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देहरादून, 12 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को हरिद्वार से ‘छड़ी यात्रा’ को रवाना किया। हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के लिए आठवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई प्रथा को पुनर्जीवित किया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने हाथ में पवित्र छड़ी थामी हुई थी। यह यात्रा बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार धाम की यात्रा करके हरिद्वार में खत्म होगी। गिरि ने बताया कि पवित्र छड़ी यमुनोत्री और गंगोत्री होते हुए केदारनाथ तथा बद्रीनाथ पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ से इसे कुमाऊं क्षेत्र के बड़े तीर्थ स्थल में ले जाया जाएगा और इसके बाद इसे जून अखाड़ा में लाया जाएगा और माया देवी मंदिर में स्थापित किया जाएगा। यात्रा करीब एक महीना चलेगी। इससे पहले पवित्र छड़ी को बागेश्वर से हिमालय क्षेत्र के पवित्र मंदिरों में ले जाया जाता था। साल 2021 में हरिद्वार में कुंभ होने के मद्देनजर पवित्र छड़ी को चार धाम ले जाने की प्रथा को शुरू किया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि रावत ने माया देवी मंदिर से यात्रा को रवाना किया। यात्रा में शामिल 13 अखाड़ों के साधु-संतों ने विशेष पूजा और अनुष्ठान किया। यह यात्रा ब्रिटिश काल में बंद कर दी गई थी।
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