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देहरादून ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। अब यहां महिलाएं भी पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार होंगी। राजस्व रेकॉर्ड में पति की पैतृक संपत्ति में भी महिला का नाम दर्ज होगा। 35 लाख महिलाओं के जीवन पर पड़ेगा असर अध्यादेश के जरिए सरकार का लक्ष्य उन महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है, जो पतियों के पलायन के कारण पहाड़ पर अकेली रह जाती हैं और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं। और में किए गए संशोधन का प्रभाव राज्य की लगभग 35 लाख महिलाओं के जीवन पर पड़ेगा। 'महिलाओं को समान भागीदारी देगा' सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड ने अन्य राज्यों का अनुसरण करने के लिए एक मिसाल कायम की है। हम समान भागीदारी की बात करते हैं और यह अध्यादेश महिलाओं को समान भागीदारी देता है। क्या है अध्यादेश में
- अगर कोई महिला तलाक के लिए केस फाइल करती है और किसी और से शादी करती है तो उसे अपने पहले पति के स्वामित्व वाली भूमि का सह-मालिक नहीं माना जाएगा
- अगर उसका तलाकशुदा पति उसके वित्तीय खर्चों को वहन करने में असमर्थ है तो महिला को सह-मालिक होने की अनुमति होगी
- अगर महिला नि:संतान है या उसका पति 7 साल से ज्यादा समय से लापता है, तब महिला को पिता की संपत्ति में सह खातेदार बनाया जा सकता है
- अगर महिला के पास पैसे नहीं हैं और पैतृक संपत्ति या खाता खतौनी में उसका नाम है तो उसे आसानी से लोन दिया जा सकेगा
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