सोमवार, 1 मार्च 2021

Modi Maidan: कृषि कानूनों के खिलाफ रुद्रपुर महापंचायत में उमड़ा जनसैलाब, 'मोदी मैदान' बन गया 'किसान मैदान'

रुद्रपुर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। उत्तराखंड के रुद्रपुर में सोमवार को बीकेयू लीडर राकेश के नेतृत्व में किसान पंचायत आयोजित की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस दौरान जिस विशाल मैदान में किसानों की पंचायत हुई, उसका नाम 'मोदी मैदान' से बदलकर 'किसान मैदान' कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी मैदान में जनसभा आयोजित की गई थी। पीएम के इस कार्यक्रम में तब 50 हजार लोगों ने शिरकत की थी। सोमवार को बीकेयू नेता ने दावा किया कि उनकी किसान महापंचायत में 50 हजार से ज्यादा लोग आए हैं। ऐसे में इस मैदान को मोदी मैदान की बजाय किसान मैदान कहना ज्यादा उचित होगा। टिकैत ने कहा कि यह जनता ही है जो किसी स्थान को पहचान देती है। जनता ने ही इसे मोदी मैदान का नाम दिया था और जनता ही इसे किसान मैदान कहेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस मैदान पर कृषि कानूनों का विरोध करते हुए जान गंवाने वाले किसानों की याद में एक स्मारक बनाया जाएगा। टिकैत ने कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल और केरल जैसे चुनावी राज्यों में व्यस्त है। उसके पास किसानों की मांगों को पूरा करने का समय नहीं है। हम किसान हर जगह उनका पीछा करेंगे और महापंचायत आयोजित करेंगे ताकि लोगों को उनकी खराब नीतियों के बारे में बता सकें। टिकैत ने कहा कि मैं अपने किसान भाइयों से अपील करूंगा कि अगले 8 महीनों में कहीं भी, कभी भी विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार रहें। उन्होंने इसके अलावा किसानों से अपने खेतों में काम करते रहने की भी अपील की। किसान नेता गुरनाम सिंह चादुनी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब भारत को आजादी मिली थी तब देश की जीडीपी में कृषि सेक्टर का हिस्सा 60 फीसदी था लेकिन अब यब यह घटकर 12 फीसदी हो गया है। गुरनाम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर को नष्ट करने के अपने दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों में सफल नहीं होगी। हम तब तक वापस नहीं लौटेंगे, जब तक कि वापस नहीं लिए जाते हैं।


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