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मुख्यमंत्री रावत की जांच रिपोर्ट में सोमवार को उनके कोविड-19 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने खुद को बीजापुर सेफ हाउस में आइसोलेट कर लिया।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उनका मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति में एहतियात बरतना जरूरी है लेकिन यदि संभव है तो आइसोलेशन में रहते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाना चाहिए।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए उत्तराखण्ड में पूर्व चेतावनी प्रणाली सयंत्र स्थापित करने के संबंध में चल रही केंद्र की परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए।
बैठक में आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि हमारा राज्य समय रहते जन समुदाय को चेतावनी प्रदान करने पर शीघ्रता से काम कर रहा है। इसी क्रम में मुक्तेश्वर में डॉप्लर राडार संचालित हो चुका है तथा मसूरी में सुरकंडा तथा पौडी में लैंसडौन में शीघ्र ही डॉप्लर का कार्य शुरू किया जाएगा।
प्रदेश के सचिव एसए मुरूगेशन ने बताया कि उत्तराखंड आपदाप्रबंधन विभाग एवं मौसम विभाग के सौजन्य से राज्य के संवेदनशील इलाकों में 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशन लगाए गए हैं। जिनमें 107 ऑटोमैटिक वैदर स्टेशन हैं। उन्होंने बताया कि आपदा की समय रहते सूचना मिलने से तुरंत राहत कार्य शुरू करने में सहायता मिलेगी।
एक अन्य बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों को जल्द निपटाने के आदेश दिए। इस संबंध में उन्होंने जिला स्तर पर जिलाधिकारियों को नियमित बैठकें आयोजित करने तथा प्रमुख सचिव, वन को अपने स्तर पर बैठकें करने के निर्देश दिए।
सीमांत क्षेत्रों में सडकों के निर्माण में तेजी लाने के लिए वन हस्तांतरण मामलों को तेजी से निपटाने के निर्देश देते हुए उन्होंने जिलाधिकारियों को लैंड बैंक शीघ्र तैयार करने को भी कहा।
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