मंगलवार, 4 अगस्त 2020

अयोध्या के लिए रवाना हुए योगगुरु बाबा रामदेव, पीएम मोदी और अमित शाह को किया धन्यवाद

अयोध्या/हरिद्वार राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेहमानों का आगमन शुरू हो गया है। योग गुरु बाबा रामदेव भी हरिद्वार से चार्टेड विमान से अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। अयोध्या के लिए प्रस्थान करने से पहले उन्होंने एक विडियो भी जारी किया है। विडियो में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को करोड़ों हिंदुओं के सपने को साकार करने के लिए धन्यवाद दिया। पतंजलि योगपीठ ने अपने ट्विटर हैंडल से बाबा रामदेव का विडियो शेयर किया। विडियो में बाबा रामदेव कह रहे हैं, 'राम की जन्म भूमि अयोध्या के लिये हम प्रस्थान कर रहे हैं और हमें हमारी आंखों के सामने, हमें दिव्य भव्य राम मंदिर के शिलान्यास में सम्मिलित होने का यह अवसर मिला है। हम 500 साल से इसका इंतजार कर रहे थे।' पढ़ें: पीएम मोदी और अमित शाह को किया धन्यवाद उन्होंने आगे कहा, 'इसके लिए राष्ट्र के गौरव नरेंद्र मोदी को श्रद्धेय करने का मन कर रहा है। अमित शाह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए रामदेव ने कहा, उनके मन प्राण और आत्मा में जो हिंदुत्व का सपना है उसको साकार करने के लिए इसमें बड़ी भूमिका निभाया। जिन संतों ने जो पूज्य भूमिका निभाई उनके तप को प्रणाम करते हुए हम अयोध्या प्रस्थान कर रहे हैं।' पढ़ें: 'राम पूरे विश्व के आदर्श हैं' रामदेव ने कहा, 'राम मात्र व्यक्ति नहीं हैं, वह धर्म के संस्कृति के, मर्यादा के, दिव्यता के जीवंत विग्रह हैं। राम पूरे भारत नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए आदर्श हैं।' बता दें कि अभी तक के कार्यक्रम के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को भूमि पूजन के कार्यक्रम के लिए अयोध्या आने वाले हैं। राम मंदिर भूमि पूजन के लिए मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम मंदिर भूमि पूजन में इन्हें निमंत्रण राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए आमंत्रित संत गणों में दशनामी सन्यासी परंपरा, रामानंद वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निम्बार्क, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, रामसनेही, उदासीन, निर्मले संत, कबीर पंथी, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, लिंगायत, वाल्मीकि संत, रविदासी संत, आर्य समाज, सिख परंपरा, बौद्ध, जैन, संत कैवल्य ज्ञान, संत पंथ, इस्कान, स्वामी नारायण, वारकरी, एकनाथ, बंजारा संत, वनवासी संत, आदिवासी गौड़, गुरू परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, संत समिति, सिंधी संत, अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी समेत नेपाल के विभिन्न इलाकों सहित जनकपुर के भी संत उपस्थित रहेंगे।


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