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ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई बाढ़ में 205 लोग लापता हो गए थे जबकि उत्पादनरत ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना तबाह हो गयी तथा एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भारी क्षति पहुंची थी। आपदा के बाद से चलाए जा रहे बचाव एवं राहत अभियान में अब तक 77 शव बरामद हो चुके हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा गठित ये दोनों पैनल एक सप्ताह तक रैंणी गांव में ही रहेंगे और आपदा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेंगे।
यहां आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विशेषज्ञों का एक पैनल ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों के उपरी हिस्से में आई बाढ़ के संभावित कारणों का अध्ययन करेगा जबकि दूसरा पैनल निचले इलाकों में उसके प्रभाव का आंकलन करेगा।
इस संबंध में प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धनसिंह रावत ने विशेषज्ञों के साथ बुधवार को एक बैठक की थी।
ये पैनल इस तरह की आपदाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एक रणनीति की सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपेगे।
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