करन खुराना, हरिद्वार ने सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हुए एक सकारात्मक पहल की है। जूना अखाड़ा हरिद्वार कुम्भ में दस अनुसूचित जाति के महामंडलेश्वर बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यह प्रथा शुरू की गई थी, जिसका अनुपालन हरिद्वार कुम्भ में भी जारी रहेगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि अखाड़े ने अनुसूचित जाति समाज के संतों के लिए पूरी तरह से द्वार खोल दिए हैं। श्रीमहंत हरि गिरी ने कहा कि आमतौर पर उच्च पदस्थ राजपूत या ब्राह्मण पदस्थ होते हैं लेकिन आज के सामाजिक परिवेश को समझते हुए आज के दौर में सब सामान्य है। इस धारणा को आगे बढ़ाते हुए अखाड़ा द्वारा यह फैसला लिया गया है। श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि 2021 कुम्भ के लिए देशभर से तकरीबन 1450 साधु सन्तों ने महामंडलेश्वर पद के लिए आवेदन किया है। आवेदन पर समीक्षा और चर्चा के बाद 23 महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे, जिनमें से 10 अनुसूचित जाति के होंगे और साथ ही पांच महिलाएं महामंडलेश्वर भी होंगी।
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