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देहरादूनउत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुवार को एक और शव मिलने से आपदा में मरने वालों की संख्या 35 हो गई जबकि 169 अन्य लोग अभी लापता हैं। वहीं ऋषिगंगा नदी में पानी बढ़ जाने के कारण तपोवन टनल में राहत और बचाव अभियान अस्थायी रूप से रुका हुआ है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि निचले इलाकों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। चमोली पुलिस ने बताया कि ऋषिगंगा नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है। आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है। लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और घबराएं नहीं। दरअसल 7 फरवरी को एक ग्लेशियल के फटने से जिले में बाढ़ आ गई थी। एक शव और मिला चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि जिले के गौचर क्षेत्र से एक और शव बरामद हुआ है जिसके साथ ही अब तक आपदा ग्रस्त क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से 35 शव बरामद हो चुके हैं। इसके अलावा, 169 अन्य लोग अभी भी लापता हैं जिनमें तपोवन सुरंग में फंसे 25-35 लोग भी शामिल हैं। आपदाग्रस्त क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान जोरों से जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने रविवार सात फरवरी को बरामद शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान जोरों से चलाया जा रहा है और कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने बताया कि सुरंग में कम जगह होने के कारण खुदाई के काम में एक बार में केवल दो एक्सकेवटर ही लगाए जा सकते हैं जो लगातार काम में जुटे हैं। तपोवन-विष्णुगाड परियोजनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त ऋषिगंगा घाटी में रविवार को लाखों मीट्रिक टन बर्फ के एक साथ फिसलकर नीचे आने से बाढ़ आ गई थी। इससे ऋषिगंगा और तपोवन—विष्णुगाड परियोजनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और उनमें काम कर रहे लोग लापता हो गए।
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