शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2019

इनोवेटिव और क्रिएटिव विचारों के हब हैं रुड़की आईआईटी जैसे संस्थानः कोविंद

देहरादून के में राष्ट्रपति ने शुक्रवार को संस्थान के 2029 छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित कीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि रुड़की आईआईटी जैसे संस्थान शिक्षा के केंद्र मात्र नहीं हैं। ये नवाचार और रचनात्मक विचारों के हब भी हैं। कोविंद ने कहा कि शोध, नवाचार और रचनात्मक विचारों से ही राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही मानवता की भलाई की जा सकती है। हमें नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'प्रसन्नता है कि रुड़की आईआईटी ऐसा कर रही है। यहां स्थित टीआईडीईएस बिजनेस इन्क्यूबेटर, नई तकनीक पर आधारित स्टार्ट अप और नई कम्पनियों को सहायता प्रदान कर रहा है। कैम्पस में छात्रों को अकादमिक संस्थाओं और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनाकर रचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।' राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थाओं में छात्राओं का अनुपात अपेक्षाकृत कम है। उच्चस्तरीय तकनीकी संस्थाओं में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। जब ऐसा होगा तब हमारी विज्ञान संबंधी उपलब्धियां अधिक वांछनीय और हितकारी हो सकेंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि जून 2018 में राज्यपाल सम्मेलन में उन्होंने सुझाव दिया था कि विश्वविद्यालय 'यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी' को अपनाए। खुशी है कि आईआईटी रूड़की के छात्रों ने सामुदायिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई है। कोविंद ने बताया कि उत्तराखण्ड में उन्होंने पांच गांव चिन्हित किए हैं और वह इन गांवों के जल प्रबंधन, स्वच्छता, दक्षता विकास आदि समस्याओं का समाधान करने के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा स्वच्छता ही सेवा के तहत हरिद्वार और रुड़की में गंगा घाट पर गंगा स्वच्छता अभियान में प्रतिभागिता की है। इस तरह की पहल कर रुड़की आईआईटी के छात्रों ने ‘यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोंसिबिलिटी’ को कार्यरूप दिया है । केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आई.आई.टी का 72 वर्षों का गौरवशाली इतिहास है। इस गौरवशाली परम्परा को संस्थान के छात्रों को कायम रखना है। प्रधानमंत्री के नए भारत एवं श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को बेहतर तकनीक के माध्यम से साकार करने का आप माध्यम बनेंगे। उन्होंने कहा कि युवा जनसंख्या वाला हमारा देश, आप सबकी प्रतिभा के साथ हर चुनौती का सामना करेगा। हम निरन्तर प्रगति की ओर बढ़ रहे है। यह आप पर भी निर्भर करता है कि अपनी प्रतिभा का कैसे बेहतर से बेहतर प्रदर्शन कर सकते है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि आईआईटी रुड़की में इसरो द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान का प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है। इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिलेगा। संस्थान ने कई विशेष उपलब्धियां भी हासिल की हैं। भूकम्प की पूर्व चेतावनी देने की तकनीक विकसित करने में अच्छा काम किया है। यह उत्तराखण्ड जैसे संवेदनशील राज्यों के लिए बहुत उपयोगी रहेगा। आज से 350 साल पहले मलेथा की सुरंग बनी थी और आज भी इसके माध्यम से सफलतापूर्वक पानी की आपूर्ति की जा रही है। रावत ने कहा कि 350 साल पहले किस तरह इसे बनाया गया, इसका अध्ययन भी किया जा सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने संस्थान के क्रियाकलापों की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि आज के दीक्षांत समारोह में 2029 छात्रों, जिनमें से 309 पीएचडी छात्र हैं, ने अपनी उपाधि ग्रहण की। इस अवसर पर देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द, राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, आयुक्त गढ़वाल रमन रविनाथ, आईजी गढ़वाल उपस्थित थे। इससे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तराखंड के दौरे पर आज देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। उनके यहाँ पहुँचने पर राज्यपाल उत्तराखंड बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, जीओसी सबएरिया मे.ज. भास्कर कालीता, जिलाधिकारी देहरादून सी. रविशंकर और एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने उनका स्वागत किया।


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