई 2021

एलोपैथी बनाम रामदेव: IMA ने भेजा 1000 करोड़ रुपये का नोटिस, 15 दिन में लिखित माफी मांगने को कहा

देहरादून एलोपैथी और डॉक्टरों पर विवादित बयान देकर योगगुरु रामदेव बुरी तरह फंस गए हैं। उनकी मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है। जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है। रामदेव ने दिया था विवादित बयान बता दें कि पिछले दिनों बयान दिया था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस कह दिया था था। इस पर विवाद बढ़ने और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के कड़े ऐतराज के बाद रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था। रामदेव ने आईएमए से पूछे 25 सवाल माना जा रहा था कि विवाद थम जाएगा लेकिन 24 मई को रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठा दिए। इस बार उन्होंने पतंजलि के लेटरपैड पर लिखी एक चिट्ठी में आईएमए से 25 सवाल किए। इस पर उनके हस्ताक्षर भी है। बाबा रामदेव ने इस पत्र में हेपटाइटिस, लीवर सोयराइसिस, हार्ट एनलार्जमेंट, शुगर लेवल 1 और 2, फैटी लीवर, थायराइड, ब्लॉकेज, बाईपास, माइग्रेन, पायरिया, अनिद्रा, स्ट्रेस, ड्रग्स एडिक्शन, गुस्सा आदि पर स्थायी इलाज को लेकर सवाल पूछे।


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Lockdown extend in Uttarakhand: उत्तराखंड में 1 जून तक बढ़ा लॉकडाउन, व्यापारी बोले- सरकार निकाले कोई रास्ता, नहीं तो हम खोलेंगे दुकानें

विनीता कुमार, ऋषिकेश उत्तराखंड में कोरोना लॉकडाउन को आगामी 1 जून तक बढ़ाए जाने के चलते आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है। व्यापारियों ने कहा कि यदि जल्द बाजार को खोलने का कोई स्थायी निर्णय नहीं लिया गया तो व्यापारी स्वयं ही बाजार को सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक खोलने को विवश हो जाएंगे। पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक नगर उद्योग व्यापार महासंघ ऋषिकेश के अध्यक्ष राजेश भट्ट व महामंत्री अखिलेश मित्तल की व्यापारियों के साथ बैठक हुई। इसमें व्यापारियों ने लॉकडाउन के चलते पैदा हुए विपरीत हालातों के बारे में चर्चा की। जिसमें व्यापारियों ने अपनी पीड़ा खुलकर व्यक्त करते हुए सरकार से जल्द दुकानों को खोलने के निर्णय लेने की मांग की। बैठक में शामिल हुए व्यापारी बैठक में नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल से महामंत्री प्रतीक कालिया, प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति से अध्यक्ष पंकज गुप्ता, महामंत्री हर्षित गुप्ता, व्यापार सभा के अध्यक्ष मनोज कालड़ा आदि व्यापारी उपस्थित रहे।


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'पूरे देश को ईसाई बनाने का षड्यंत्र है, इसलिए रामदेव को कर रहे टारगेट'.. IMA से विवाद में आचार्य बालकृष्ण के ट्वीट से मचा बवाल

हरिद्वार योगगुरु रामदेव और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आइएमए) के बीच चल रहे विवाद में ने नया मोड़ ला दिया है। उन्होंने एक ट्वीट कर इस पूरे मामले को ईसाई धर्मांतरण के षड्यंत्र से जोड़कर बवाल खड़ा कर दिया है। मंगलवार को बालकृष्ण ने ट्वीट कर लिखा कि सारे देश को ईसाई धर्म मे तब्दील करने के षड्यंत्र के तहत को टारगेट किया जा रहा है और योग तथा आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। इसके बाद मंगलवार को बालकृष्ण ने अपने एक बयान में कहा कि बाबा रामदेव कोई उपहास नहीं उड़ा रहे थे बल्कि वह सिर्फ मॉडर्न मेडिसिन लेने के बावजूद डॉक्टर्स की मौत पर दुख जता रहे थे। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जितने भी वैज्ञानिक हैं, उनका पतंजलि में स्वगात है। उन्होंने कहा कि हमारे पास लाखों मरीजों का डेटा है जो लेकर ठीक हुए हैं। हालांकि ट्वीट वाले मामले पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कांग्रेस ने नागरिकता पर उठाया सवाल हालांकि, बालकृष्ण के ट्वीट पर बवाल मच गया है। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आचार्य बालकृष्ण की भारतीय नागरिकता पर ही सवाल उठा दिया और उन्हें भारत के निजी मामलों में हस्तक्षेप न करने की हिदायत दे डाली। इसके अलावा गरिमा ने कहा कि जिस तरह से आचार्य बालकृष्ण ने इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की है, उससे यह साफ प्रतीत होता है कि पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण मानसिक दिवालिया हो चुके हैं। कोरोनिल बेचने को दे रहे ऐसे बयान! वहीं, उत्तराखंड आइएमए के प्रदेश सचिव डॉ. अमित खन्ना से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव की कोरोनिल नहीं बिक पा रही है, इस वजह से बौखलाहट में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण इस तरह के बिना सर पैर के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय ऐसे बयान देने पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पर महामारी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए।


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शिक्षकों के लिए मुफ्त आनलाइन स्वास्थ्य सेवा

देहरादून, 25 मई (भाषा) स्थानीय चिकित्सकों पर दवाब कम करने तथा कोविड-19 की जल्द पहचान और प्रबंधन में मदद के लिए संपर्क फाउंडेशन ने छह राज्य सरकारों के साथ मिलकर मंगलवार को देशभर के शिक्षकों के लिए एक समर्पित नि:शुल्क हेल्थलाइन सेवा शुरू की ।

चिकित्सकों की कमी और अस्पताल जाने में जोखिम को देखते हुए कई शिक्षक चिकित्सकों के पास नहीं जा सकते हैं इसलिए संपर्क फाउंडेशन शिक्षकों के पास चिकित्सकों को लेकर आया है ।

ई—सलाह की इस सेवा का इस्तेमाल करके शिक्षक चिकित्सकों की सलाह का अपने लिए और अपने परिजनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं ।

संपर्क फाउंडेशन के इस प्रयास से देश भर के 25 लाख शिक्षक और उनके परिवार जन लाभान्वित होंगे ।

संपर्क फाउंडेशन के अध्यक्ष और एचसीएल के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनीत नायर ने इस हैल्थलाइन का आरंभ करते हुए कहा, ' पहले से भी ज्यादा अब शिक्षकों को हमारे सहारे की जरूरत है और जमीनी स्थिति को देखते हुए मुझे उम्मीद है कि शिक्षकों तथा उनके परिवारों के लिए निशुल्क मेडिकल सलाह उपलब्ध कराके सही समय पर रोग की सही पहचान से कई जीवन बचाये जा सकते हैं ।'

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि संपर्क फाउंडेशन हमेशा की तरह एक बार फिर मुश्किल वक्त में राज्य की मदद के लिए आगे आया है । उन्होंने कहा कि इस हेल्थलाइन सेवा से राज्य सरकार के संसाधनों पर निश्चित रूप से दबाव कम होगा ।

संपर्क फाउंडेशन के साथ इस पहल में उत्तराखंड के अलावा छत्तीसगढ, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं ।



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उत्तराखंड में मिले 2756 मामले, 81 मौतें

देहरादून, 25 मई (भाषा) उत्तराखंड में मंगलवार को 2756 नए कोविड मरीज मिले जबकि 81 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हो गई । स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गयी है।

यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 318346 हो चुकी है । ताजा मामलों में सर्वाधिक 524 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर 452, टिहरी में 264, अल्मोड़ा में 234, नैनीताल में 209 और पिथौरागढ में 182 मामले सामने आए ।

इसमें कहा गया है कि ताजा मौतों को मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 6020 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।

प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 45568 हैं जबकि 261328 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं ।



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उत्तराखंड में कोविड संक्रमण दर 22 फीसदी से घटकर नौ प्रतिशत हुई

देहरादून, 25 मई (भाषा) उत्तराखंड में कुछ दिनों पहले 22 प्रतिशत तक जा पहुंची कोविड संक्रमण दर अब घटकर करीब नौ प्रतिशत पर आ गयी है । स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने संवाददाताओं को बताया कि 27 अप्रैल से 24 मई तक सप्ताहवार आंकडों के अध्ययन से सामने आया है कि 11 मई से 17 मई के सप्ताह में सर्वाधिक 22 प्रतिशत तक पहुंच चुका संक्रमण दर उसके अगले सप्ताह 18 मई से 24 मई के दौरान घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया है।

सोमवार को प्रदेश में 2071 नए कोविड मरीजों के मिलने तथा 7051 मरीजों के स्वस्थ होने का जिक्र करते हुए सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी 67—68 फीसदी से बढकर 81 फीसदी हो गई है ।

नेगी ने कहा कि पिछले एक साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत तैयारियां की गई हैं और वर्तमान में प्रदेश में 1651 आइसीयू बिस्तर, 924 वेंटीलेंटर और 5000—6000 आक्सीजन सर्पोटेड बिस्तर उपलब्ध हैं ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 आक्सीजन उत्पादन संयंत्र लग चुके हैं जिनमें हल्द्वानी बेस अस्पताल, उत्तरकाशी जिला अस्पताल और कोटद्वार बेस अस्पताल शामिल हैं । उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास सभी जिला और उपजिला अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाना है ताकि आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सके ।

नेगी ने बताया कि भारत सरकार ने उत्तराखंड के लिए मंगलवार से आक्सीजन का आवंटन 183 मीट्रिक टन से बढाकर 200 मीट्रिक टन कर दिया है और यह आक्सीजन उसे अब राज्य में स्थित आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों से ही मिलेगी ।

उन्होंने बताया कि काशीपुर स्थित इंडिया ग्लाइकोल से 40 मीट्रिक टन, सेलाकुई स्थित लिंडे से 100 मीट्रिक टन, रूडकी स्थित एयर लिक्विड से 33 मीट्रिक टन तथा बाकी 25 मीट्रिक टन अन्य इकाइयों से मिलेगी । उन्होंने कहा कि इससे राज्य के पास पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध रहेगी ।

नेगी ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 30,000 से ज्यादा जांचें की जा रही हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही जांचों के हिसाब से लगभग दोगुनी हैं ।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इस बीमारी के उपचार के प्रमुख केंद्र एम्स ऋषिकेश में न केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा अन्य प्रदेश के रोगियों का भी इलाज किया जा रहा है ।

उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 118 म्यूकरमाइकोसिस के रोगी आ चुके हैं जिनमें से नौ की मृत्यु हो चुकी है ।

ब्लैक फंगस रोगियों के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने प्रदेश के 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डेजिग्नेट कर दिया । उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसके उपचार के लिए जरूरी दवाइयों को राज्य सरकार अब सीधे इन अस्पतालों को दे सकेगी ।



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इंसानियत अभी जिंदा है...प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला की मदद को आगे आए जीआरपी पुलिस और रेलवे विभाग, अधिकारियों ने बीच रास्ते रुकवाई ट्रेन

देवेश सागर, हरिद्वारइस धरती पर इंसानियत अभी भी जिंदा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है, क्योंकि हरिद्वार में और का कोरोना आपदा काल में भी मानवीय चेहरा और इंसानियत तब देखने को मिली जब एक्सप्रेस ट्रेन में ट्रेन का सफर कर रही एक महिला को होने पर जरूरी चिकित्सीय उपचार के लिए पुलिस और रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन को बीच रास्ते मे ही लक्सर जंक्शन पर रुकवा दिया। दर्द से कराह रही थी महिला दर्द से कराह रही महिला को जीआरपी पुलिस और रेलवे के अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया जहां उचित उपचार मिलने के बाद महिला ने बेटे को जन्म दिया है। आपको बता दे कि पंजाब के लुधियाना की एक फैक्ट्री में काम करने वाले अजय शाह पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन से बिहार के नवादा स्थित चकोर गाँव जा रहे थे। जब यह ट्रेन यूपी के सहारनपुर स्टेशन से चली तो बीच रास्ते मे उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी। तबियत बिगड़ने पर महिला के पति ने टीटी से संपर्क किया। टीटी ने लक्सर में गाड़ी का स्टॉपेज ना होने के चलते फोन पर आलाधिकारियों से संपर्क किया। आलाधिकारियों के आदेश पर ट्रेन को बीच रास्ते मे लक्सर रेलवे स्टेशन पर रोका गया। इसी बीच लक्सर जीआरपी पुलिस को भी सूचना दे दी गई। वही ट्रेन रुकने से पहले ही जीआरपी ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कर ली। मां और नवजात दोनों स्वस्थ महिला के ट्रेन से उतरते ही जीआरपी थाना प्रभारी सुभाष चंद्र ने (108) एम्बुलेंस की मदद से अजय शाह की पत्नी प्रतिभा देवी को लक्सर के डॉ भीमराव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया जिसके बाद प्रतिभा ने नॉर्मल डिलीवरी से पुत्र को जन्म दिया है। फिलहाल माँ और नवजात दोनो स्वस्थ है। दो बेटियों के बाद पुत्र की प्राप्ति होने के बाद शाह परिवार में खुशी का महौल है। वही अजय शाह ने जीआरपी लक्सर थानाध्यक्ष सुभाष चन्द्र व उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। हर तरफ हो रही पुलिस और रेलवे अधिकारियों की तारीफनॉन स्टॉप एक्सप्रेस ट्रेन को रुकवा प्रसव पीड़ा बर्दास्त कर रही महिला को उचित उपचार दिला जीआरपी पुलिस और रेलवे विभाग ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। जीआरपी पुलिस और रेलवे विभाग के तुरंत लिए गए निर्णय की वजह से जहां महिला को समय से उचित उपचार मिल सका तो वही पुत्र प्राप्ति ने महिला के जीवन को खुशियों से भी भर दिया है। इस परोपकार के कार्य को करने के लिए हरिद्वार जीआरपी पुलिस और रेलवे विभाग की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।


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Success Story: इस कारोबार ने एक आम युवा को बनाया सक्सेसफुल बिजनेसमैन, 10 हजार से ज्यादा को दे चुके हैं रोजगार

कारोबार करना..पैसा कमाना भला किसे पसंद नहीं होता है. लेकिन यह इतना भी आसान नहीं होता है. एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन अपने आर्गेनाइजेशन और बिजनेस को यूनिक बनाने के लिए काफी प्रयास करते हैं तब जाकर वे आम से खास इंसान बनते हैं.

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सोमवार, 24 मई 2021

कोविड उपचार के लिए सामाजिक संस्थाओं ने दिए 15 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर, पौड़ी गढ़वाल के 9 अस्पतालों को भेजे जाएंगे

पौड़ी गढ़वाल, रजनीश कुमार पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर विधानसभा की क्षेत्र विधायक ऋतु खंडूरी के अनुरोध पर कोरोना मरीजों के उपचार के लिए दो संस्थाओं ने 15 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर भेंट किए हैं। ये कंसंट्रेटर यमकेश्वर के उपजिलाधिकारी मनीष सिंह और विधायक प्रतिनिधि अश्वनी गुप्ता को सौंपे गए हैं। नौ चिकित्सा केंद्रों को दिए जाएंगे कंसंट्रेटर विधायक प्रतिनिधि अश्वनी गुप्ता ने बताया कि यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूरी के अनुरोध पर ऑक्सिजन कंसंट्रेटर दिए गए हैं। यह कंसंट्रेटर यमकेश्वर के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भिजवाए जाएंगे। इनमें कोविड सेंटर स्वर्गाश्रम को दो, चैलू सैण को दो, डाडा मंडी को दो, जसपुर को एक, दुगड्डा को दो, पोखाल को दो, यमकेश्वर को दो, किमसार को एक, कांडीखंड को एक कंसंट्रेटर दिया जाएगा। इससे कोविड का उपचार करा रहे मरीजों को लाभ होगा। समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दिए गए कंसंट्रेटर सत्वा योगा वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष आनन्द मेहरोत्रा, खुशी वेलफेयर सोसाइटी के उपेन्द्र रावत, मंडल अध्यक्ष गुरुपाल बत्रा, विधायक प्रतिनिधि विजेन्द्र बिष्ट, बीजेपी मंडल महामंत्री प्रीतम राणा, नगर पंचायत स्वर्गाश्रम के सभासद जितेंद्र धाकड़ आदि मौजूद रहे।


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उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 2071 मामले, 95 की मौत

देहरादून, 24 मई (भाषा) उत्तराखंड में सोमवार को 2071 नए कोविड मरीज मिले जबकि 95 अन्य मरीजों की महामारी से मौत हो गई ।

यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 315590 हो चुकी है । ताजा मामलों में सर्वाधिक 423 मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर में 355, हरिद्वार में 264, नैनीताल में 223, चमोली में 175 और पौड़ी में 164 मामले सामने आए ।

इसके अलावा, प्रदेश में अब तक कुल 5927 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।

प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 49579 हैं जबकि 254654 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं ।

इसके अलावा, प्रदेश में सोमवार को ब्लैक फंगस के 14 संदिग्ध मरीजों समेत कुल 17 मामले सामने आए । अब तक प्रदेश में इस रोग के कुल 114 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से नौ मरीजों की मृत्यु हो चुकी है ।



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उत्तराखंड में अब 1 जून तक रहेगा कोविड कर्फ्यू, दुकान खोलने के समय मे किया गया परिवर्तन

करन खुराना,देहरादून उत्तराखंड सरकार द्वारा सोमवार को पर फैसला लेते हुए कर्फ्यू को एक जून तक बड़ा दिया है। 10 मई से शुरू हुआ कोविड कर्फ्यू तीसरे हफ्ते भी जारी है। अब सभी प्रतिबंधों को 1 जून सुबह 7 बजे तक के लिए लागू कर दिया गया है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से चर्चा करने के बाद समय मे बदलाव किया गया है। व्यापारी निरन्तर समय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इसी के अनुरूप अब बाजार खुलने का समय सुबह 7 से सुबह 10 की जगह सुबह 8 से सुबह 11 कर दिया गया है। वहीं 28 मई 2021 से सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकान खुलेंगी। कोरोना के मामलों में आई कमी शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि कोरोना के मामलों में कमी देखी गई है। कर्फ्यू को आगे बढ़ाया जाना है या नहीं, इसका तत्कालीन परीस्थितियों के अनुरूप ही फैसला लिया जाएगा। फिलहाल अभी के समीकरण को देखते हुए कोविड कर्फ्यू जारी रखने का फैसला लिया गया है।


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