सोमवार, 15 मार्च 2021

हरिद्वार कुंभ में दोहरा सकता था 1998 जैसा नजारा, आईजी की सूझ-बूझ से टला खूनी संग्राम!

करन खुराना, हरिद्वार हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ में एक व्यवस्था चली आ रही है। एक अखाड़ा स्नान करता है, उसके स्नान के बाद घाट की धुलाई की जाती है, तब जाकर दूसरा अखाड़ा हरकी पौड़ी पर पहुंचता है। 1998 में निरंजनी अखाड़े के शाही स्नान में थोड़ा समय लग गया था। जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े अपने स्नान की राह देख रहे थे। देर होने पर जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े के साधु बिफर गए और इस कारण उस दौर में हरकी पौड़ी पर खूनी संग्राम देखने को मिला। सैकड़ों साधु संत और पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कुछ ऐसा ही खूनी संग्राम फिर दोहरा सकता था, मगर एक पुलिस अधिकारी की सूझ-बूझ से यह टल गया। दरअसल 11 मार्च वाले दिन आयोजित महाशिवरात्रि स्नान पर भी कुछ इसी तरह के खूनी संग्राम होने के आसार बने मगर आईजी कुम्भ मेला सजंय गुंज्याल ने हालात संभाल लिए। यूं पैदा हुए विवाद के हालात, पुलिस के सामने खड़ी हुई चुनौती शाही स्नान वाले दिन पहली बारी जूना अखाड़े की थी, जूना अखाड़ा अपनी छावनी से निकलकर समय पर स्नान करके अपनी छावनी की और चल पड़ा था, लेकिन किन्नर अखाड़ा जो कि जूना अखाड़ा के साथ ही स्नान कर रहा था, उनको अपनी छावनी से निकलने में देर हो गई। किन्नर अखाड़ा छावनी से निकला ही था कि उसी समय पता चला निरंजनी अखाड़ा अपने समय अनुसार अपनी छावनी छोड़ चुका है। यह सुनते ही आईजी सजंय गुंज्याल समझ गए कि छोटी सी चूक हरिद्वार की धरती को लाल कर देगी। आईजी ने पुष्पवर्षा का वादा कर संभाले हालात आईजी मेला सजंय गुंज्याल ने अपनी कुशलता दिखाई और तुलसी चौक पहुंचे और निरंजनी अखाड़े के पदाधिकारियों को बताया कि मुख्यमंत्री महोदय ने हेली सर्विस से पुष्प वर्षा के आदेश दिए हैं। इसी चौक पर आपके ऊपर पुष्प वर्षा की जाएगी। इसी लिए आपसे निवेदन है कि आप थोड़ी देर यहीं रुके। पुष्पवर्षा की बात सुनकर अखाड़े के महंतों ने बात को स्वीकार किया और वहीं रुक गए। इसी दौरान आईजी सजंय गुंज्याल ने अपने अधीनस्थों को निर्देश दिया कि जितना जल्दी हो सके किन्नर अखाड़े को स्नान करवाकर छावनी में वापस भेजा जाए और सजंय गुंज्याल ने हेलिकॉप्टर के पायलट को कहा कि वह ऊपर घूमता रहे, लेकिन पुष्पवर्षा तभी करे, जब वह कहें। आईजी बोले, ऐसे आयोजनों में बड़ी जिम्मेदारी कंधे पर होती है इस तरह आईजी मेला सजंय गुंज्याल ने इस पूरे घटनाक्रम को थामकर रखा। किन्नर अखाड़े की पेशवाई हो जाने के बाद निरंजनी अखाड़े की पेशवाई सकुशल सम्पन्न हुई और इसी तरह से महाशिवरात्रि का शाही स्नान सकुशल सम्पन्न हुआ। जब इस वाकये के बारे में एनबीटी ऑनलाइन ने से बात की तो उन्होंने बताया कि कुंभ मेला एक बड़ा आयोजन है। ऐसे आयोजनों में बहुत से तरीके अपनाने पड़ते है। क्राउड मैनेजमेंट एक बहुत बड़ा चैलेंज रहता है। खासकर शाही स्नान पर बड़ी जिम्मेदारी रहती है।


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