रविवार, 21 फ़रवरी 2021

Uttarakhand News: तपोवन में बनी ग्लेशियर झील की गहराई कितनी? नौसेना के दल ने लगाया पता

देहरादून/नई दिल्ली उत्तराखंड में आई आपदा के बाद तपोवन में ग्लेशियर झील की चिंताओं पर भारतीय नौसेना ने बड़ा काम किया है। नौसेना के गोताखोरों ने एक संयुक्त अभियान के तहत भारतीय वायुसेना के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एचएएल) की मदद से तपोवन में ऊंचाई वाले इलाके में बनी हिमनद (ग्लेशियल) झील की गहराई मापी। नौसेना की तरफ से रविवार को इस बात की जानकारी दी गई। उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने की वजह से नदियों के जलस्तर में इजाफा हो गया था। इसके बाद आई आपदा में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 137 लोग अब भी लापता हैं। आपदा के बाद ऋषिगंगा के ऊपर के क्षेत्र में एक कृत्रिम झील बन गई थी। 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मापी गहराई नौसेना के गोताखोरों ने औसत समुद्र तल से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर शनिवार को इस अभियान को अंजाम दिया। नौसेना ने कहा कि नौसेना के गोताखोरों ने हेलिकॉप्टर से नीचे उतरने और हाथ में पकड़े जाने वाले इको साउंडर की मदद से गहराई नापने के चुनौतीपूर्ण अभियान को अंजाम दिया। वैज्ञानिकों को मिलेगी मदद बताया गया कि इस दौरान पानी का तापमान लगभग जमाव बिंदू पर था। इस पूरी कवायद के दौरान वायुसेना के पायलटों ने दुर्गम पहाड़ी इलाके में सटीक पोजीशन कायम रखी। इस आंकड़े से वैज्ञानिकों को बांध की मिट्टी की दीवार पर दबाव का आकलन करने में मदद मिलेगी। इतनी लंबी, चौड़ी और गहरी है झील दरअसल इस महीने के शुरू में अचानक आई विनाशकारी बाढ़ के बाद मलबे के कारण यह कृत्रिम झील बनी थी। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक यह झील 400 मीटर लंबी, 25 मीटर चौड़ी और 60 मीटर गहरी है।


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