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देहरादून, 16 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि टिहरी में भागीरथी के तट पर अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी। जहां विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी का भी ज्ञान दिया जाएगा। टिहरी में बसंत पंचमी के अवसर पर टिहरी झील महोत्सव की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इससे पूरे विश्व के लोग भारतीय संस्कृति का ज्ञान हासिल कर सकेंगे। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी में उत्तराखंड का भविष्य है। उन्होंने कहा कि पहले टिहरी लेक फेस्टिवल की तारीख तय नहीं थी लेकिन अब अधिसूचना जारी कर दी गयी है कि यह हर साल बसंत पंचमी पर होगा। हाल में चमोली में आई प्राकृतिक आपदा का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि इस बार झील महोत्सव के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति थी परंतु हमने निर्णय लिया कि हम आपदा से भी लड़ेंगे और आगे भी बढ़ेंगे। उन्होंने आपदा में अपना जीवन खोने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए भगवान बदरीनाथ और केदारनाथ से प्रार्थना की। रावत ने कहा कि टिहरी में पर्यटक कुछ दिन रुके और यहां का लुत्फ उठाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए 1,210 करोड़ रुपये से टिहरी क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर विंग की स्थापना की गई है जिसका असर राज्य में देखने को मिल रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखंड ही पर्यटन का हब बनेगा। झील महोत्सव में विभिन्न साहसिक खेलों जैसे पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटर, पैरासेलिंग बोट, स्कूबा ड्राइविंग, हाट एयर बैलून, क्याकिंग, केनोइंग, हाईरोप कोर्स, रॉक क्लाइमिंग, जुमारिंग रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक का आयोजन किया जा रहा है। टिहरी झील महोत्सव के अंतर्गत पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है।
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