सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

Tapovan Rescue Operation: तपोवन में टूट रही सांसों की उम्मीद...सुरंग की छत से चिपके मिले कई शव, अब तक 58 डेड बॉडी बरामद

तपोवन (चमोली) उत्तराखंड में आपदा को आए 10 दिन बीत चुके हैं। इस बीच तपोवन सुरंग में जिंदगी की उम्मीदें धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे बचाव कर्मी दिन-रात एक किए हुए हैं। लेकिन मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हर गुजरते घंटे के साथ परिवार वालों की निराशा बढ़ती जा रही है। इस बीच तपोवन सुरंग में कई लोगों के शव छत से चिपके मिले हैं। अब तक यहां 11 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 58 पहुंच गया है। तपोवन सुरंग से अब तक 11 शव बरामदतपोवन में सुरंग के अंदर सांसों को तलाशने का अभियान लगातार जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान सुरंग के अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए जुटे हैं। जोशीमठ के तपोवन सुरंग से 11 शवों के बरामद हो चुके हैं। इस बीच बचाव कर्मियों को सुरंग की छत से चिपके कई लोगों के शव मिले हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 204 लोग इस आपदा में लापता हो गए थे। इनमें से चमोली, रैणी गांव और तपोवन सुरंग से कुल मिलाकर 58 डेड बॉडी निकाली जा चुकी है। ऐसे में 146 शवों का अब तक पता नहीं चल सका है। पढ़ें: LIVE: 3 शव सुरंग की छत से चिपके मिलेएनटीपीसी टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। राहत और बचाव के दौरान सुरंग से नौवें दिन सोमवार सुबह तीन शव बरामद किए गए। फंसे लोगों के शव सुरंग की छत पर चिपके मिले। बुरी तरह फूले शवों को निकालने में बचाव कर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। सभी मृतकों की उम्र 30 से 35 साल के बीच है। इनमें दो की पहचान आलम सिंह और अनिल कुमार के रूप में हुई है। माना जा रहा है कि सभी लोग बचने के लिए बाहर की तरफ दौड़े होंगे, लेकिन यहां भी मलबा फंसे होने से उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बाढ़ की दबाव से उनका शव सुरंग की छत पर चिपक गया। पढ़ें: बाढ़ से बचने के लिए छत की स्टील रिब पकड़ी एनटीपीसी के जीएम आर.पी. अहीरवाल के मुताबिक, लोग छत पर बने स्टील की रिब को पकड़े हुए मिले। यह माना जा रहा है कि लोगों ने खुद को बाढ़ से बचाने के लिए ऐसा किया होगा। डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अगले तीन-चार दिनों तक जारी रहेगा। पढ़ें: ऋषिगंगा नदी पर वॉटर सेंसर-अलार्म सिस्टम लगाइस बीच चमोली में तबाही मचाने वाली ऋषिगंगा नदी पर सोमवार को वॉटर लेवल सेंसर और अलार्म सिस्टम लगा दिया गया। एसडीआरएफ की टीम ने रैणी गांव के पास यह सेंसर लगाया है, जो नदी का जलस्तर बढ़ते ही अलार्म सिस्टम से आसपास के गांववालों को सचेत कर देगा। इससे भविष्य में आपदा के समय लोग सुरक्षित निकल सकेंगे। हर बीतते दिन के साथ फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की उम्मीदें भी कम होती जा रही हैं। इस बीच, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मलबे से दिल्ली में पानी की जो समस्या हुई थी, उसे दूर कर लिया गया है। (एनबीटी संवाददाता से मिले इनपुट के साथ)


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3dgJGrX

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें