यहां एक वीडियो के जरिए अपने बयान में रश्मि ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत ने जिस पूरे संदर्भ में यह बात कही है उसका वर्णन नहीं किया जा रहा है।
मिस मेरठ रह चुकीं रश्मि ने कहा, ‘‘ उन्होंने (तीरथ सिंह) ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी समाज और देश के निर्माण में अभूतपूर्व है। हमारे देश की महिलाओं के कंधों पर ही यह जिम्मेदारी है कि वह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाएं, हमारी पहचान को बचाएं, हमारी वेशभूषा को बचाएं।’’
मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बडे़ बाप का बेटा समझते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं।
उन्होंने इस संबंध में एक घटना का भी उल्लेख किया और कहा कि एक बार जब वह हवाई जहाज में बैठे तो उनके साथ एक महिला बैठी थीं जो गम बूट पहने हुई थीं, उनकी जींस घुटनों पर फटी थीं, हाथों में कई कडे़ थे और उनके साथ दो बच्चे भी थे।
रावत ने कहा कि वह महिला एनजीओ (गैर सरकारी संगठन)चलाती हैं जो समाज के बीच में जाती हैं और स्वयं उनके दो बच्चे हैं लेकिन घुटने फटे हुए हैं तो ऐसे में वह क्या संस्कार देंगीं।
रावत के इस बयान पर खासा बवाल मच गया और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों से लेकर शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी और अभिनेत्री से सांसद बनीं जया बच्चन के अलावा आम लोगों ने भी सोशल मीडिया पर रावत को ट्रोल किया।
मुख्यमंत्री रावत के इस बयान को 'निर्लज्ज' बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उन्हें महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए ।
सिंह ने कहा, ‘‘जब प्रदेश के मुख्यमंत्री की ही सोच महिलाओं के परिधानों के संदर्भ में ऐसी हो तो उत्तराखंड में महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। श्री तीरथ सिंह रावत जी इस निर्लज्ज बयान के लिए महिलाओं से माफी मांगें।’’
कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री कोई सांस्कृतिक शिक्षक नहीं है जो यह बताएं कि महिलाओं को कैसे वस्त्र पहनने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसकी बजाय मुख्यमंत्री को उत्तराखंड के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
प्रदेश में पांव पसारने का प्रयास कर रही आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री के इस बयान को 'भद्दा' बताते हुए कहा कि कपड़ों पर तंज कसने वाले मुख्यमंत्री पर लानत है।
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