देहरादून उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में उतरने से पूरी तरह इंकार करते हुए कहा कि उनका इस सीट से चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। बता दें कि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय द्वारा सोशल मीडिया पर पार्टी की तरफ से हरीश रावत को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की वकालत की थी। इस पर कांग्रेस महासचिव रावत ने अटकलों पर पूर्ण विराम लगाते हुए कहा कि पार्टी और वह खुद पूर्व विधायक मयूख महर की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सब मयूख महर के लिए मजबूत पैरवी कर रहे हैं। किशोर उपाध्याय एक बुद्धिजीवी हैं और मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में मेरी पिथौरागढ़ से चुनाव लड़ने की पैरवी की है। मैं उम्मीदवारी की रेस में नहीं हूं।’ वरिष्ठ बीजेपी नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के कारण पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यहां 25 नवंबर को चुनाव होना है। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणामों पर टिप्पणी करते हुए रावत ने कहा कि अगर वहां पर चुनाव थोड़ा और संगठित तरीके से लडे़ जाते तो परिणाम पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में ही रहते। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ से कांग्रेस बडे अंतर से जीत दर्ज करेगी। उन्होंने दावा किया कि पूरे देश में माहौल बीजेपी के खिलाफ बन रहा है जिसका परिणाम हरियाणा और महाराष्ट्र में देखने को मिला है। उन्होंने कहा, ‘लोगों की नौकरियां चली गयी हैं और देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसे में लोग एक बार फिर से कांग्रेस की तरफ आशा से देख रहे हैं।’
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