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यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 329494 हो चुकी है। नए मामलों में सर्वाधिक 205 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर में 173, नैनीताल में 161 और हरिद्वार में 105 मामले सामने आए।
इसके अलावा, 44 मरीजों की मौत के बाद प्रदेश में अब तक कुल 6452 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं।
प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 28371 हैं जबकि 288928 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।
इस बीच, प्रदेश में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के 23 और मामले सामने आए जबकि दो मरीजों ने इससे दम तोड़ दिया। इस रोग से पीड़ित अब तक 221 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है।
प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा यहां जारी आदेश के अनुसार, राज्य में कोविड कर्फ्यू को सात और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है जो अब आठ जून की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।
हालांकि, इस दौरान प्रमाण दिखाने पर टीकाकरण के लिए जाने की लोगों को छूट रहेगी जबकि पहले की तरह ही अधिकतम 20 लोगों को 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट के साथ जिला प्रशासन की अनुमति से किसी विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति होगी।
इसके अलावा, अंत्येष्टि में भी अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकते हैं।
अग्रिम आदेशों तक प्रदेश में सभी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक समारोह, मनोरंजन और खेल गतिविधियां बंद रहेंगी जबकि शैक्षणिक, कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, शापिंग मॉल, स्टेडियम, जिम, शराब की दुकानें, बार आदि भी इस दौरान बंद रहेंगे।
दूसरे प्रदेशों से आने वालों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना और 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा जबकि बाहर से उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों को सात दिनों तक गांव में स्थापित पृथक-वास केंद्रों में रहना होगा ।
आदेश के अनुसार, इस दौरान दवाइयों की दुकानें तथा जांच प्रयोगशालाएं आदि 24 घंटे तथा बैंक की शाखाएं सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक खुल सकेंगी।
कोविड कर्फ्यू के दौरान सरकारी राशन की दुकानें प्रतिदिन सुबह आठ बजे से 11 बजे तक जबकि राशन और किराने के सामान की दुकानें एक जून और पांच जून को सुबह आठ बजे से एक बजे तक खुलेंगी। इसके अलावा, जरूरी सामानों जैसे दूध, मीट, मछली, फल और सब्जी की दुकानें सुबह आठ बजे से 11 बजे तक खुलेंगी।
इस अवधि में दस वर्ष की उम्र से छोटे और 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कारणों के अलावा बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।
जिला अस्पताल बौराड़ी और कोविड सेंटर बीपुरम, संयुक्त अस्पताल नरेंद्रनगर का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिला अस्पताल में निर्माणाधीन ऑक्सीजन संयंत्र को एक सप्ताह के भीतर शुरू करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने बीपुरम के हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में बने कोविड केयर सेंटर का पीपीई किट पहनकर निरीक्षण किया।
उन्होंने कोविड सेंटर नरेंद्रनगर जाकर मरीजों का हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री ने जिले की 95.73 करोड़ रुपये की लागत से कुल 42 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया और कहा, ''हमें कोविड बचाव के साथ-साथ प्रदेश के विकास के लिए भी आगे बढ़ना होगा।''
तहसीलदार चमन सिंह ने बताया कि राजस्व तथा वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे एक सप्ताह के विशेष संयुक्त अभियान के दौरान मोरी ब्लॉक के बंगाण क्षेत्र के चिंवा, माउंडा, बालचा और हिमाचल-उतराखंड सीमा से लगे देवल, किराणु, पावली, किरोली, हलटाडी, पासा सहित फते पर्वत क्षेत्र के खन्ना, मसरी पुजेली, खन्यासणी, सट्टा, किरोली समेत अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से अफीम की खेती की जा रही थी जिसे नष्ट कर दिया गया।
राजस्व पुलिस ने अफीम की खेती कर रहे खन्ना गांव के बाबूलाल और उसके पुत्र आशीष कुमार के विरुद्ध नशीली दवा एवं मादक पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
उन्होंने बताया कि पंचगाई क्षेत्र के लिवाडी, फिताडी, पांवमला, लवासु, दुवासी, डामटी, थुनारा, झोटाडी, माउंडा, राला, कास्ला, जखोल, सावणी, सटूडी में भी भारी मात्रा में वन भूमि और निजी भूमि पर अवैध रूप से अफीम की फसल बोई गई है और उसे भी नष्ट करने के लिए जल्द ही अभियान शुरू किया जाएगा।
यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 328338 हो चुकी है। आज सर्वाधिक 276 कोविड-19 मरीज पिथौरागढ जिले में मिले जबकि देहरादून में 241, हरिद्वार में 159 और पौडी गढवाल में 100 और टिहरी गढवाल में 94 मामले सामने आए।
इसके अलावा, 32मरीजों के दम तोड़ देने से प्रदेश में अब तक कुल 6401 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।
प्रदेश में उपचाराधीन मरीज 30357 हैं जबकि 285889 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं ।
इस बीच, प्रदेश में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के छह और मामले सामने आने से अब तक इस रोग के 198 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 15 की मृत्यु हो चुकी है ।
मुख्यमंत्री रावत ने डिजिटल माध्यम से अल्मोडा मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत के बेस अस्पताल में 500×2 एलपीएम एवं अल्मोड़ा जिला अस्पताल में 216 एलपीएम के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों का लोकार्पण करने के बाद कहा कि इनकी स्थापना से अल्मोड़ा एवं उसके आसपास के जिलों को लाभ होगा तथा हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल पर बोझ भी कम होगा।
रावत ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं तथा प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में औसतन अधिक जांच हो रही है ।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बनाई गई निगरानी समितियों के स्तर पर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया।
रावत ने कहा कि राज्य में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अधिकांश लोगों का टीकाकरण हो चुका है जबकि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण में तेजी लाने के लिए अन्य देशों से भी टीके मंगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री एवं अल्मोड़ा जिले की कोविड प्रभारी मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि कोरोना वायरस के विरूद्ध लड़ाई के लिए हम एक कदम और आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सोमेश्वर में भी ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की स्थापना का कार्य शुरु हो चुका है जो जल्द पूर्ण हो जायेगा।
'सेवा ही संगठन' अभियान के तहत प्रदेश भर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांव—गांव जाकर जरुरतमंदों को मास्क, सैनिटाइजर, राशन किट और अन्य जरुरी सामान वितरित किए ।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और मासी तथा पौडी जिले के तलई नीलकंठ और बंथ्याण्डी गांवों के कार्यकर्ताओं से डिजिटल संवाद किया तथा कोरोना वायरस महामारी में मदद कर रहे कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों के प्रयासों की सराहना की ।
देहरादून जिले के ऋषिकेश में प्रतीतनगर बाल्मीकि बस्ती मे आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम तथा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जरूरतमंदों को राशन किट, मास्क एवं सैनिटाइजर वितरित किए ।
इस अवसर पर गौतम ने कहा कि कोरोना से बचाव तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पार्टी संगठन द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करने, मास्क पहनने एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का यही एकमात्र उपाय है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भाजपा सरकार समर्पित भाव से देश भर में लोगों की सेवा कर रही है । उन्होंने कहा कि इस कठिन दौर में स्वयं के साथ—साथ देश को भी बचाना है ।
गौतम ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ मिलकर हरिद्वार के कलियर के भारापुर भौरी गाँव सहित कई स्थानों पर राहत सामग्री का वितरण किया।
प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांव—गांव जाकर सेवा अभियान चलाया और बूथ स्तर तक आम लोगों तक पहुंच बनाकर कोरोना का अस्तित्व मिटने तक यह अभियान जारी रहेगा ।
इसके अलावा, लोकसभा सांसद अजय भट्ट नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कोटाबाग में, लोकसभा सांसद अजय टम्टा अल्मोडा जिले के बजेटी गांव में, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल हरिद्वार जिले के भगवानपुर व रुड़की, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत डोईवाला के नवादा में आयोजित रक्तदान शिविर में सम्मिलित हुए ।
प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी थानों गाँव में, सुरेश भट्ट रायपुर के नुनूरखेड़ा व धर्मपुर के रक्तदान शिविर में, कुलदीप कुमार विकासनगर के बरोटीवाला, लक्ष्मीपुर व हरबर्टपुर वैरागीवाला में आयोजित रक्तदान शिविर में शामिल हुए तथा जरूरतमंदों की भी सहायता की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में राज्य कांग्रेस मुख्यालय में भी कांग्रेस कार्यकर्ता एक घंटे के मौन उपवास पर बैठे।
उपवास पर बैठे कांग्रेस नेताओं ने 'डीजल और पेट्रोल की बढती महंगाई को वापस लो', 'स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल’ और ‘फेल हुई सरकार' जैसे नारे लिखी हुई तख्तियां हाथ में ली हुई थीं।
उपवास से पहले सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार महंगाई और कोरोना महामारी को रोकने के दोनों मोर्चों पर विफल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘गरीब आदमी पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ उसे महंगाई मार रही है और दूसरी ओर कोरोना महामारी को रोक पाने में सरकार की विफलता का खामियाजा भी उसे ही भुगतना पड़ रहा है।’’
सरकार को जनता को महंगाई से निजात दिलाने का वादा याद कराते हुए सिंह ने कहा कि वह मांग करते हैं कि सरकार महंगाई और कोरोना महामारी दोनों मोर्चों पर जनता को राहत दिलाए।
डीडीहाट के उपजिलाधिकारी केएन गोस्वामी ने रविवार को बताया कि अपने गांव में कोविड जांच टीम के पहुंचने की सूचना पाने पर शर्मीले आदिवासी घरों के आसपास के जंगलों में भाग गए ।
अधिकारी ने बताया, “हमने औलतारी और जमतारी गांवों के निवासियों की जांच कर ली लेकिन कुटा चौरानी में रहने वाले लोग जंगलों में भाग गए।”
बन रावत समुदाय को वर्ष 1967 में भारत सरकार ने एक आदिम जनजाति घोषित किया है जो विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी है ।
गोस्वामी ने बताया कि इस अत्यंत लुप्तप्राय: जनजाति के 500 से ज्यादा सदस्य डीडीहाट सबडिवीजन में आठ स्थानों पर रहते हैं। उन्होंने कहा, “हमने अपनी कोरोना जांच टीमों को औलतारी, जमतारी और कुटा चौरानी गांवों में भेजा था । औलतारी और जमतारी में रहने वाले 191 सदस्यों ने आगे आकर अपनी जांच करवा ली लेकिन कुटा चौरानी के निवासी जांच से बचने के लिए जंगलों में भाग गए ।”
उपजिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को डर था कि जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्वैब स्ट्रिप से वे संक्रमित हो जाएंगे ।
कुटा चौरानी गांव में रहने वाले बन रावत समुदाय के एक बुजुर्ग जगत सिंह रजवार ने कहा कि स्वैब टेस्टर से उन्हें कोरोना संक्रमण हो जाएगा । उन्होंने कहा, “हम स्वास्थ्य जांच करवाने, दवाइयां खाने को तैयार हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि स्वैब स्ट्रिप हमारे शरीर में प्रवेश करे ।”
उपजिलाधिकारी के अनुसार, उनकी टीम ने समुदाय के कुछ साक्षर लोगों को समझाकर उन्हें अपनी जनजाति के लोगों में जांच की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने को प्रेरित किया है । उन्होंने कहा कि एक—दो दिन में फिर गांव में टीम भेजकर कोविड जांच नमूने लेने का प्रयास किया जाएगा ।
डीडीहाट यूथ सोसायटी के समन्वयक संजू पंत ने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों को विश्वास में लेकर उन्हें कोरोना किट बांटी गई हैं ।
पंत ने कहा कि कोविड की वजह से कोई काम न होने के कारण लुप्तप्राय: जनजाति समुदाय के लोग विषम दशाओं में रह रहे हैं और इस बारे में प्रशासन को सूचित कर दिया गया है ।
उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से जनजाति समुदाय के लोगों को खाद्य सामग्री के अलावा उपभोक्ता सामान भी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है ।
गोस्वामी ने बताया कि खाद्य सामग्री के अलावा बन रावतों को मसालों, तेल और अन्य जरूरी सामान भी निशुल्क वितरित किया गया है ।
उन्होंने कहा कि उन्होंने डीडीहाट के ब्लॉक विकास अधिकारी तथा पिथौरागढ़ के जिला विकास अधिकारी को पत्र लिखकर समुदाय के लोगों को मनरेगा के तहत काम देने को कहा है ।
गोस्वामी ने कहा, “हम समुदाय के लोगों को भूख का सामना नहीं करने देंगे । हम राजस्व अधिकारियों के जरिए उन पर नजर रखेंगे कि उन्हें खाने की कोई कमी न हो ।”
मेला के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कहा कि मेला औपचारिक रूप से एक अप्रैल को शुरू हुआ जब तक कोविड की दूसरी लहर पहले ही महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चलने लगी थी।
गुंज्याल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘अगर हम हरिद्वार जिले के एक जनवरी से 30 अप्रैल को कुंभ समाप्त होने तक के आंकड़ों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करें तो कुंभ को महामारी का सुपर-स्प्रेडर बताने की धारणा अनुचित लगती है।’’
गुंज्याल कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में संपूर्ण सुरक्षा बंदोबस्त के प्रभारी थे।
उन्होंने कहा कि जिले में एक जनवरी से 30 अप्रैल तक 8.91 लाख आरटी-पीसीआर जांच की गयीं थीं जिनमें से केवल 1,954 लोग संक्रमित मिले।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला में तैनात 16,000 से अधिक पुलिस कर्मियों में से केवल 88 ही 30 अप्रैल तक संक्रमित पाये गये।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में यहां हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने इस फैसले की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि हेमकुंड साहेब, घांघरिया, लोकपाल मन्दिर आदि को इको सेंसिटिव जोन (पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील)के दायरे से बाहर करते हुए केवल आबादीविहीन क्षेत्रों का संशोधित प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।
एक अन्य फैसले में ध्वनि प्रदूषण विनियमन नियंत्रण अधिनियम के तहत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं शांत क्षेत्रों में इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत प्रथम उल्लंघन पर व्यक्ति के लिये एक हजार, मनोरंजन संचालक के लिये पांच हजार, होटल संचालक के लिये 10 हजार और औद्योगिक एवं खनन के लिये 20 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति ली जायेगी।
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की निर्माण लागत में बढ़ोत्तरी के बाद केंद्र सरकार द्वारा 25 करोड़ रुपये जारी कर दिया गया है और 90:10 के अनुपात में राज्यांश भी दिया जाएगा । मेडिकल कॉलेज की लागत का आंकलन बढ़ाकर 538.40 करोड़ रुपये किया गया है।
एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय एवं राजकीय खाद्य योजना के अंतर्गत जून, जुलाई और अगस्त तीन माह के लिए दो किलो चीनी प्रति राशन कार्ड 25 रू प्रति किलो की दर से देने का निर्णय किया है ।
यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 325425 हो चुकी है। बुलेटिन के मुताबिक ताजा मामलों में सर्वाधिक 421 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि हरिद्वार में 295, नैनीताल में 204, उधमसिंह नगर में 167, टिहरी में 154, अल्मोड़ा में 132 और चमोली में 103 मामले सामने आए ।
इसके अलावा, मौत के नए मामलों को मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 6261 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।
प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33994 है जबकि 279516 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।
इस बीच, प्रदेश में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के छह और मामले सामने आने से अब तक इस रोग से पीड़ित 161 मरीज मिल चुके हैं जिनमें से 14 की मृत्यु हो चुकी है ।
चिकित्सा सामग्री में डिजिटल थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर, पीपीई किट, सर्जिकल मास्क, ग्लव्स, सैनेटाइजर और जरूरी दवाइयां हैं।
रंग कल्याण संस्था के पदाधिकारी अशोक नाबियाल ने बताया कि धारचूला सबडिवीजन की दरमा, व्यास और चौडांस घाटी के 43 गांवों और मुंस्यारी के तीन रांग आदिवासी गांवों में 500 से ज्यादा ग्रामीणों के बीच चिकित्सकीय सामग्री वितरित की गयी।
सोशल मीडिया पर चल रहे 'अरेस्ट रामदेव' ट्रेंड पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, '(वे) शोर मचा रहे हैं कि रामदेव को गिरफ्तार करो । कभी कुछ चलाते हैं कभी कहते हैं कि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफतार रामदेव । चलाते रहते हैं, उनको चलाने दो ।'
मजाक बनाते हुए योग गुरू कहते सुनाई दे रहे हैं कि 'अरेस्ट तो खैर उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को ।'
वरिष्ठ चिकित्सक और नेशनल जर्नल आफ क्लिनिकल एनाटॉमी के मुख्य संपादक के एस रवि ने कहा कि योग गुरू के ताजा वीडियो से प्रदर्शित हो रहा है कि वह एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों के बारे में 'असंवेदनशील' टिप्पणी करने के बाद बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं हैं ।
रवि ने कहा, 'रामदेव का बयान अहंकार से भरा हुआ है । यह दिखाता है कि वह अपने आपको कानून से उपर मानते हैं ।'
सोसायटी आफ इंटेलैक्चुअल्स के अध्यक्ष रवि ने कोविड 19 के मुश्किल समय में अपने जीवन को जोखिम में डालकर लोगों की सेवा में लगे चिकित्सकों का मनोबल उठाने के लिए योग गुरू द्वारा एलोपैथी के विरूद्ध 'बदनाम करने वाली टिप्पणी' करने के लिए उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए ।'
उत्तराखंड आइएमए के एक पूर्व अध्यक्ष ने नाम उजागर न किए जाने के अनुरोध के साथ कहा, ' रामदेव इस प्रकार के बयान देते रहते हैं क्योंकि वह राजनीतिक रूप से संरक्षित महसूस करते हैं ।
अल्मोडा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक महेश जीना के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री रावत ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में पहले विधिवत पूजा अर्चना की और उसके बाद कामकाज शुरू किया ।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, गणेश जोशी, राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत तथा कई विधायक मौजूद थे ।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जीना को राज्य विधानसभा के सदस्य के तौर पर शपथ दिलाई । पिछले साल नवंबर में अपने छोटे भाई और सल्ट के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का कोविड से निधन होने के बाद अप्रैल में हुए उपचुनाव जीतकर महेश जीना विधानसभा पहुंचे हैं ।
'अरेस्ट रामदेव' ट्रेंड के बारे में बताए जाने पर उसका मजाक बनाते हुए योग गुरू वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं कि 'अरेस्ट तो खैर उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को ।'
इन ट्रेंड को गंभीरता से लेने लायक न माने जाने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, '(वे) एक शोर मचा रहे हैं कि रामदेव को गिरफतार करो । कभी कुछ चलाते हैं कभी कहते हैं कि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफ्तार रामदेव । चलाते रहते हैं, उनको चलाने दो ।'
देहरादून के एक एलोपैथिक चिकित्सक ने कहा कि योग गुरू के ताजा वीडियो से प्रदर्शित हो रहा है कि वह एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों के बारे में 'असंवेदनशील' टिप्पणी करने के बाद बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं है
उन्होंने कहा, 'रामदेव का बयान अहंकार से भरा हुआ है । यह दिखाता है कि वह अपने आपको कानून से उपर मानते हैं ।'
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 321337 हो चुकी है । ताजा मामलों में सर्वाधिक 815 कोविड मरीज उधमसिंह नगर जिले में मिले जबकि देहरादून में 414, नैनीताल में 370, हरिद्वार में 283, टिहरी में 196 और पौडी में 194 मामले सामने आए।
इसके अलावा, मौत के ताजा मामलों को मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 6113 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।
प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 43520 हैं जबकि 266182 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं ।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राइफलमैन जसवंत सिंह रावत कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल प्रबंधन एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जाएगा और इस सेंटर में सभी बिस्तर ऑक्सीजन युक्त है जिनमें से 100 आइसीयू बिस्तर हैं और इस सेंटर को केवल दो सप्ताह में तैयार किया गया है ।
उन्होंने कहा कि यहां म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मरीजों और बच्चों के लिए भी अलग वार्ड की व्यवस्था है ।
सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हुई है तथा ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू एवं ऑक्सीजन बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही हल्द्वानी में भी 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो जायेगा ।
इसके अलावा, रावत ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित 30 नए आईसीयू बिस्तरों का भी लोकार्पण किया।
वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लेते हुए रावत ने कहा कि कोविड के समय में इन आईसीयू बेड की उपलब्धता से विशेषकर पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी जिले के लोगों को मदद मिलेगी जो इलाज के लिए श्रीनगर आते हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड के बाद अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी इन आईसीयू बेड का उपयोग होगा।
एक गैर सरकारी संगठन द्वारा इन गुज्जर परिवारों की दुर्दशा को लेकर अदालत से दखल की प्रार्थना वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एक खंडपीठ ने परिवारों की समस्या के समाधान के लिए तत्काल उपाय करने के आदेश दिए ।
अदालत ने कहा कि अगर जांच में ये लोग कोविड मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध कानूनी दस्तावेज हैं तो उन्हें अपनी आजीविका कमाने के लिए पार्क में प्रविष्ट होने देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए ।
कोरोना वायरस के मनुष्यों से जानवरों में फैलने की आशंका के मद्देनजर इन परिवारों के प्रवेश से पार्क में रहने वाले वन्यजीवों को खतरा होने की संभावना की महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर द्वारा दी गई दलील पर उच्च न्यायालय ने कहा कि इनकी तत्काल कोविड जांच कराई जाए।
अदालत ने कहा कि अगर ये लोग कोरोना मुक्त पाए जाते हैं और इनके पास वैध परमिट है तो कानून द्वारा अनुमन्य अवधि के लिए इन्हें पार्क में प्रवेश देने की व्यवस्था की जाए ।
याचिकाकर्ता द्वारा सप्लीमेंटरी हलफनामे के साथ जमा कराई गई तस्वीरों का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि इनसे पता चलता है कि परिवारों को खुले आसमान के नीचे खुले खेतों में खुले तंबुओं में रहने के लिये मजबूर किया गया है । फोटो में छोटे बच्चे और नवजात शिशु कंबल में लिपटाकर जमीन पर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं । फोटो से यह भी पता चलता है कि कुछ मवेशी तंबुओं के पास बंधे है जबकि कुछ अन्य मर गए हैं ।
अदालत ने कहा कि इससे पार्क के उपनिदेशक का निर्दयी रूख पता चलता है और नागरिक प्रशासन ने इन परिवारों को ऐसी दशाओं में जीने को मजबूर कर दिया है जो जानवरों के जीने लायक दशाओं से भी बदतर हैं ।
न्यायालय ने कहा कि प्रथमदृष्टया भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के मूल अधिकार का प्रतिवादियों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है । उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पार्क के उपनिदेशक को इन परिवारों को 'पक्के मकानों' में रखने तथा उन्हें खाना, पानी और दवाइयों के अलावा उनके मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ।
आइएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना की तरफ से दिए गए छह पृष्ठों के नोटिस में उनके वकील नीरज पांडेय ने रामदेव की टिप्पणी को ऐलोपैथी तथा एसोसिएशन से जुडे करीब 2000 चिकित्सकों की प्रतिष्ठा और छवि के लिए नुकसानदायक बताया है ।
योग गुरू की टिप्पणी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत 'आपराधिक कार्रवाई' बताते हुए नोटिस में रामदेव से नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर 'लिखित माफी' की मांग की गयी है और कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में 50 लाख रू प्रति आइएमए सदस्य की दर से उनसे 1000 करोड रू का मुआवजा मांगा जाएगा ।
नोटिस में रामेदव से कहा गया है कि वह अपने सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए एक वीडियो क्लिप बनाएं और उसे उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करें जिन पर उन्होंने अपने आरोपों के वीडियो क्लिप डाले थे ।
नोटिस में रामदेव से कोविड-19 की प्रभावी दवाई के रूप में प्रचारित अपनी फर्म के उत्पाद 'कोरोनिल किट' से संबंधित 'भ्रामक' विज्ञापन को हटाने को भी कहा गया है । नोटिस के अनुसार, ऐसा न होने की स्थिति में आइएमए द्वारा योगगुरू के खिलाफ प्राथमिकी और एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा ।
इस बीच, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आइएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव के जरिए आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है ।
सोमवार को अपने एक ट्वीट में बालकृष्ण ने कहा कि पूरे देश को इसाइयत में बदलने की साजिश के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि देशवासियों, अब गहरी नींद से जागो अन्यथा आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं करेंगी ।
चिकित्सकों की कमी और अस्पताल जाने में जोखिम को देखते हुए कई शिक्षक चिकित्सकों के पास नहीं जा सकते हैं इसलिए संपर्क फाउंडेशन शिक्षकों के पास चिकित्सकों को लेकर आया है ।
ई—सलाह की इस सेवा का इस्तेमाल करके शिक्षक चिकित्सकों की सलाह का अपने लिए और अपने परिजनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं ।
संपर्क फाउंडेशन के इस प्रयास से देश भर के 25 लाख शिक्षक और उनके परिवार जन लाभान्वित होंगे ।
संपर्क फाउंडेशन के अध्यक्ष और एचसीएल के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनीत नायर ने इस हैल्थलाइन का आरंभ करते हुए कहा, ' पहले से भी ज्यादा अब शिक्षकों को हमारे सहारे की जरूरत है और जमीनी स्थिति को देखते हुए मुझे उम्मीद है कि शिक्षकों तथा उनके परिवारों के लिए निशुल्क मेडिकल सलाह उपलब्ध कराके सही समय पर रोग की सही पहचान से कई जीवन बचाये जा सकते हैं ।'
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि संपर्क फाउंडेशन हमेशा की तरह एक बार फिर मुश्किल वक्त में राज्य की मदद के लिए आगे आया है । उन्होंने कहा कि इस हेल्थलाइन सेवा से राज्य सरकार के संसाधनों पर निश्चित रूप से दबाव कम होगा ।
संपर्क फाउंडेशन के साथ इस पहल में उत्तराखंड के अलावा छत्तीसगढ, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं ।
यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा मामलों को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 318346 हो चुकी है । ताजा मामलों में सर्वाधिक 524 कोविड मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर 452, टिहरी में 264, अल्मोड़ा में 234, नैनीताल में 209 और पिथौरागढ में 182 मामले सामने आए ।
इसमें कहा गया है कि ताजा मौतों को मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 6020 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।
प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 45568 हैं जबकि 261328 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं ।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने संवाददाताओं को बताया कि 27 अप्रैल से 24 मई तक सप्ताहवार आंकडों के अध्ययन से सामने आया है कि 11 मई से 17 मई के सप्ताह में सर्वाधिक 22 प्रतिशत तक पहुंच चुका संक्रमण दर उसके अगले सप्ताह 18 मई से 24 मई के दौरान घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया है।
सोमवार को प्रदेश में 2071 नए कोविड मरीजों के मिलने तथा 7051 मरीजों के स्वस्थ होने का जिक्र करते हुए सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी 67—68 फीसदी से बढकर 81 फीसदी हो गई है ।
नेगी ने कहा कि पिछले एक साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत तैयारियां की गई हैं और वर्तमान में प्रदेश में 1651 आइसीयू बिस्तर, 924 वेंटीलेंटर और 5000—6000 आक्सीजन सर्पोटेड बिस्तर उपलब्ध हैं ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 आक्सीजन उत्पादन संयंत्र लग चुके हैं जिनमें हल्द्वानी बेस अस्पताल, उत्तरकाशी जिला अस्पताल और कोटद्वार बेस अस्पताल शामिल हैं । उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास सभी जिला और उपजिला अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाना है ताकि आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सके ।
नेगी ने बताया कि भारत सरकार ने उत्तराखंड के लिए मंगलवार से आक्सीजन का आवंटन 183 मीट्रिक टन से बढाकर 200 मीट्रिक टन कर दिया है और यह आक्सीजन उसे अब राज्य में स्थित आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों से ही मिलेगी ।
उन्होंने बताया कि काशीपुर स्थित इंडिया ग्लाइकोल से 40 मीट्रिक टन, सेलाकुई स्थित लिंडे से 100 मीट्रिक टन, रूडकी स्थित एयर लिक्विड से 33 मीट्रिक टन तथा बाकी 25 मीट्रिक टन अन्य इकाइयों से मिलेगी । उन्होंने कहा कि इससे राज्य के पास पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध रहेगी ।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 30,000 से ज्यादा जांचें की जा रही हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही जांचों के हिसाब से लगभग दोगुनी हैं ।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इस बीमारी के उपचार के प्रमुख केंद्र एम्स ऋषिकेश में न केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा अन्य प्रदेश के रोगियों का भी इलाज किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 118 म्यूकरमाइकोसिस के रोगी आ चुके हैं जिनमें से नौ की मृत्यु हो चुकी है ।
ब्लैक फंगस रोगियों के उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने प्रदेश के 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डेजिग्नेट कर दिया । उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसके उपचार के लिए जरूरी दवाइयों को राज्य सरकार अब सीधे इन अस्पतालों को दे सकेगी ।
यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 315590 हो चुकी है । ताजा मामलों में सर्वाधिक 423 मरीज देहरादून जिले में मिले जबकि उधमसिंह नगर में 355, हरिद्वार में 264, नैनीताल में 223, चमोली में 175 और पौड़ी में 164 मामले सामने आए ।
इसके अलावा, प्रदेश में अब तक कुल 5927 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं ।
प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 49579 हैं जबकि 254654 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं ।
इसके अलावा, प्रदेश में सोमवार को ब्लैक फंगस के 14 संदिग्ध मरीजों समेत कुल 17 मामले सामने आए । अब तक प्रदेश में इस रोग के कुल 114 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से नौ मरीजों की मृत्यु हो चुकी है ।