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देहरादून, 16 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड में पिछले 40 साल से अटकी हुई प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना को आखिरकार केंद्र से पर्यावरण मंजूरी मिल गयी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को पर्यावरण मंजूरी मिलने से इसके जल्द से जल्द पूरा होने का रास्ता साफ हो गया है। परियोजना के पूरा होने की दिशा में राज्य सरकार एवं केंद्र के संयुक्त प्रयास का हवाला देते हुए रावत ने कहा कि इससे निचले हिमालय एवं शिवालिक पहाड़ियों के दक्षिण क्षेत्र भाबर इलाके के लोगों का पुराना सपना पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया, ‘‘परियोजना से अब तराई-भाबर क्षेत्र के लोगों को गुरुत्व आधारित जल आपूर्ति होगी जो उत्तराखंड के 5,000 हेक्टेयर से अधिक के भूभाग पर सिंचाई की मांग को भी पूरा करेगा।’’ उन्होंने कहा कि 2,584 करोड़ रुपये की 1970 के दशक में प्रस्तावित परियोजना से उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के लोगों को पेयजल और सिंचाई दोनों उद्देश्यों के लिये जल आपूर्ति होगी। इसके अलावा 14 मेगावाट की बिजली भी पैदा होगी। नैनीताल जिले में गोला नदी पर स्थित यह बांध नौ किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा है। इस परियोजना को केंद्रीय जल आयोग से इस साल फरवरी में तकनीकी मंजूरी मिल गयी। वन विभाग पहले ही इस परियोजना के लिये 351.49 हेक्टेयर जमीन दे चुका है और राज्य सरकार ने इसके लिये शुरुआती कुल 89 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। परियोजना को भाबर इलाके के लोगों के लिये जीवनरेखा माना जा रहा है।
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