रविवार, 28 फ़रवरी 2021

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री मोदी ने की हरिद्वार कुंभ पर मन की बात, दिया ये संदेश

करन खुराना, हरिद्वारतीर्थनगरी हरिद्वार के एसएमजेएन पीजी कॉलेज में के 'मन की बात' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में साधु-संत और व्यापारी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कुंभ 2021, जल संरक्षण, पर्यावरण आदि को लेकर बात रखी गई। कार्यक्रम में अखाड़ों के पदाधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुंभ को लेकर साधुओं से सीधा संवाद भी कर सकते हैं या फिर कुंभ को लेकर कोई और घोषणा भी कर सकते हैं। हालांकि न ऐसा कुछ हुआ नही। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव महंत रविन्द्र पूरी ने बताया कि आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोविड के समय में सुरक्षित कुंभ 2021, जल संरक्षण, पॉलीथिन मुक्त कुंभ और पर्यावरण आदि पर अपने विचार रखे गए। एनबीटी को महंत रविंद्र पूरी ने बताया कि ऐसी उम्मीद थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुंभ को लेकर सीदा संवाद कर सकते हैं लेकिन आज ऐसी कोई बात नहीं हुई। उम्मीद है कि आने वाले समय में फिर कोई ऐसा कार्यक्रम हो सकता है। एस.एम.जे.एन पीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य सुनील बत्रा ने बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में सुरक्षित, साफ, स्वछ, भव्य, दिव्य कुंभ की बात कही और साथ ही पर्यावरण को लेकर अपने विचार रखे। सुनील बत्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में साधु संत और व्यापारी गण मौजूद रहे।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3sAUG7Q

मन की बात में महाकुंभ, गंगा स्नान के जिक्र से संत समाज उत्साहित

हरिद्वार, 28 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को की गई 'मन की बात' में महाकुंभ और माघ पूर्णिमा के गंगा स्नान का जिक्र धर्मनगरी हरिद्वार के लोगों के साथ-साथ साधु संतों के लिए भी बेहद खास रहा। यहां एसमजेएन कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज के साथ ही बड़ी संख्या में साधु-संत और व्यापारियों ने प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन सुना जिसके बाद वे काफी आनंदित नजर आए। मोदी ने हरिद्वार कुंभ और माघ पूर्णिमा के स्नान से अपनी 'मन की बात' की शुरुआत की। प्रधानमंत्री द्वारा इसका जिक्र करने से संत समाज उत्साहित दिखाई दिया और उन्होंने राज्य सरकार से दिव्य और भव्य कुंभ मेले का आयोजन कराने की उम्मीद जाहिर की। शनिवार को माघ पूर्णिमा का स्नान था जिसमें लाखों लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई । अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि मेले में देश ही नहीं पूरी दुनियाभर से लोग अपनी श्रद्धा लेकर आते है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कुंभ मेले का ज़िक्र करके अपना संदेश दे दिया है और अब उत्तराखंड सरकार का दायित्व बनता है कि कुंभ का आयोजन अच्छा हो।’’ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कही गई जल संरक्षण की बात को बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि संत समाज उनकी इस मुहिम के साथ है और जल्द ही जल संरक्षण के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री में आत्मविश्वास की कोई कमी नही है। उन्होंने कहा कि तमाम विपक्षी दलों के साथ-साथ उन्हें पड़ोसी देशों के विरोध का भी सामना करना पड़ता है लेकिन आत्मविश्वास के कारण वह बार-बार जीत दर्ज करते हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3dXxz3k

कार हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत, तीन घायल

देहरादून, 28 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लालकुआं क्षेत्र में रविवार तड़के एक कार और ट्रक की आमने-सामने से भीषण टक्कर हो गई जिसमें कार सवार एक ही परिवार के चार सदस्यों की मृत्यु हो गई तथा तीन अन्य घायल हो गए । पुलिस ने बताया कि हादसे के समय परिवार के लोग कार से उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज से हल्द्वानी अपने घर जा रहा थे । हादसे में घायल लोगों को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया गया जहां चार ने दम तोड़ दिया । मरने वालों में एक चार वर्ष का बच्चा भी शामिल है । अन्य तीन घायलों की हालत सामान्य बताई जा रही है ।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3kyY1lk

उत्तराखंड सरकार ने कुंभ के लिए एसओपी जारी की

देहरादून, 28 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है जिसमें महापर्व के दौरान गंगा स्नान के लिए आने वाले लोगों को अपने आगमन से 72 घंटें पहले तक आरटीपीसीआर पद्धति से की गई कोरोना वायरस जांच की ‘निगेटिव’ रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस संबंध में 22 जनवरी को जारी दिशा-निर्देशों पर आधारित इस एसओपी के अनुसार, श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेला-2021 के वेबपोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना जरूरी होगा जिसके बाद उन्हें ई-पास या ई-परमिट जारी किया जाएगा । कुंभ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हरिद्वार आगमन की तिथि से केवल 72 घंटे पूर्व तक की आरटीपीसीआर की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा । इसके अलावा, अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में प्रवेश के दौरान अपने मूल राज्य, जिला या तहसील के स्वास्थ्य केंद्र द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी कोरोना वायरस फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा । मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालु अपनी जांच रिपोर्ट, फिटनेस प्रमाणपत्र और ई-पास को अपने मोबाइल फोन में या उनकी मूल प्रतियां रख सकते हैं जिससे सत्यापन के दौरान मांगे जाने पर उन्हें दिखाया जा सके । उन्होंने बताया कि सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे कुंभ से संबंधित इन एसओपी का भरपूर प्रचार करें ताकि आने से पहले श्रद्धालुओं में कोई भ्रम की स्थिति न रहे । अधिकारी ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कुंभ की ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले स्वास्थ्यकर्मिंयों तथा अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड रोधी टीके की खुराकें लगाईं जाएं । ओमप्रकाश ने कहा कि अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर छह फुट की शारीरिक दूरी रखने, मास्क लगाने और बार-बार हाथ सैनेटाइज करने जैसे कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है । कुंभ में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध यात्रा परामर्श के अलावा इस एसओपी का पालन भी करना होगा । मुख्य सचिव ने कहा कि एसओपी का उल्लंघन होने पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी । कुंभ मेला क्षेत्र में पार्किंग, घाट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल, अतिथिगृहों, आश्रम और धर्मशालाओं समेत सभी स्थानों पर कुंभ अवधि के दौरान एसओपी लागू रहेगी । कुंभ मेले के एक अप्रैल को शुरू होने की संभावना है और यह 28 दिन तक चलेगा । कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए इस बार कुंभ की अवधि को छोटा किया जा रहा है ।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2NEINiI

Kumbh 2021 : PM मोदी ने 'मन की बात' में हरिद्वार कुंभ का जिक्र करके समझाया कल्पवास का महत्व

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' को संबोधित करते हुए हरिद्वार में आयोजित हो रहे कुंभ मेले का भी जिक्र किया। उन्होंने जल को आस्था और जीवन के विकास की धारा भी बताया। माघ महीने में जलाशयों में स्नान की परंपरा की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। पानी, एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है। वैसे ही पानी का स्पर्श, जीवन के लिए जरूरी है, विकास के लिए जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कल माघ पूर्णिमा का पर्व था। माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है। माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है।’ उन्होंने कहा कि दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई न कोई परंपरा होती ही है। नदी तट पर अनेक सभ्यताएं भी विकसित हुई हैं। पीएम ने कहा कि हमारी संस्कृति क्योंकि हजारों वर्ष पुरानी है, इसलिए इसका विस्तार हमारे यहां और ज्यादा मिलता है। भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा, जब देश के किसी न किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। माघ के दिनों में तो लग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3uEUfeI

शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

हरिद्वार: माघ पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

हरिद्वार, 27 फरवरी (भाषा) माघ पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को देश भर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने यहां हर की पैड़ी पर गंगा में डुबकी लगाई। इस अवसर पर घाट पर शुक्रवार से ही श्रद्धालु एकत्रित होने लगे थे। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा में स्नान करने से 10 हजार अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। कोविड-19 के चलते स्थगित कर दिए गए कुंभ मेला के बारे में अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार की खुशहाली और दुनिया को कोरोना वायरस महामारी से मुक्त करने के लिए मां गंगा से प्रार्थना की।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3sAzY8q

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

देहरादून में एक करोड़ रुपये मूल्य की स्मैक बरामद

देहरादून, 26 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड में देहरादून जिले के सहसपुर क्षेत्र में पुलिस ने एक व्यक्ति के कब्जे से कथित तौर पर एक करोड़ रुपये मूल्य की स्मैक बरामद की है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह रावत ने यहां बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के बाद शराफत के पास से यह स्मैक बृहस्पतिवार की रात बरामद की गई। उन्होंने बताया कि शराफत (35) को गिरफ्तार कर लिया गया है। रावत के अनुसार पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने उत्तर प्रदेश के बरेली से स्मैक खरीदी थी और वह इसे उत्तराखंड में बेचने के लिए लाया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी से 356 ग्राम स्मैक बरामद हुई है और उसकी कीमत एक करोड़ रुपये है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3uBDQHJ

मुख्यमंत्री ने 17 भाजपा नेताओं को दिया राज्य मंत्री स्तर का दर्जा

देहरादून, 26 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को भाजपा के 17 नेताओं को राज्य मंत्री स्तर का दर्जा देते हुए प्रदेश के विभिन्न आयोगों, निगम, परिषद और समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सलाहकार नियुक्त कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दायित्व पाने वाले भाजपा नेताओं में देहरादून के प्रमुख व्यापारी नेता अनिल गोयल भी शामिल हैं जिन्हें उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा, उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड के रामसूरत नौटियाल को राज्य स्तर मत्सय पालक विकास अभिकरण का उपाध्यक्ष, अल्मोडा के रानीखेत से कैलाश पंत को राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति का अध्यक्ष और चकराता के प्रताप सिंह रावत को वन विकास निगम का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3krqb1m

मुख्यमंत्री ने 17 भाजपा नेताओं को दिया राज्यमंत्रिस्तरीय दर्जा

देहरादून, 26 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को भाजपा के 17 नेताओं को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा देते हुए प्रदेश के विभिन्न आयोगों, निगम, परिषद और समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सलाहकार नियुक्त कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दायित्व पाने वाले भाजपा नेताओं में देहरादून के प्रमुख व्यापारी नेता अनिल गोयल भी शामिल हैं जिन्हें उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा, उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड के रामसूरत नौटियाल को राज्य स्तर मत्सय पालक विकास अभिकरण का उपाध्यक्ष, अल्मोडा के रानीखेत से कैलाश पंत को राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति का अध्यक्ष और चकराता के प्रताप सिंह रावत को वन विकास निगम का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2NH2OFc

एक्सप्रेस वे से दिल्ली-देहरादून के बीच का सफर केवल दो घंटे का होगा

देहरादून, 26 फरवरी (भाषा) केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली—देहरादून एक्सप्रेस वे के बनने से दोनों शहरों के बीच का सफर छह—सात घंटे से घटकर मात्र दो घंटे का रह जाएगा। कुल 5000 करोड़ रुपये की लागत से बने मुजफ्फरनगर—हरिद्वार—देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग के डिजिटल उद्घाटन के मौके पर गडकरी ने कहा, ‘‘आज मैं घोषणा करता हूं कि एक्सप्रेस वे बनने के बाद दिल्ली—देहरादून के बीच का फासला केवल दो घंटे में तय कर लिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे से दिल्ली—देहरादून की दूरी 250 किलोमीटर से घटकर 210 किलोमीटर रह जाएगी। गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अनुरोध किया कि वह इस एक्सप्रेस वे के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री से समय ले लें। उन्होंने कहा कि यह मुंबई—पुणे एक्सप्रेस वे की तर्ज पर बनेगा और इसका निर्माण 26 जनवरी, 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद 26 जनवरी, 2024 से पहले दिल्ली से देहरादून दो घंटे में आकर बताऊंगा।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह केवल एक्सप्रेस वे ही नहीं बल्कि ‘इकोनोमिक कॉरीडोर’ भी होगा जिसे सहारनपुर से हरिद्वार तक की ‘कनेक्टिविटी’ भी दी जाएगी और दिल्ली—देहरादून की तरह ही दिल्ली से हरिद्वार भी दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली—देहरादून एक्सप्रेस वे छह लेन का होगा और इसकी कुल लागत 13000 करोड़ रुपये होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष एसएस संधू ने कहा कि पौंटा साहिब से पहाडों की रानी मसूरी के लिए एक नया मार्ग बनाया जाएगा जिससे देहरादून से गुजरने वाला यातायात कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पौंटा साहिब से देहरादून के बल्लूपुर तक के राजमार्ग को चार लेन का कर दिया जाएगा। संधू ने कहा कि उत्तराखंड के लिए 25000 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है जिनमें कई नए राजमार्ग भी शामिल हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3dNTpGs

'छोटा कैलाश' को विकसित करने का प्रस्ताव

पिथौरागढ, 26 फरवरी (भाषा) कैलाश—मानसरोवर यात्रा का आयोजन इस वर्ष भी संभव न होने की आशंकाओं के मददेनजर कुमांउ मंडल विकास निगम ने चीन के साथ लगती सीमा पर भारतीय क्षेत्र में स्थित शिव के धाम 'छोटा कैलाश' को एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया है । निगम के अध्यक्ष केदार जोशी ने यहां बताया, 'आदि कैलाश के रूप में भी विख्यात छोटा कैलाश को भगवान शिव का असली घर माना जाता है और देश भर के शिवभक्तों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ तीर्थस्थल हो सकता है ।' उन्होने कहा कि सीमा सडक संगठन द्वारा पिछले साल जून में व्यास घाटी को मोटर मार्ग से जोड दिए जाने के बाद छोटा कैलाश तक संपर्क (कनेक्टिविटी) भी बेहतर हुई है, इससे तीर्थयात्रियों का वहां तक जाना भी सुविधाजनक हो गया है । भारत—चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख दर्रे के जरिए हर वर्ष होने वाली कैलाश—मानसरोवर यात्रा के लिए निगम नोडल एजेंसी है । पिछले साल कोविड 19 महामारी के कारण यह यात्रा नहीं हो पाई और इस बार भी अब तक इसके लिए तैयारी बैठकों के न होने के कारण इसके आयोजन की संभावनाएं नहीं लग रही हैं । यात्रा के संबंध में हर साल फरवरी के पहले सप्ताह में विदेश मंत्रालय तैयारी बैठकें करता है । निगम के अध्यक्ष जोशी ने बताया कि वह अप्रैल में स्वयं छोटा कैलाश जाने की योजना बना रहे हैं जिससे वहां आधारभूत संरचनाओं की स्थिति का जायजा लिया जा सके । जोशी का मानना है कि अगर सुविधाएं बढाई जाएं तो ज्यादा तीर्थयात्री छोटा कैलाश की यात्रा पर आएंगे । जून से शुरू होने वाली छोटा कैलाश की तीर्थयात्रा पर अभी करीब एक हजार श्रद्धालु प्रतिवर्ष पहुंच रहे हैं । उन्होंने कहा कि निगम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोटा कैलाश की यात्रा का निमंत्रण देना चाहता है जिससे इसे धार्मिक पर्यटन के एक गंतव्य के रूप में बढावा मिलेगा ।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3uxNPxZ

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

अहमदाबाद में क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री मोदी पर रखे जाने को रामदेव ने उचित ठहराया

हरिद्वार, 25 फरवरी (भाषा) अहमदाबाद में क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे जाने को योगगुरु बाबा रामदेव ने बृहस्पतिवार को उचित ठहराया। प्रधानमंत्री को युगपुरूष बताते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि अतीत के महान व्यक्तित्वों के नाम पर भवनों और स्मारकों के नाम रखे जा सकते हैं, ऐसे में ‘‘वर्तमान के महान व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी हैं और उनके नाम पर स्टेडियम का नाम रखना गलत नहीं है।’’ यहां बड़ा उदासीन अखाडे द्वारा श्रीचंद्राचार्य चौक पर संत श्रीचंद्र भगवान की मूर्ति के अनावरण समारोह में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर बाबा रामदेव ने यह बात कही।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3bzK9TE

उत्तराखंड: गंगा सभा, संतों ने परंपरागत तरीके से कुंभ की शुरूआत की

हरिद्वार, 25 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले की अधिसूचना भले ही जारी नहीं की हो लेकिन संतों और गंगा सभा ने बृहस्पतिवार को परंपरागत तरीके से इसकी शुरुआत कर दी। श्रीगंगा सभा ने हर की पौड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर वैदिक विधि विधान के साथ गंगा की धर्मध्वजा स्थापित की गयी । इस दौरान, श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि मां गंगा सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक है इसलिए हर की पौड़ी पर स्थित ब्रह्मकुंड पर उनकी धर्मध्वजा की स्थापना होना सभी के लिये ऐतिहासिक क्षण है। सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि हर की पौड़ी एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां गंगाभक्तों के साथ ही तमाम अखाड़े और साधु संत भी गंगा स्नान करते हैं। धर्मध्वजा की स्थापना से पहले सभा से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में नगर भ्रमण कर शोभायात्रा निकाली। इस दौरान शहरवासियों ने उनका स्वागत भी किया। इसके अतिरिक्त, कुंभ मेले के शाही स्नान के लिए श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के रमता पंच बैंड बाजे के साथ नगर में प्रवेश कर गए। कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने रमता पंचों के नगर प्रवेश करने पर उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर मेलाधिकारी रावत ने कहा कि एक तरह से आज मेले की शुरूआत हो गयी है और उन्हें विश्वास है कि साधु संतों के आशीर्वाद से हरिद्वार में बहुत सुन्दर, सुरक्षित, भव्य और दिव्य महाकुंभ मेला देखने को मिलेगा। रमता पंचों के नगर प्रवेश शोभा यात्रा की अगुवाई कर रहे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि ने कहा कि पूरे भारत में सनातन धर्म का प्रचार करने वाले साधु-संत एवं महात्मा कुंभ के मौके पर इकट्ठा होकर नगर प्रवेश करते हैं जो एक पुरानी परंपरा है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2PdjWmr

उत्तराखंड राजभवन में पुष्प प्रदर्शनी 13-14 मार्च को

देहरादून, 25 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के राजभवन में इस बार पुष्प प्रदर्शनी 'बसंतोत्सव' का आयोजन 13 और 14 मार्च को होगा। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। राजभवन से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन राज्यपाल 13 मार्च को प्रातः नौ बजे करेंगी और 11 बजे से इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। पुष्प प्रदर्शनी हर साल राजभवन में आयोजित की जाती है लेकिन पिछले साल कोविड-19 के कारण इसका आयोजन नहीं किया गया था। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उत्तराखण्ड की विशिष्ट वनस्पति या जैव प्रजाति पर पोस्टल कवर जारी करने का निर्णय भी इस बैठक में लिया गया। राज्यपाल बेबी रानी ने पुष्प प्रदर्शनी में बच्चों के लिए दो घण्टे आरक्षित करने के निर्देश भी दिये हैं जिसमें गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जायेगा। राज्यपाल ने कोविड-19 से जुड़ी सभी सावधानियां बरतने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए जिसमें प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग, सैनेटाइजर एवं मास्क की पूरी सुविधा हो। उन्होंने कहा कि रेडक्रास के द्वारा पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवक तैनात किये जायें जो सामाजिक दूरी सुनिश्चित करायेंगे।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3uyecnu

बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

आरोपी की गाड़ी जज साहब करते थे इस्तेमाल, उच्च न्यायालय ने किया निलंबित

करन खुराना, अल्मोड़ा उत्तराखंड के अल्मोड़ा में के पद पर तैनात को उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर एक धोखाधड़ी के आरोपी की व्यक्तिगत गाड़ी अपने परिवारजनों के लिए प्रयोग करने का आरोप था। आरोपी का मामला अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के न्यायलय में ही लंबित था। उच्च न्यायालय में की गई थी शिकायत जानकारी के अनुसार, सिविल जज अभिषेक पर यह आरोप लगे थे कि एक आरोपी जिस पर धोखाधड़ी के आरोप में मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उस आरोपी की व्यक्तिगत गाड़ी अभिषेक और उनके परिजन राज्य से बाहर आने-जाने के लिए प्रयोग करते हैं। उच्च न्यायालय में यह शिकायत की गई थी। देहरादून जिला कोर्ट से सम्बंध किया गया जांच-पड़ताल होने पर प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया। जिसके बाद अभिषेक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार जनरल धनजंय चतुर्वेदी के स्तर से जज पर कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार सिविल जज को निलंबन अवधि में देहरादून जिला कोर्ट से सम्बंध किया गया है। निलबंन की अवधि में जज को आधा वेतन दिया जाएगा।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3pQ175q

जूना अखाड़े का ऐलान, हरिद्वार महाकुंभ में अनुसूचित जाति के 10 संतों को बनाया जाएगा महामंडलेश्वर

करन खुराना, हरिद्वार ने सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हुए एक सकारात्मक पहल की है। जूना अखाड़ा हरिद्वार कुम्भ में दस अनुसूचित जाति के महामंडलेश्वर बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यह प्रथा शुरू की गई थी, जिसका अनुपालन हरिद्वार कुम्भ में भी जारी रहेगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि अखाड़े ने अनुसूचित जाति समाज के संतों के लिए पूरी तरह से द्वार खोल दिए हैं। श्रीमहंत हरि गिरी ने कहा कि आमतौर पर उच्च पदस्थ राजपूत या ब्राह्मण पदस्थ होते हैं लेकिन आज के सामाजिक परिवेश को समझते हुए आज के दौर में सब सामान्य है। इस धारणा को आगे बढ़ाते हुए अखाड़ा द्वारा यह फैसला लिया गया है। श्री महंत हरि गिरी ने बताया कि 2021 कुम्भ के लिए देशभर से तकरीबन 1450 साधु सन्तों ने महामंडलेश्वर पद के लिए आवेदन किया है। आवेदन पर समीक्षा और चर्चा के बाद 23 महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे, जिनमें से 10 अनुसूचित जाति के होंगे और साथ ही पांच महिलाएं महामंडलेश्वर भी होंगी।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3spWJvC

उत्तराखंड में फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा

देहरादून, 24 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड में बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने तब और जोर पकड लिया जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इसकी उम्मीद निश्चितरूप से की जा सकती है । नई दिल्ली में प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात कर लौटे मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं से बातचीत में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसमें कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है । उन्होंने कहा, 'अभी कैबिनेट में कुछ पद खाली हैं । इन चर्चाओं का होना स्वाभाविक है । अभी प्रधानमंत्री जी से मिले हैं, अध्यक्ष जी से मिले हैं, तमाम मंत्रिगणों से मुलाकात हुयी है । तो इस तरह की चर्चा अगर हुई है तो अस्वाभाविक नहीं है ।' यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद की जा सकती है, रावत ने कहा, 'निश्चित रूप से'। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आयी भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने कई बार जोर पकडा लेकिन यह कवायद कभी अंजाम तक नहीं पहुंची । अठारह मार्च 2017 को जब रावत सरकार का गठन हुआ तो केवल दस सदस्यीय मंत्रिमंडल को ही शपथ दिलायी गयी थी जबकि उत्तराखंड में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं । राज्य मंत्रिमंडल में रिक्त ये दो स्थान उसके बाद कभी भरे ही नहीं गये । जून, 2019 में प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्रालय सहित कई अहम विभाग संभाल रहे प्रकाश पंत के निधन हो जाने के बाद मंत्रिमंडल के रिक्त पदों की संख्या बढकर तीन हो गयी । पंत के अचानक निधन ने मंत्रिमंडल के रिक्त पदों को भरे जाने को लेकर चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया लेकिन शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को संसदीय कार्यमंत्री और वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दिये जाने के बाद ये चचायें फिर बंद हो गयीं । पिछले साल की शुरूआत में भी इन चर्चाओं ने तब जोर पकड लिया था जब मुख्यमंत्री रावत ने कहा था कि कैबिनेट में रिक्त पडे स्थानों को भरे जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि हर मंत्री बहुत सारे विभागों की जिम्मेदारी संभालने के कारण बहुत बोझ उठा रहा है । हांलांकि, उसके बाद भी इस दिशा में कुछ नहीं हुआ । अब एक साल बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तब हो रही है जब अगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं ।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3pLIHCB

उत्तराखंड पुलिस में जुड़ा महिला कमांडो का दस्ता, ऐसा करने वाला बना देश का चौथा राज्य

देहरादून उत्तराखंड पुलिस में बुधवार को महिला कमांडो का दस्ता जुड़ गया। उत्तराखंड देश का ऐसा चौथा राज्य बन गया है जहां पुलिस ने महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां पुलिस लाइन में उत्तराखंड की महिला कमांडो फोर्स का आरंभ करते हुए कहा कि महिलाओं को पुलिस कमांडो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिला कमांडो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार जताया और कहा कि उन्होंने न केवल एक बार आग्रह किए जाने पर यह प्रशिक्षण दिया बल्कि यह प्रशिक्षण निशुल्क भी दिया है । विद्या के सदुपयोग को जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी विद्या में पारंगत होने का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्मसुरक्षा होना चाहिए। 104 प्रशिक्षित चीता पुलिस दल की भी शुरूआत सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्कूलों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाली लडकियों को भी आत्मसुरक्षा के गुर सिखाये जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बेटियों को प्रेरणा देना आवश्यक है और यह समाज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्मसुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इस मौके पर प्रशिक्षित 22 महिला कमांडो ने पुलिस लाइन में सुरक्षा से संबधित अनेक करतब भी दिखाए। महिला कमांडो के साथ ही मुख्यमंत्री ने 104 प्रशिक्षित चीता पुलिस दल की भी शुरूआत की। महिला कमांडो दस्ता तैयार करने वाला चौथा राज्य महिला कमांडो दस्ता तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है। इससे पहले नागालैंड, केरल और पश्चिम बंगाल में महिला कमांडो दस्ते पुलिस में शामिल किए जा चुके हैं। इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि महिला पुलिस कमांडो दस्ते तथा चीता पुलिस दल के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा । उन्होंने कहा, 'वह अपनी परेशानियों को महिला पुलिस से साझा कर सकेंगी जिससे महिला अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/37I74uV

हरिद्वार में इन 5 राज्यों के सैलानियों की एंट्री से पहले कोरोना टेस्ट अनिवार्य, कोविड रिपोर्ट लाने वालों को छूट

करन खुराना, हरिद्वार देश के कुछ राज्यों में फिर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हए उत्तराखंड सरकार ने ऐलान किया है कि पांच राज्यों से आने वाले यात्रियों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। 72 घंटे की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लेकर आने वाले यात्रियों को छूट दी जाएगी। पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र, केरल समेत देश के पांच राज्यो में कोरोना के मामलों ने फिर से रफ्तार पकड़ी है। इसी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। हरिद्वार में आने वाले समय में कुम्भ का आयोजन होना है। सतर्कता बरतते हुए जिला प्रशासन द्वारा यह फैसला लिया गया है कि जो भी श्रद्धालु, यात्री किसी भी माध्यम से हरिद्वार आता है और अगर वो पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश या गुजरात से है तो उसके लिए कोविड जांच या कोविड नेगटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। अगर वो अपने साथ कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लाया है तो यात्री आ सकता है अन्यथा उसको कोविड जांच से गुजरना होगा। हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि वैसे तो कोविड जांच रैंडम तौर पर हो रही है लेकिन देश के कुछ राज्यों में जहां पर मामलों में फिर से बढ़ोतरी हुई, उन राज्यों के यात्रियों की कोविड जांच अनिवार्य कर दी गई है। उन राज्यों के यात्रियों को चिह्नित कर उनकी कोविड रिपोर्ट जांची जाएगी। अगर 72 घण्टे के अंतराल की नेगटिव कोविड रिपोर्ट है तो यात्री आ सकता है। अगर रिपोर्ट नही है तो उसको मौके पर जांच करानी होगी।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/37Jy8Kf

Success Story : नौकरी छोड़ पारिवारिक कारोबार को ऑनलाइन करने से मिली कामयाबी

केसरी ट्रांसकॉन्टिनेंटल होमस्‍केप्‍स की निदेशक माला अवस्‍थी ने बिजनेस के लिए टीचर की नौकरी छोड़ दी थी. लॉकडाउन में नुकसान हुआ तो ऑनलाइन मॉडल अपनाया. मध्य पूर्व और अन्य एशियाई देशों तक फैल गया बिजनेस.

from Latest News सक्सेस स्टोरी News18 हिंदी https://ift.tt/3kjiiLg

उत्तराखंड पुलिस में महिला कमांडो का दस्ता जुड़़ा

देहरादून, 24 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड पुलिस में बुधवार को महिला कमांडो का दस्ता जुड़ गया । उत्तराखंड देश का ऐसा चौथा राज्य बन गया है जहां पुलिस ने महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया है । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां पुलिस लाइन में उत्तराखंड की महिला कमांडो फोर्स का आरंभ करते हुए कहा कि महिलाओं को पुलिस कमांडो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है । रावत ने महिला कमांडो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार जताया और कहा कि उन्होंने न केवल एक बार आग्रह किए जाने पर यह प्रशिक्षण दिया बल्कि यह प्रशिक्षण निशुल्क भी दिया है । विद्या के सदुपयोग को जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी विद्या में पारंगत होने का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्मसुरक्षा होना चाहिए । उन्होंने स्कूलों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाली लडकियों को भी आत्मसुरक्षा के गुर सिखाये जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बेटियों को प्रेरणा देना आवश्यक है और यह समाज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्मसुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इस मौके पर प्रशिक्षित 22 महिला कमांडो ने पुलिस लाइन में सुरक्षा से संबधित अनेक करतब भी दिखाए। महिला कमांडो के साथ ही मुख्यमंत्री ने 104 प्रशिक्षित चीता पुलिस दल की भी शुरूआत की । महिला कमांडो दस्ता तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है । इससे पहले नागालैंड, केरल और पश्चिम बंगाल में महिला कमांडो दस्ते पुलिस में शामिल किए जा चुके हैं । इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि महिला पुलिस कमांडो दस्ते तथा चीता पुलिस दल के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा । उन्होंने कहा, 'वह अपनी परेशानियों को महिला पुलिस से साझा कर सकेंगी जिससे महिला अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।'


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3dIUIX1

अल्मोड़ा के न्यायिक मजिस्ट्रेट निलंबित

नैनीताल, 24 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अल्मोड़ा के न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार श्रीवास्तव को धोखाधड़ी के एक मामले में मुकदमा शुरू होने का इंतजार कर रहे एक व्यक्ति से अनुचित लाभ लेने के आरोप में निलंबित कर दिया है । श्रीवास्तव पर आरोप थे कि वह और उनके परिवार के सदस्य घूमने तथा दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाने के लिए चंद्रमोहन सेठी नाम के व्यक्ति के निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा आरोपों की जांच कराई गई जिनमें श्रीवास्तव दोषी पाए गए । यह भी पाया गया कि सेठी के खिलाफ धोखाधडी के एक मामले में मुकदमे की सुनवाई श्रीवास्तव की अदालत में शुरू होनी थी । श्रीवास्तव के निलंबन का नोटिस रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने मंगलवार को जारी किया । निलंबित न्यायिक मजिस्ट्रेट निलंबन अवधि के दौरान देहरादून जिला न्यायालय से संबंद्ध रहेंगे ।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3aN2L3b

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

Uttarakhand news: मंगल ग्रह पहुंचा उत्तराखंड की दो बहनों शिवानी और हिमानी का नाम

देहरादून उत्तराखंड के हल्द्वानी में पढ़ने वाली दो छात्राओं का नाम मंगल ग्रह पर पहुंच गया है। नासा ने मंगल ग्रह पर जो यान भेजा है उसमें हल्द्वानी की दो छात्राओं शिवानी मिश्र और हिमानी मिश्र का नाम भी है। ये दोनों छात्राएं सगी बहनें भी हैं। शुक्रवार को अंतरिक्ष में पहुंचे इस यान में सिलिकॉन वेफर माइक्रोचिप पर एक इलेक्ट्रॉनिक बीम की मदद से 30 नाम उकेरे गए हैं। इसी चिप पर हल्द्वानी के दो डिग्री कॉलेजों की इन दोनों छात्राओं के नाम भी शामिल हैं। दरअसल, नासा ने 30 सितंबर 2019 तक अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वाले लोगों से नाम मांगे थे। इन लोगों को बकायदा बाद में ऑनलाइन बोर्डिंग पास दिए गए। शिवानी मिश्र एमबीपीजी से भौतिक विज्ञान में शोध कर रही हैं ,जबकि उनकी बहन हिमानी मिश्र महिला महाविद्यालय से भौतिक विज्ञान में एमएससी कर रही हैं। अहम बात यह है कि यह चिप अब हमेशा के लिए मंगल पर रहेगी। इसलिए अब इन दोनों बेटियों के नाम भी वहां पर हमेशा रहेंगे। नासा का मंगल मिशन जुलाई 2020 में लांच किया गया था। नासा ने मंगल ग्रह से ऑडियो भेजाअमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, एजेंसी ने मार्स यानी मंगल ग्रह की पहली ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की है। साथ ही नासा ने इसके लाल ग्रह पर पर्सीवरेंस रोवर की लैंडिंग का विडियो भी जारी किया है। इस रोवर ने गुरुवार को मंगल ग्रह पर लैंडिंग की थी। नासा के अनुसार यह आवाज उसके पर्सीवरेंस रोवर के उतरने के बाद वहां मौजूद धूल और मिट्टी पर पड़े दबाव की वजह से पैदा हुई। पहली बार मार्स पर लैंडिंग का वीडियो 60 सेकंड की रिकॉर्डिग में लगभग 10 सेकंड तक हवा की आवाज सुनी जा सकती है। इसके अलावा इसमें रोवर के कारण पैदा हुई आवाज भी सुनी जा सकती है। नासा का रोवर जेजेरो केट्रर में उतरा है, जहां पैराशूट खुलने से लेकर लैंडिंग तक के दृश्य विडियो में देखे जा सकते हैं। नासा ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ जब मार्स पर लैंडिंग का विडियो और तस्वीरें ली गई हैं। हम इनका अध्ययन शुरू कर चुके हैं। माइक्रोफोन हो गया था बंदनासा की ओर से जानकारी दी गई कि गुरुवार को जब पर्सीवरेंस ने मार्स पर लैंडिंग की थी उस दौरान इसके माइक्रोफोन ने काम करना अचानक बंद कर दिया था। लेकिन कुछ देर बाद माइक्रोफोन ने काम करना शुरू कर दिया और अब इसकी पहली क्लिप नासा ने जारी की है। रोवर बिल्कुल सही हालत मेंपर्सीवरेंस की मिशन मैनेजर जेसिका सैमुअल्स ने कहा कि अब तक सभी चीजें वैसी ही हैं, जैसी हम चाहते थे। यह बिल्कुल हमारी उम्मीदों के मुताबिक ही काम कर रहा है। अब हम जल्द ही इसके साथ मौजूद हेलिकॉप्टर की पहली उड़ान पर फोकस करेंगे। फिलहाल, शुरुआती तैयारियां की जा रही हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3aKUvkr

रावत ने प्रधानमंत्री मोदी से भेंट की

देहरादून, 23 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील इस राज्य में हिमनद एवं जल संसाधन केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता बताई । सरकारी प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी । प्रवक्ता ने बताया कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें हाल में चमोली जिले की ऋषिगंगा नदी में आई विकराल बाढ़ से हुई जनधन की हानि और इसके बाद संचालित तलाश एवं राहत कार्यों से अवगत कराया । आपदा में तत्काल सहायता के लिए उनका और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित 13 गांवों में सभी प्रकार की राहत पहुंचाई जा रही है । उन्होंने बताया कि इसके अलावा तीन गांवों में आवागमन के लिए ट्रॉली भी संचालित कर दी गई है। आपदा के बाद ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बनी झील के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने मोदी को बताया कि वाडिया संस्थान सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा स्थलीय सर्वेक्षण किया गया है तथा उसकी लगातार निगरानी की जा रही है। रावत ने बताया कि झील से जलनिकासी को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उत्तराखण्ड हिमनद एवं जल संसाधन केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कुंभ मेले के साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। इससे पहले, मुख्यमंत्री रावत ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की । मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को बताया कि देहरादून में प्रस्तावित कोस्ट गार्ड भर्ती केंद्र के लिए रक्षा मंत्रालय को कुंआवाला में सशुल्क भूमि प्रस्तावित की गई है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट चौखुटिया में हवाई पट्टी बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। दोनों के मध्य रूद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई। रावत से मुलाकात के दौरान रेल मंत्री गोयल ने प्रदेश में टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन के अंतिम लोकेशन सर्वेक्षण को स्वीकृति दे दी। मुख्यमंत्री के सुझाव पर उन्होंने पुराने ऋषिकेश स्टेशन के वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को निर्देशित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्विटजरलैण्ड की तर्ज पर रेलवे और रोप-वे बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अध्ययन कराया जाएगा।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3ursdmD

Kumbh 2021 : 3 मार्च को निरंजनी अखाड़े ने निकालेगा पहली पेशवाई, तैयारियां तेज

करन खुराना,हरिद्वार में अखाड़ो की पहली पेशवाई की तिथि निर्धारित कर दी गयी है। निरंजनी अखाड़ा तीन मार्च को पेशवाई निकलने जा रही है। कोविड के कारण जो कार्यक्रम दिसंबर या जनवरी में होने थे वो कार्यक्रम अब मार्च में होने जा रहा है। निरंजनी अखाड़े तीन मार्च को कुंभ 2021 के तहत पहली पेशवाई निकालने जा रहा है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई तीन मार्च को हजारों नागा साधु और 50 से ज्यादा महामंडलेश्वर के साथ यह पेशवाई निकलेगी। पेशवाई का सामान प्रयागराज से हरिद्वार पहुंच चुका है। प्रयागराज से श्री सिंहासन,श्री होदा, श्री छड़ी आदि पहुंच चुका है। इनकी सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती कर दी गयी है।सिंहासन,होदा,छड़ी आदि सभी चांदी के होते है और सिंहासन में महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर विराजमान होते है। पंचायती अखाड़े श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पूरी ने अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह और सीओ सिटी अभय सिंह के साथ एस एम जे एन पीजी कॉलेज में बन रही छावनी का निरीक्षण किया और चल रहे कार्यो की समीक्षा की। पूर्वाह्न 11 बजे पेशवाई एस एम जे एन पीजी कॉलेज से निकल कर शाम 6 बजे निरंजनी अखाड़े में करेगी प्रवेश। महाराष्ट्र से बुलाये जाएँगे कलाकार।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3bu6Ad2

Haridwar News : गंगा घाटों पर स्थापित किये जायेंगे आस्था कलश, प्रदूषण में होगी कटौती

करन खुराना, हरिद्वारहरिद्वार महाकुंभ 2021 में मेलाधिष्ठान द्वारा एक सकारात्मक कदम उठाया गया है। नमामि गंगे की योजना के अंतर्गत हरिद्वार के विभिन्न घाटों में 256 स्थापित करने का फैसला लिया है। श्रद्धालु हरिद्वार में आकर स्नान करने के बाद अपने मेले कपड़े गंगा घाटों पर छोड़ देते है या फिर गंगा जी में बहा देते है। इस कारण गंगा जी मे जगह जगह पर कपड़े अटके हुए मिलते है। इस कुरीति को खत्म करने के लिए अस्थि कलश स्थापित करने का फैसला लिया गया है। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत यह फैसला लिया गया है जिसमे 256 आस्था कलश स्थापित किये जायेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं को प्रेरित किया जाएगा कि वो अपने पुराने कपड़े गंगा जी मे न छोड़े बल्कि उस कलश में डाले। कलश में एक छोटा छिद्र दिया गया है जिससे गीले कपड़ो के पानी की निकासी होगी। ने अस्थि कलश का निरीक्षण किया और बताया कि यह योजना बहुत अलग और सकारात्मक है। इस योजना की शुरुआत से निसन्देह गंगा जी मे कपड़ों की संख्या कम होगी। अस्थि कलश स्थापित करने के बाद श्रद्धालुओं को प्रेरित किया जाएगा कि वो अपने कपड़े गंगा जल या गंगा घाटों पर न छोड़े। मेलाधिकारी ने बताया कि पुराने कपड़ो को लघु उद्योगों में काम मे लिया जाएगा। जिसमे कारपेट बनाना मुख्य कार्य होगा।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3khak5l

हरिद्वार: संत ने गंगा संरक्षण को लेकर अनशन शुरू किया

हरिद्वार, 23 फरवरी (भाषा) गंगा संरक्षण से जुड़ी चार मांगों को लेकर मातृसदन के संत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने मंगलवार से आमरण अनशन शुरू किया। पर्यावरण संरक्षण को समर्पित संस्था मातृसदन के 26 वर्षीय संत आत्मबोधानंद ने गंगा तथा अलकनंदा और भागीरथी जैसी उसकी सहायक नदियों पर सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित बांधों को रद्द करने, खनन तथा नदी में स्टोन क्रशर की अनुमति नहीं देने तथा गंगा भक्त परिषद के गठन की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया है। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 23 फरवरी से स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की मांगों को पूरा कराने के लिए तपस्या शुरू करने की घोषणा की थी। इन्हीं मांगों को लेकर मातृसदन के ही एक अन्य संत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने भी अनशन किया था और लंबे अनशन के बाद 2018 में उनका निधन हो गया था। मातृ सदन के प्रमुख परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अगर स्वामी सानंद की मांगें केंद्र ने मान ली होतीं तो चमोली त्रासदी नहीं होती और कई जानें बच जातीं। उन्होंने कहा कि स्वामी सानंद की उन मांगों को शीघ्र पूरा कराने के लिए उनके अनुयायियों द्वारा दोबारा 'तपस्या' शुरू की गयी है जिनके लिए वे जिए और अपने प्राण त्याग दिए।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3spexXN

चमोली आपदा में लापता लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया निर्धारित

देहरादून, 23 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के चमोली जिले में इस महीने के शुरू में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं जिला जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों को एक परिपत्र जारी कर सात फरवरी को भीषण दैवीय आपदा में लापता व्यक्तियों हेतु मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी दी गई है और उनसे इसका तत्काल पालन करने को कहा गया है । सर्कुलर में कहा गया है कि साधारणतया मृत्यु का पंजीकरण संबंधित व्यक्तियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर किया जाता है लेकिन उत्तराखंड में हुई असाधारण घटना जैसी अपवादस्वरूप परिस्थितियों में जांच के बाद किसी लोकसेवक की आख्या पर भी मृत्यु पंजीकरण किया जा सकता है । जिन लोगों के शव प्राप्त हो गए हैं, उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी लेकिन जिन लापता लोगों के शव नहीं मिले हैं, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तराखंड में आई उक्त दैवीय आपदा में ही उनकी मृत्यु होने की पूरी आशंका है। मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आपदा में लापता व्यक्तियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में उन लापता लोगों को रखा गया है जो आपदा प्रभावित स्थानों के स्थाई निवासी थे या उन निकटवर्ती स्थानों के स्थाई निवासी थे जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में निवासरत थे। दूसरी श्रेणी में वे लापता लोग हैं जो उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी थे लेकिन आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में मौजूद थे और तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के लापता पर्यटक या व्यक्ति हैं जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थान पर उपस्थित थे। मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए परगना अधिकारी या उपजिलाधिकारी को अभिहित अधिकारी (डेजेगनेटेड) और अतिरिक्त जिलाधिकारी या जिलाधिकारी को अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि ऋषिगंगा नदी में सात फरवरी को अचानक आई बाढ़ से चमोली जिले के रैंणी और तपोवन क्षेत्र में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था। आपदा में 204 व्यक्ति लापता हुए थे जिनमें से अभी तक 68 के शव बरामद हो चुके हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3uopCtU

सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

Uttarakhand news: उत्तराखंड आपदा में लापता 136 लोगों का 7 साल तक नहीं होगा इंतजार, घोषित किया जाएगा मृत, जानें पूरी प्रक्रिया

देहरादून उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को विनाशकारी बाढ़ आई थी। इस घटना को एक पखवाड़े से अधिक समय बीत गया। अब राज्य सरकार ने आपदा के बाद लापता हुए 130 से अधिक लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई। अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर जो लोग आपदा में लापता हो जाते हैं, उनका अगर सात साल तक कुछ पता नहीं चलता तब उन्हें मृत घोषित किया जाता है। लेकिन चमोली आपदा के मामले में, बर्थ ऐंड डेथ्स ऐक्ट, 1969 के पंजीकरण के प्रावधानों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस ऐक्ट के तहत आपदा में लापता लोगों को सात साल के पहले मृत घोषित किया जा सकता है। तेज हुई मुआवजे की प्रक्रिया अधिकारियों ने कहा कि यह कदम प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए शुरू की गई है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है जबकि केंद्र द्वारा 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है। 2013 केदारनाथ त्रासदी के मामले में, जो लोग लापता थे, उन्हें सात साल की अवधि से पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था। तीन श्रेणियों में जारी होंगे मृत्यु प्रमाणपत्र राज्य सरकार की अधिसूचना को केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव ने जारी की। लापता व्यक्तियों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के आवेदनों को निपटाने के लिए जिला स्तर पर नामित अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। अधिसूचना में कहा गया है, 'मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के उद्देश्य से, लापता व्यक्तियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है - पहला, जो आपदा प्रभावित क्षेत्रों या आसपास के क्षेत्रों के निवासी थे, दूसरे, वे जो उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी थे, लेकिन मौजूद थे 7 फरवरी को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में और अंतिम श्रेणी अन्य राज्यों से संबंधित है जो उसी दिन बाढ़ ग्रसित इलाकों में मौजूद थे।' सभी जिले में भेजे गए आदेश सूत्रों ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को इस प्रक्रिया के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा है कि आपदा में लापता हुए व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते समय इस प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। 136 लोग लापता सोमवार तक, खोज और बचाव दल ने क्षेत्र से 68 शव बरामद किए थे, जबकि 136 के अभी भी लापता होने की सूचना है। कुल बरामद शवों में से 14 तपोवन स्थित एनटीसी जलविद्युत परियोजना स्थल पर सुरंग से मिले थे, जबकि बाकी अन्य नदी के ऊपर और नीचे के इलाकों से बरामद किए गए थे।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3keQPud

पत्‍नी के इलाज को पति ने बेचा एक दिन का बच्‍चा, फिर ममता जागी... अब क्‍या करें... असमंजस

हल्द्वानीगरीबी और मजबूरी इंसान से क्या नहीं करवा देती। उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा की मलिन बस्ती में रहने वाले एक मजदूर के परिवार को अजब संकट से गुजरना पड़ रहा है। इस मजदूर की पत्नी ने चौबीस घंटे पहले ही एक नवजात को जन्म दिया था। इस दौरान पत्नी की जांच कर चिकित्सकों ने आशंका जताई कि महिला को कैंसर हो सकता है। कैंसर का नाम सुनते ही मजदूर के होश उड़ गए। जेब में पैसा था नहीं, इसलिए पत्नी से बातचीत कर तय किया कि नवजात को ही बेचकर पैसों का बंदोबस्त कर लिया जाए। कैंसर का नाम सुन तनाव में आई पत्नी ने भी हामी भर दी। पत्नी की सहमति के बाद मजदूर ने गौजाजाली के रहने वाले अपने परिचित को 65 हजार रुपये में नवजात को बेच दिया। फिर जागी मां की ममता अस्पताल से लौटकर मजदूर की पत्नी घर आ गई। हालांकि रविवार को मां की ममता जाग उठी। उसने मांग शुरू कर दी कि उसे इलाज नहीं, अपना बच्चा चाहिए। हर हाल में बच्चा वापसी करवाने की जिद पर अड़ी पत्नी ने धमकी दे डाली कि बच्चा न मिला तो कुछ भी कर जाऊंगी। एक तरफ मां का प्‍यार, दूसरी तरफ इलाजदूसरी तरफ बच्चा खरीदने वाला परिवार भी असमंजस में है। पति ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई। कोतवाली थाने के एक उपनिरीक्षक को कॉल कर उसने राय जरूर ली है। पुलिस ने राय दी है कि वह थाने को लिखित शिकायत दे। मजदूर इसके बाद से अजब संकट में है। वह अपने उस परिचित, जिसको उसने बच्चा बेचा, उसकी पुलिस में शिकायत करने से भी बचना चाह रहा है और पत्नी की ममता का भी उसे भान है। वह पत्नी का इलाज भी करवाना चाहता है। ऐसे में मजदूर के सामने इधर कुआं, उधर खाई की स्थिति बनी हुई है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3pGgflz

उत्तराखंड में 12 हजार गांव इंटरनेट से जुड़ेंगे

देहरादून, 22 फरवरी (भाषा) भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण में उत्तराखंड के 12 हजार ग्राम इंटरनेट से जुड़ेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से भेंट की और इसी दौरान वार्ता में भारतनेट 2.0 परियोजना को उत्तराखंड में लागू किए जाने पर सहमति दी गयी। सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत भारतनेट फेज-2 परियोजना के प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमोदन भी शीघ्र करने का आग्रह किया। उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक, महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति और आपदा के प्रति संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतनेट परियोजना की स्टेट-लेड मॉडल में समयबद्धता के साथ क्रियान्वयन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना में अनावश्यक विलम्ब न हो, इसके लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमोदन जल्द से जल्द दिया जाए।’’ इस दौरान, चारधाम क्षेत्र की डिजिटल कनेक्टिविटी को मज़बूत बनाने पर भी सहमति बनी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि बॉर्डर एरिया में इन्टरनेट कनेक्टिविटी के सुदृढ़ीकरण के लिये प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में ’इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर’ परियोजना शीर्ष प्राथमिकता से लागू किये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विभागों को कार्यप्रणाली को कंप्यूटरीकृत किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से सीख लेते हुए ऐसा किया जाना बहुत आवश्यक है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3upgMw3

उत्तराखंड: जल त्रासदी के बाद 14000 फीट पर बनी झील की निगरानी के लिए SDRF ने स्थापित किया स्पेशल सिस्टम

देहरादून उत्तराखंड के चमोली में हाल में आई आपदा के बाद ऋषिगंगा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बनी झील की निगरानी के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने क्विक डिप्लॉयबल एंटीना (क्यूडीए) प्रणाली को स्थापित किया है। एसडीआरएफ की उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि उपग्रह संचार पर आधारित क्यूडीए प्रणाली करीब 14,000 फुट की ऊंचाई पर नो सिग्नल क्षेत्र में स्थित झील की लगातार निगरानी में मदद मिलेगी। यह प्रणाली आंकड़े इकट्ठा कर सीधे नियंत्रण कक्ष को भेजेगी। उन्होंने कहा कि झील में कोई भी असामान्य गतिविधि का पता चलने पर इससे तत्काल चेतावनी जारी करने में मदद मिलेगी। ऋषिगंगा के उपर झील के निर्माण से वैज्ञानिकों के साथ ही सरकार भी चिंतित हो गई है। पैदल जायजा लेकर आई टीम झील के बारे में पता चलने के बाद वैज्ञानिकों के कई दल उसका हवाई सर्वेंक्षण कर चुके हैं जबकि भारतीय भू-सर्वेक्षण तथा उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की एक संयुक्त टीम पैदल मौके का जायजा लेकर आई है। झील से पानी का रिसाव, लेकिन खतरा नहीं मौके का जायजा लेकर आए सभी वैज्ञानिक दलों का मानना है कि झील से जल रिसाव हो रहा है और इससे तात्कालिक कोई खतरा नहीं है। क्यूडीए नो सिग्नल क्षेत्र से संचार स्थापित करने की नवीनतम तकनीक है जो तत्काल उपग्रह के जरिए संपर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देती है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2NkE19T

ऋषिगंगा के उपर बनी झील की निगरानी के लिए क्यूडीए स्थापित

देहरादून, 22 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के चमोली में हाल में आई आपदा के बाद ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बनी झील की निगरानी के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने क्विक डिप्लायबल एंटीना (क्यूडीए) प्रणाली को स्थापित किया है। एसडीआरएफ की उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि उपग्रह संचार पर आधारित क्यूडीए प्रणाली करीब 14,000 फुट की ऊंचाई पर नो सिग्नल क्षेत्र में स्थित झील की लगातार निगरानी में मदद मिलेगी। यह प्रणाली आंकड़े इकटठा कर सीधे नियंत्रण कक्ष को भेजेगी। उन्होंने कहा कि झील में कोई भी असामान्य गतिविधि का पता चलने पर इससे तत्काल चेतावनी जारी करने में मदद मिलेगी। ऋषिगंगा के उपर झील के निर्माण से वैज्ञानिकों के साथ ही सरकार भी चिंतित हो गई है। झील के बारे में पता चलने के बाद वैज्ञानिकों के कई दल उसका हवाई सर्वेंक्षण कर चुके हैं जबकि भारतीय भू सर्वेक्षण तथा उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की एक संयुक्त टीम पैदल मौके का जायजा लेकर आई है। मौके का जायजा लेकर आए सभी वैज्ञानिक दलों का मानना है कि झील से जलरिसाव हो रहा है और इससे तात्कालिक कोई खतरा नहीं है। क्यूडीए नो सिग्नल क्षेत्र से संचार स्थापित करने की नवीनतम तकनीक है जो तत्काल उपग्रह के जरिए संपर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देती है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3ulYtrk

हाथी के हमले में युवक की मौत

ऋषिकेश, 22 फ़रवरी (भाषा) ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला क्षेत्र के फूलचटटी गांव में सोमवार तडके एक जंगली हाथी ने एक युवक पर हमला कर दिया और इस घटना में युवक की मौत हो गई। लक्ष्मणझूला पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद उनियाल ने बताया कि पौडी जिले के यमकेश्वर इलाके में लक्ष्मणझूला नीलकंठ मोटर मार्ग पर यह घटना हुई। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना के रहने वाले 22 वर्षीय कपिल के रूप में हुई है । उन्होंने बताया कि तड़के फूलचट्टी में ग्रामीणों ने हाथी के चिंघाड़ने की आवाज सुनी और देखा कि वह युवक को अपनी सूंड़ में लपेटकर पटक रहा है। युवक के दम तोड़ देने के बाद भी हाथी शांत नहीं हुआ और उसने पास खड़े टेम्पो ट्रेवलर का शीशा तोड़कर उसमें सो रहे चालक को भी बाहर खींचने की कोशिश की। हालांकि, चालक ने किसी तरह अंदर दुबक कर अपनी जान बचा ली । मौके पर मृतक का मोबाइल फोन मिला है जिससे मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। मृतक का शव ऋषिकेश में एम्स के मुर्दाघर में रखा गया है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3br7h6F

रविवार, 21 फ़रवरी 2021

हथिनी का शव बरामद

कोटद्वार, 21 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के पौड़ी जिले के लैंसडौन क्षेत्र में रविवार को एक हथिनी की मौत हो गई । क्षेत्र की लालढांग रेंज के चिल्लरखाल में वनकर्मियों को सुबह गश्त के दौरान 18 से 20 साल की उम्र की हथिनी का शव मिला । बताया जा रहा है कि हथिनी झुंड के साथ गेहूं के खेत में आई थी और गेहूं खाने के बाद लौटते समय उसकी मौत हो गई। लालढांग रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बिन्द्रपाल ने बताया कि हथिनी की मौत के वास्तविक कारणों की जांच के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3pKz1br

रावत ने दिल्ली में किया हिमाद्रि एम्पोरियम का उद्घाटन

देहरादून, 21 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड सदन में 'हिमाद्रि एम्पोरियम' का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्पोरियम का उद्देश्य उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों का विकास, विपणन एवं विक्रय है और इसकी स्थापना से सदन में आने वाले अतिथि प्रदेश के विभिन्न उत्पादों से परिचित हो सकेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए शिल्पकारों और बुनकरों को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पूरी कोशिश है कि राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को अच्छी कीमत और बाजार मिल सके । उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन विपणन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उद्योग विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद द्वारा राज्य के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों का हिमाद्रि ब्रांड से विपणन किया जा रहा है और इसी क्रम में नई दिल्ली में हिमाद्रि एंपोरियम स्थापित किया गया है। यहां देहरादून में पटेल नगर स्थित जिला उद्योग केंद्र परिसर में भी इसी वर्ष नए हिमाद्रि एंपोरियम का शुभारंभ किया जाएगा।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3qIkVJ0

जनता से किए गए वादों को पूरा किया जा रहा है: रावत

देहरादून, 21 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को कहा कि पिछले चार वर्षों में उनकी सरकार ने सड़कों के विकास, स्वच्छ जल की आपूर्ति और महिला सशक्तीकरण आदि पर विशेष ध्यान दिया है। यहां के निकट मिंयावाला में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 50 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 18 मार्च को राज्य सरकार के कार्यकाल के चार वर्ष पूरे हो जायेंगे और प्रदेश की जनता से किए गए वादों को राज्य सरकार पूरा कर रही है। वर्ष 2017 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने अपना दृष्टिपत्र जारी किया था । रावत ने कहा, ‘‘ 2017 में जो दृष्टिपत्र बनाया गया था, उसमें से 85 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुके हैं।' यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा अब तक की गयी घोषणाओं पर क्रियान्वयन की भी नियमित समीक्षा की जा रही है और इनमें से अधिकतर पर काम पूरा हो चुका है। रावत ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सड़कों के विकास, स्वच्छ जल आपूर्ति, महिला सशक्तीकरण आदि पर विशेष ध्यान दिया गया । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पति की पैतृक सम्पति में महिलाओं को अधिकार देने का कार्य किया है और ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3aEvNSI

Uttarakhand News: तपोवन में बनी ग्लेशियर झील की गहराई कितनी? नौसेना के दल ने लगाया पता

देहरादून/नई दिल्ली उत्तराखंड में आई आपदा के बाद तपोवन में ग्लेशियर झील की चिंताओं पर भारतीय नौसेना ने बड़ा काम किया है। नौसेना के गोताखोरों ने एक संयुक्त अभियान के तहत भारतीय वायुसेना के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एचएएल) की मदद से तपोवन में ऊंचाई वाले इलाके में बनी हिमनद (ग्लेशियल) झील की गहराई मापी। नौसेना की तरफ से रविवार को इस बात की जानकारी दी गई। उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने की वजह से नदियों के जलस्तर में इजाफा हो गया था। इसके बाद आई आपदा में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 137 लोग अब भी लापता हैं। आपदा के बाद ऋषिगंगा के ऊपर के क्षेत्र में एक कृत्रिम झील बन गई थी। 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मापी गहराई नौसेना के गोताखोरों ने औसत समुद्र तल से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर शनिवार को इस अभियान को अंजाम दिया। नौसेना ने कहा कि नौसेना के गोताखोरों ने हेलिकॉप्टर से नीचे उतरने और हाथ में पकड़े जाने वाले इको साउंडर की मदद से गहराई नापने के चुनौतीपूर्ण अभियान को अंजाम दिया। वैज्ञानिकों को मिलेगी मदद बताया गया कि इस दौरान पानी का तापमान लगभग जमाव बिंदू पर था। इस पूरी कवायद के दौरान वायुसेना के पायलटों ने दुर्गम पहाड़ी इलाके में सटीक पोजीशन कायम रखी। इस आंकड़े से वैज्ञानिकों को बांध की मिट्टी की दीवार पर दबाव का आकलन करने में मदद मिलेगी। इतनी लंबी, चौड़ी और गहरी है झील दरअसल इस महीने के शुरू में अचानक आई विनाशकारी बाढ़ के बाद मलबे के कारण यह कृत्रिम झील बनी थी। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक यह झील 400 मीटर लंबी, 25 मीटर चौड़ी और 60 मीटर गहरी है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2MaZhyd

शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा: जल विद्युत परियोजना स्थल से मिले 5 और शव, 67 तक पहुंची मृतकों की संख्या

जोशीमठ उत्तराखंड में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना स्थल से शनिवार को 5 और शव बरामद किए गए हैं। 7 फरवरी को ग्लेशियर फटने से आई आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। एनडीआरएफ के कमांडेंट पी के तिवारी ने बताया कि शनिवार को तपोवन परियोजना बैराज के पास गाद निकालने वाले टैंक से ये शव बरामद किए गए हैं। चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर ग्लेशियर के फटने से हुए हिमस्खलन और भारी बाढ़ की चपेट में आने से कई लोग लापता हो गए थे। 13 दिनों से अधिक समय से परियोजना स्थल पर तलाशी अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। हिमस्खलन में 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई, जबकि तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को भी काफी नुकसान हुआ था। 139 लोग अब भी लापता तीन और शवों की बरामदगी के साथ, त्रासदी में मरने वालों की संख्या 67 हो गई है, जबकि 137 लोग अभी भी लापता है। इस बीच, चमोली के जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस. भदौरिया ने शनिवार को एनटीपीसी को परियोजना स्थल पर चल रहे अभियान में अतिरिक्त उपकरणों को लगाने और धौलीगंगा नदी के रास्ते को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए कहा, ताकि उसका पानी बैराज से तपोवन सुरंग में न बहने पाए, जिससे कीचड़ साफ करने के प्रयासों में बाधा आ सकती है। राहत कार्यों में नदी के पानी से हो रही परेशानी भदौरिया ने कहा कि बैराज से सुरंग में बहने वाला नदी का पानी सुरंगों में बचाव दल के लिए एक बड़ा सिरदर्द रहा है, जिससे मलबा साफ करने का अभियान अधिक चुनौतीपूर्ण बन गया है। डीएम ने कहा कि रैणी में मुख्य परियोजना स्थल पर बचाव अभियान पूरा हो गया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के इनपुट्स के साथ)


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3sawlpk

हरिद्वार कुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन नहीं होगी किसी VIP मूवमेंट की इजाजत

देहरादून हरिद्वार में आगामी कुंभ के दौरान शाही स्नान के दिनों में किसी भी VIP गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय शुक्रवार को यहां उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में आयोजित विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक समन्वय बैठक में लिया गया। बैठक में उन उपायों पर चर्चा की गई, जो आयोजन का संचालन सुचारू रूप से करने के लिए आवश्यक है। अगर कुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन वीआईपी हरिद्वार आते हैं, तो उन्हें आम भक्त माना जाएगा। बैठक की अध्यक्षता करने वाले राज्य के पुलिस प्रमुख अशोक कुमार ने कहा कि यह देखने के लिए सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भ्रामक सामग्री तो पोस्ट नहीं की जाती है। 28 दिन तक ही चलेगा हरिद्वार का कुंभ उन्होंने कहा कि बैठक में कानून-व्यवस्था, भीड़ और यातायात प्रबंधन और सोशल मीडिया से संबंधित मुद्दों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर चर्चा की गई। एक अप्रैल से शुरू होने वाले हरिद्वार कुंभ की अवधि इस बार कोविड महामारी को देखते हुए कम करके 28 दिनों तक कर दी गई है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3dv7M2n

हाथी के हमले में वनरक्षक की मौत

ऋषिकेश, 20 फरवरी (भाषा) राजाजी बाघ अभयारण्य (आरटीआर) के पश्चिमी हिस्से में बेरिवाड़ा रेंज में शनिवार को एक जंगली हाथी ने एक वनरक्षक पर हमला कर दिया। इस घटना में वनरक्षक की मौत हो गई। आरटीआर संरक्षक ललिता प्रसाद टमटा ने बताया कि 31 वर्षीय गौरव कुमार बेरिवाड़ा रेंज के सेंधली वन खंड में गश्त पर थे, जब उन पर हाथी ने हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि एक अन्य वनरक्षक उनके साथ घटना के समय मौजूद था, जिन्होंने आरटीआर के प्राधिकारियों को इसकी जानकारी दी। कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहा डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3ukIREv

कुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन किसी वीआईपी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी

देहरादून, 20 फरवरी (भाषा) हरिद्वार में आगामी कुंभ के दौरान शाही स्नान के दिनों में किसी भी वीआईपी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय शुक्रवार को यहां उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में आयोजित विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक समन्वय बैठक में लिया गया। बैठक में उन उपायों पर चर्चा की गई, जो आयोजन का संचालन सुचारू रूप से करने के लिए आवश्यक है। अगर कुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन वीआईपी हरिद्वार आते हैं, तो उन्हें आम भक्त माना जाएगा। बैठक की अध्यक्षता करने वाले राज्य के पुलिस प्रमुख अशोक कुमार ने कहा कि यह देखने के लिए सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भ्रामक सामग्री तो पोस्ट नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि बैठक में कानून-व्यवस्था, भीड़ और यातायात प्रबंधन और सोशल मीडिया से संबंधित मुद्दों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर चर्चा की गई। एक अप्रैल से शुरू होने वाले हरिद्वार कुंभ की अवधि इस बार कोविड महामारी को देखते हुए कम करके 28 दिनों तक कर दी गई है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3k7hER2

Uttarakhand: CM रावत ने निभाया एक महिला से किया 13 साल पुराना वादा, पति की संपत्ति में महिलाओं को दिया बराबर का अधिकार

देहरादूनउत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने चमोली की एक सामान्य महिला से किया अपना 13 साल पुराना वादा निभाया है। सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी देने वाला अध्यादेश पास किया है। राजस्व रिकॉर्ड में पति की पैतृक संपत्ति में भी महिला का नाम दर्ज होगा। इस ऐतिहासिक फैसले पर कैबिनेट ने बुधवार को मुहर लगाई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को ट्वीट कर खुलासा किया कि उन्होंने 13 साल पहले कृषि मंत्री रहते हुए एक महिला से ऐसा कानून लाने का वादा किया था। सीएम रावत ने ट्वीट किया, 'साल 2008 में जब मैं प्रदेश का कृषि मंत्री था तो सीमांत जनपद चमोली में मेरी मुलाकात श्रीमती विश्वेश्वरी देवी जी से हुई। उन्होंने बड़े तार्किक ढंग से यह बात रखी कि पति की संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए और उनकी ये बात हमेशा मेरे साथ रही। आज जब मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं तो मुझे बेहद खुशी है कि हमारी सरकार ने विश्वेश्वरी देवी जी की मन की इच्छा को पूरा किया और प्रदेश की लाखों महिलाओं को उनका अधिकार दिलाया। मातृशक्ति का आशीर्वाद सदैव बना रहे।' कानून पास होने पर क्या बोलीं विश्वेश्वरी देवी?पैतृक संपत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर कानून बनाए जाने पर चमोली की रहने वाली विश्वेश्वरी देवी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'महिलाओं को संपत्ति में बराबरी का अधिकार जो मुख्यमंत्री ने दिया है उससे मैं बहुत खुश हूं। मुख्यमंत्री जी जब कृषि मंत्री थे तो 2008 में यहां (चमोली) आए थे तो हमने उन्हें अपनी समस्याएं बताई थीं कि संपत्ति में महिलाओं को भी बराबरी का अधिकार होना चाहिए। आज जब मोबाइल में उनका भाषण देखा तो मुझे बहुत खुशी हुई।' क्या है कानून में? उत्तराखंड सरकार का यह अध्यादेश आजीविका की तलाश में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पुरुषों के दूसरी जगह जाने के मद्देनजर लाया गया है। अध्यादेश महिलाओं को आर्थिक आजादी उपलब्ध कराने पर केंद्रित है जो पीछे रह जाती हैं और जिन्हें अपनी गुजर-बसर के लिए खुद कृषि पर ही निर्भर रहना पड़ता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे अपनी सरकार का सबसे बड़ा सुधार बताते हुए कहा कि उत्तराखंड ने अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनाया है।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2NNZFTx

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

Uttarakhand Floods : काली देवी की छाया, हाइडल प्रोजेक्ट पर मालिक की मौत .. समझिए ऋषिगंगा का तिलिस्म

शिवानी आजाद, देहरादून लुधियाना के व्यवसायी राकेश मेहरा 15 अगस्त, 2011 का इंतजार कर रहे थे। यह दिन उनके लिए खास था क्योंकि गढ़वाल हिमालय में उनके द्वारा खरीदे गए जलविद्युत संयंत्र की एक इकाई का ट्रायल शुरू होना था। ऋषिगंगा नदी पर 13.2 मेगावाट का संयंत्र आखिरकार लगभग छह साल बाद पूरा होने वाला था। लेकिन उद्घाटन से पहले परियोजना स्थल के ऊपर पहाड़ों से एक बड़ा बोल्डर आकर राकेश मेहरा के सिर पर गिरा और उनकी मौत हो गई। हालांकि इस घटना में कोई और प्रभावित नहीं हुआ। ग्रामीणों ने तब इस घटना को दैवीय चेतावनी करार दिया था और कहा था कि नदी के प्रवाह में बाधा नहीं होनी चाहिए। लोगों का दावा था नदी के प्रवाह में बाधा बनने में यह देवी का बुरा संकेत था। बार-बार क्यों बर्बाद हो रहा प्रॉजेक्ट? ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना, जो इसी महीने 7 फरवरी को बाढ़ की चपेट में आई, शुरू से ही समस्याओं से त्रस्त रही है। यह परियोजना कई वर्षों तक बंद रही। 2005 में इसे राकेश मेहरा ने खरीदा था, जो परियोजना स्थल पर मारे गए। इसके बाद 2008, 2010, 2013 और 2016 में बार-बार बाढ़ और झटके आए। 2016 में यह प्रॉजेक्ट पूरी तरह से बह गया। 'दिखा रहीं नाराजगी' स्थानीय निवासियों का मानना है कि काली देवी, जिनकी वे लोग पूजा करते हैं, इन आपदाओं के जरिए वह अपनी नाराजगी दिखा रही हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि दुर्घटनाएं और कुछ नहीं बल्कि बार-बार की चेतावनी है। 1970 में पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन में अग्रदूत रहीं गौरा देवी के बेटे सोहन सिंह राणा ने बताया, 'जब 1998 में बाहरी लोगों द्वारा जलविद्युत संयंत्र के लिए जमीन खरीदी गई थी, तब मैं नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था। तब से हमने एक के बाद एक आपदा देखी है। आज स्थिति ऐसी है कि हमारे गांव के लोग रैनी गांव में रात को रुकने से डरते हैं।' 'प्रकृति के साथ छेड़खानी से नाराज देवी' 70 वर्षीय कलावती देवी ने कहा, 'इस भूमि को खनन, पेड़ काटने और पहाड़ों पर विस्फोट करके स्थान परिवर्तित किया जा रहा है। ये सभी प्राकृतिक आपदाएं इसी सबका परिणाम हैं।' स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि काली देवी, जिसकी वे पूजा करते हैं, इन आपदाओं के माध्यम से अपनी नाराजगी दिखा रही है। 'बार-बार संकेत दे रहीं काली मां' रैणी गांव के दिनेश चंद्रा ने कहा कि हमारी देवी काली, जो घाटी की रक्षा करती हैं, हमें बार-बार संकेत भेज रही हैं। मां प्रकृति के साथ छेड़खानी करने से खुश नहीं हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3bkkYEE

Uttarakhand News: उत्तराखंड में अब पति की पैतृक संपत्ति में महिलाएं भी हिस्सेदार, जानें अध्यादेश की बड़ी बातें

देहरादून ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। अब यहां महिलाएं भी पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार होंगी। राजस्व रेकॉर्ड में पति की पैतृक संपत्ति में भी महिला का नाम दर्ज होगा। 35 लाख महिलाओं के जीवन पर पड़ेगा असर अध्यादेश के जरिए सरकार का लक्ष्य उन महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है, जो पतियों के पलायन के कारण पहाड़ पर अकेली रह जाती हैं और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं। और में किए गए संशोधन का प्रभाव राज्य की लगभग 35 लाख महिलाओं के जीवन पर पड़ेगा। 'महिलाओं को समान भागीदारी देगा' सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड ने अन्य राज्यों का अनुसरण करने के लिए एक मिसाल कायम की है। हम समान भागीदारी की बात करते हैं और यह अध्यादेश महिलाओं को समान भागीदारी देता है। क्या है अध्यादेश में
  1. अगर कोई महिला तलाक के लिए केस फाइल करती है और किसी और से शादी करती है तो उसे अपने पहले पति के स्वामित्व वाली भूमि का सह-मालिक नहीं माना जाएगा
  2. अगर उसका तलाकशुदा पति उसके वित्तीय खर्चों को वहन करने में असमर्थ है तो महिला को सह-मालिक होने की अनुमति होगी
पिता की संपत्ति में कब
  1. अगर महिला नि:संतान है या उसका पति 7 साल से ज्यादा समय से लापता है, तब महिला को पिता की संपत्ति में सह खातेदार बनाया जा सकता है
  2. अगर महिला के पास पैसे नहीं हैं और पैतृक संपत्ति या खाता खतौनी में उसका नाम है तो उसे आसानी से लोन दिया जा सकेगा


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3k4eUUF

पति की पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह-स्वामित्व देने के लिए उत्तराखंड सरकार अध्यादेश लेकर आई

देहरादून, 19 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड सरकार पति की पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह-स्वामित्व का अधिकार देने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है। यह अध्यादेश आजीविका की तलाश में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पुरुषों के दूसरी जगह जाने के मद्देनजर लाया गया है। अध्यादेश महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता उपलब्ध कराने पर केंद्रित है जो पीछे रह जाती हैं और जिन्हें अपनी गुजर-बसर के लिए खुद कृषि पर ही निर्भर रहना पड़ता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे अपनी सरकार का सबसे बड़ा सुधार बताते हुए कहा कि उत्तराखंड ने ‘‘अन्य राज्यों के लिए भी एक दृष्टांत स्थापित किया है।’’ राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड महिलाओं को उनके पति की पैतृक संपत्ति में सह-स्वामित्व का अधिकार देने वाला पहला राज्य है। प्रदेश भाजपा महिला मोर्चे की अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि यह एक ‘‘ऐतिहासिक निर्णय है जो महिलाओं को सशक्त करेगा।’’


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3ucwVol

हरिद्वार में एक अप्रैल से लगेगा कुंभ

देहरादून, 19 फरवरी (भाषा) हरिद्वार में एक अप्रैल से कुंभ का आयोजन होगा और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इसकी अवधि 28 दिनों तक सीमित रखने का निर्णय किया गया है। यह जानकारी शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी। उन्होंने कहा कि निर्णय करने से पहले हरिद्वार के संतों को विश्वास में लिया गया। कुंभ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का श्रद्धालुओं को कड़ाई से पालन करना होगा। एसओपी के मुताबिक, श्रद्धालुओं को तभी कुंभ में शामिल होने की अनुमति होगी अगर वे कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट पेश करेंगे जो उनके पहुंचने के 72 घंटे से पहले जारी नहीं की गई हो। रावत ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी होगी। पहली बार कुंभ इतने कम समय के लिए आयोजित हो रहा है। इससे पहले कुंभ चार महीने से अधिक समय तक चलता था। तीन शाही स्नान एक अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच होंगे। पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल (पूर्णिमा) को होगा।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3ugcF55

उत्तराखंड बाढ़: तपोवन सुरंग और रैणी गांव में अब भी जारी है राहत कार्य, ITBP के DG ने मौके पर जाकर की समीक्षा

हरिद्वार आईटीबीपी के प्रमुख एसएस देसवाल ने शुक्रवार को तपोवन सुरंग और रैणी गांव का दौरा किया। उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक आई बाढ़ का सर्वाधिक असर इन्हीं स्थानों पर था, जहां अभी तक 62 लोगों की मौत हो गई और 140 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रमुख ने यहां पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन के अफसरों से बातचीत भी की। इस बारे में बताते हुए आईटीबीपी के प्रवक्ता ने कहा, 'महानिदेशक ने तपोवन सुरंग में तलाशी एवं बचाव अभियानों का जायजा लिया। उन्होंने अन्य छोटे सुरंग का भी दौरा किया, जहां से सात फरवरी को 12 लोगों को बचाया गया था।' उन्होंने कहा कि देसवाल ने रैणी गांव का भी दौरा किया, जो ग्लेशियर फटने की संदिग्ध घटना के कारण अलकनंदा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण बाहरी दुनिया से कट गया था। रैणी गांव के आसपास के इलाकों में एरियल सर्वे आईटीबीपी गांव के आसपास के इलाकों में खोज एवं बचाव अभियान में जुटा हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि ग्लेशियर फटने को देखते हुए देसवाल ने रैणी गांव के ऊपरी इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां एक कृत्रिम झील बनने का संदेह है। आईटीबीपी प्रमुख के साथ बल के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। आपदा के दौरान राहत के लिए सबसे पहले वहां आईटीबीपी के जवान पहुंचे थे, जो तपोवन से करीब 25 किलोमीटर दूर जोशीमठ में तैनात थे।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2NcNVdD

उत्तराखंड में तेंदुए के हमले की अलग अलग घटनाओं में महिला की मौत, व्यक्ति घायल

पिथौरागढ़, 19 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में तेंदुए के हमले की दो अलग अलग घटनाओं में एक महिला की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। वन अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। डीडीहाट के रेंज अधिकारी पूरन सिंह देउपा ने बताया कि देवलथल इलाके की रहने वाली कापरीगांव ग्राम की 46 वर्षीय कलावती देवी अपने घर के आंगन में काम कर रही थीं तभी तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें वहां से घसीटते हुए ले गया। उन्होंने बताया कि बाद में ग्रामीणो ने महिला के घर से आधा किलोमीटर दूर उनका क्षत विक्षत शव बरामद किया। दूसरी घटना पिथौरागढ़ वन खंड में हुई। बृहस्पतिवार सुबह 57 वर्षीय राजेंद्र सिंह मेहता थल बाजार जा रहे थे, तभी उन पर तेंदुए ने हमला कर दिया, हालांकि लोगों के शोर मचाने के बाद तेंदुआ जंगल में भाग गया। मेहता को गर्दन और पीठ पर जख्म लगे हैं। उनका इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर हैं। स्थानीय लोग तेंदुए को मारने की मांग कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इन दो हमलों की वजह से इलाके में दहशत फैल गई है। उन्होंने बताया, ‘‘ पिछले महीने ही देवल थल के रिन बिचुल गांव में एक तेंदुए को वन विभाग ने मार दिया था लेकिन फिर भी हमले नहीं रूके हैं।'' पिथौरागढ़ वन खंड के उप संभागीय अधिकारी नवीन पंत ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2ZyCb7Q

उत्तराखंड में तेंदुए के हमले की विभिन्न घटनाओं में महिला की मौत, व्यक्ति घायल

पिथौरागढ़, 19 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में तेंदुए के हमले की विभिन्न घटनाओं में एक महिला की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। वन अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। डीडीहाट के रेंज अधिकारी पूरन सिंह देवपा ने बताया कि देवल थाल इलाके की रहनेवाली कापरीगांव ग्राम की 46 वर्षीय कलावती देवी अपने घर के आंगन में काम कर रही थीं तभी तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें वहां से घसीटते हुए ले गया। उन्होंने बताया कि बाद में ग्रामीणो ने महिला के घर से आधे किलोमीटर दूर उनका क्षत विक्षत शव बरामद किया। दूसरी घटना पिथौरागढ़ वन खंड में हुई। 57 वर्षीय राजेंद्र सिंह मेहता थाल बाजार जा रहे थे, तभी उन पर तेंदुए ने बृहस्पतिवार सुबह में हमला कर दिया। हालांकि लोगों के चीखने-चिल्लाने के बाद तेंदुआ जंगल में भाग गया। मेहता को गर्दन और पीठ पर जख्म लगे हैं। उनका इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर हैं। स्थानीय लोग तेंदुआ को मारने की मांग कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इन दो हमलों की वजह से इलाके में दहशत फैल गई है। उन्होंने बताया, ‘‘ पिछले महीने ही देवल थाल के रिन बिचुल गांव में एक तेंदुए को वन विभाग ने मार दिया था लेकिन फिर भी हमले नहीं रूके हैं।'' पिथौरागढ़ वन खंड के उप संभागीय अधिकारी नवीन पंत ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/3s6yClq