शनिवार, 1 अगस्त 2020

कुंभ मेला: यूपी सिंचाई विभाग से नहीं मिला सहयोग, समय पर घाटों का निर्माण चुनौती

पुलकित शुक्ला, हरिद्वार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की हरिद्वार कुंभ निर्माण कार्यों के प्रति उदासीनता कुंभ की तैयारियों पर भारी पड़ सकती है। मेला प्रशासन के आग्रह के बाद भी ने गंगा घाटों के निर्माण के लिए गंगनहर में पानी नहीं रोका है। जिसके चलते ये गंगा घाट महीनों से अधर में अटके हैं। अब मेला प्रशासन के अधिकारी अक्टूबर में घाटों का निर्माण होने की बात कह रहे हैं। हरिद्वार में अगले साल होने वाले कुंभ मेले के शुरू होने में 5 महीनों के समय शेष रह गया है। कुंभ मेले के लिए कई स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं जिनको पूरा करने में मेला प्रशासन जुटा हुआ है। इन निर्माण कार्यों में गोविंदपुरी, खन्नानगर और शंकराचार्य चौक के पास घाटों का निर्माण भी किया जाना है। मेला प्रशासन ने इन घाटों का निर्माण पिछले साल ही गंगनहर की वार्षिक बंदी के दौरान शुरू कर दिया था। हरिद्वार से कानपुर तक जाने वाली इस गंगनहर का संचालन यूपी सिंचाई विभाग करता है। हर साल दशहरा से दीपावली तक गंगनहर को रखरखाव के लिए बंद किया जाता है। घाटों के निर्माण के लिए गंगनहर बंदी की ये अवधि नाकाफ़ी थी इसलिए कुंभ मेला प्रशासन की ओर से नहरबंदी की अवधि बढ़ाने की मांग की गई लेकिन उस समय यूपी सिंचाई विभाग ने नहर बंदी बढ़ाने में असमर्थता जताई और बाद में नहर बंदी देने की बात कही। अधर में हालांकि यूपी सिंचाई विभाग के द्वारा उसके बाद भी नहरबंदी नहीं की गई जिसके चलते अब तक गंगा घाटों का निर्माण कार्य अधर में अटका है। कुंभ मेले के आयोजन में महज़ 5 महीनों का समय शेष रह गया है। अगर समय रहते स्थाई निर्माण कार्य पूरे नहीं किये गए तो उत्तराखंड सरकार के ऐतिहासिक और भव्य महाकुंभ के दावे फ़ीके पड़ सकते हैं। अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि यूपी सिंचाई विभाग की ओर से मार्च में नहर बंदी की जानी थी लेकिन लॉकडाउन होने के कारण ये संभव नहीं हो सका। अब अक्टूबर - नवंबर में गंगनहर की बंदी के दौरान घाटों के निर्माण में शेष काम पूरे किये जाएंगे।


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