हरिद्वार, 23 फरवरी (भाषा) गंगा संरक्षण से जुड़ी चार मांगों को लेकर मातृसदन के संत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने मंगलवार से आमरण अनशन शुरू किया। पर्यावरण संरक्षण को समर्पित संस्था मातृसदन के 26 वर्षीय संत आत्मबोधानंद ने गंगा तथा अलकनंदा और भागीरथी जैसी उसकी सहायक नदियों पर सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित बांधों को रद्द करने, खनन तथा नदी में स्टोन क्रशर की अनुमति नहीं देने तथा गंगा भक्त परिषद के गठन की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया है। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 23 फरवरी से स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की मांगों को पूरा कराने के लिए तपस्या शुरू करने की घोषणा की थी। इन्हीं मांगों को लेकर मातृसदन के ही एक अन्य संत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने भी अनशन किया था और लंबे अनशन के बाद 2018 में उनका निधन हो गया था। मातृ सदन के प्रमुख परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अगर स्वामी सानंद की मांगें केंद्र ने मान ली होतीं तो चमोली त्रासदी नहीं होती और कई जानें बच जातीं। उन्होंने कहा कि स्वामी सानंद की उन मांगों को शीघ्र पूरा कराने के लिए उनके अनुयायियों द्वारा दोबारा 'तपस्या' शुरू की गयी है जिनके लिए वे जिए और अपने प्राण त्याग दिए।
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