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हरिद्वार आईटीबीपी के प्रमुख एसएस देसवाल ने शुक्रवार को तपोवन सुरंग और रैणी गांव का दौरा किया। उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक आई बाढ़ का सर्वाधिक असर इन्हीं स्थानों पर था, जहां अभी तक 62 लोगों की मौत हो गई और 140 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रमुख ने यहां पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन के अफसरों से बातचीत भी की। इस बारे में बताते हुए आईटीबीपी के प्रवक्ता ने कहा, 'महानिदेशक ने तपोवन सुरंग में तलाशी एवं बचाव अभियानों का जायजा लिया। उन्होंने अन्य छोटे सुरंग का भी दौरा किया, जहां से सात फरवरी को 12 लोगों को बचाया गया था।' उन्होंने कहा कि देसवाल ने रैणी गांव का भी दौरा किया, जो ग्लेशियर फटने की संदिग्ध घटना के कारण अलकनंदा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण बाहरी दुनिया से कट गया था। रैणी गांव के आसपास के इलाकों में एरियल सर्वे आईटीबीपी गांव के आसपास के इलाकों में खोज एवं बचाव अभियान में जुटा हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि ग्लेशियर फटने को देखते हुए देसवाल ने रैणी गांव के ऊपरी इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां एक कृत्रिम झील बनने का संदेह है। आईटीबीपी प्रमुख के साथ बल के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। आपदा के दौरान राहत के लिए सबसे पहले वहां आईटीबीपी के जवान पहुंचे थे, जो तपोवन से करीब 25 किलोमीटर दूर जोशीमठ में तैनात थे।
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