![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/71710107/photo-71710107.jpg)
देहरादून उत्तराखंड में के तहत जिला पंचायत सदस्य के 356 में से अभी तक 291 सीटों पर परिणाम घोषित हो गए हैं। जबकि क्षेत्र पंचायत के 2984 सीटों में से 2644 सीटों पर और ग्राम पंचायत के 7485 में से 5847 सीटों पर भी परिणाम आ गए हैं। देहरादून जिले में कुछ ब्लॉकों में मतगणना अभी भी जारी है। देहरादून को छोड़कर उत्तराखंड के सभी जिलों में मतगणना पूरी हो गई है। अब केवल देहरादून जिले में वोटों की गिनती चल रही है। यहां अभी भी 40 ग्राम पंचायत, 40 बीडीसी मेंबर और 19 जिला पंचायत सदस्यों की सीट के नतीजे नहीं आए हैं। इन चुनावों में अब तक के परिणामों में निर्दलीय प्रत्याशियों के दबदबे से राज्य के दोनों प्रमुख दलों की नजरें अब इन विजयी निर्दलीयों की ओर लग गई हैं। एक अनुमान के अनुसार अब तक जिन सीटों के परिणाम आए उनमें से को जिला पंचायत सदस्यों की 116 सीटें मिली हैं। वहीं 109 सीटों के पर निर्दलीय जीते हैं, जबकि विपक्षी 80 सीटें जीतने में कामयाब रही है। अभी तक तीसरे पायदान में खड़ी दिख रही राज्य की मुख्य प्रतिपक्षी कांग्रेस इन चुनाव के नतीजों से खासे उत्साह में है। ग्राम प्रधानों के साथ ही ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के सदस्यों के चुनाव में दावा उसके शीर्ष नेता पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की कामयाबी का दावा करने लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि निर्दलीय जो उम्मीदवार राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीते हैं, उनमें ज्यादातर कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। उनके अनुसार विचारधारा के स्तर पर यह इन निर्दलियों की जीत कांग्रेस विचारधारा की ही जीत है। चुनाव परिणामों के बाद अब अगली जंग के मद्देनजर उन्होंने प्रदेश सरकार पर पंचायत चुनाव जीतने के लिए अब निर्दलियों की खरीद फरोख्त के प्रयास समेत हर स्तर पर मनमानी करने का भी आरोप लगा दिया। पहले विधानसभा चुनाव और अब हाल ही में लोकसभा चुनाव में बुरी तरह पराजय का मुह देख चुकी प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस को पंचायत में कामयाबी मिलने का भरोसा है। बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। सत्ता में होने के चलते तत्कालीन पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने अपनी पैठ मजबूत की थी। सत्ता से हटने के बाद से लगातार बड़ी हार के बाद कांग्रेस ने इस बार के पंचायत चुनाव के लिए खासी मशक्कत की है। कांग्रेस पार्टी ने रणनीति के तहत जिला पंचायत सदस्यों की सीट पर समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी की। जिन सीटों पर विवाद रहा, वहां पार्टी ने किसी एक का पक्ष लेने से गुरेज किया। ऐसे में अब पार्टी जिताऊ प्रत्याशी पर अपना दावा ठोकने को तत्पर है। पार्टी रणनीतिकारों का दावा है कि ग्राम प्रधानों से लेकर ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में सदस्यों के पदों पर कांग्रेस से जुड़े निर्दलियों को जीत मिली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी को भरपूर जन समर्थन मिला है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश सरकार और सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने पंचायत चुनाव जीतने के लिए परिसीमन समेत आरक्षण और नामाकंन तक हर स्तर पर अनियमितताएं बरतीं। 2014 से राज्य के हर चुनाव में विजित रही बीजेपी की नजरें अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों पर भी पूरी तरह से टिकी हुई हैं। बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्य की 347 सीटों पर अपने समर्थित प्रत्याशी घोषित किए थे। अब क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य पदों के नतीजे साफ होने के बाद पार्टी क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर अपने प्रत्याशियों को लेकर मंथन में जुट गई है। बीजेपी का दावा है कि ग्राम स्तर से ब्लॉक और जिला पंचायत स्तर पर ऐतिहासिक रूप में बीजेपी के बोर्ड गठित होने जा रहे हैं। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के परिणाम सामने आने के बाद अब बीजेपी की कोशिश 89 क्षेत्र पंचायतों और 13 जिला पंचायतों में अपने प्रत्याशियों को इनका अध्यक्ष बनाने की है। प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष अजय भट्ट ने दावा किया कि पंचायत चुनाव में भी प्रदेश की जनता बीजेपी के साथ मजबूती से खड़ी है। ग्राम पंचायत से लेकर क्षेत्र और जिला पंचायत स्तर पर ऐतिहासिक रूप में बीजेपी के ही बोर्ड गठित होने जा रहे हैं। एक तरफ जहां चुनाव परिणाम आते ही आगे के बोर्ड गठित करने को जीते प्रत्याशियों को अपने अपने पाले में लेने को राज्य के दोनों प्रमुख दल बीजेपी, कांग्रेस की कोशिशें शुरू हो गई तो वहीं इन चुनावों में मतगणना के दौरान तमाम अनियमितता की भी शिकायतें कई जिलों से आने लगी हैं। एक शिकायत यह भी है कि पौड़ी जिले की एकेश्वर पनखेत ब्लॉक मुसासू ग्रामसभा के लिए कुल 211 मत पड़ो। इनमें से 111 मत इसलिए निरस्त कर दिए गए क्योंकि उनमें संबंधित पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर ही नहीं हुए थे। बचे केवल 100 वोट से ही चुनाव का फैसला कर लिया गया। अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि चुनाव पीठासीन अधिकारी की गलती से मत निरस्त होने में मतदाता की क्या गलती है। लोगों ने पौड़ी की डीएम से मांग की कि एकेश्वर ब्लॉक के मुसासू ग्रामसभा के मौजूदा चुनाव को निरस्त कर जल्द जल्द से नए चुनाव कराएं जाएं। ग्रामीण कह रहे हैं कि कुल पड़े मतों मे से आधे से ज्यादा मत निरस्त कर कैसा चुनाव किया गया। स्थानीय लोग उत्तराखंड के मुख्य मंत्री से भी अनुरोध करते दिख रहे है कि क्षेत्र की जनता के हित में जरूरी कदम उठाए जाएं। इसी जिले में धुमाकोट में नैनीडांडा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत टंडोली के प्रधान पद के प्रत्याशी सुशील कुमार ने भी उनके पोलिंग बूथ में तैनात पीठासीन अधिकारी पर मतदान के दौरान अनियमिता बरतने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग आरओ से की है। प्रत्याशी ने उन्हें प्राप्त सभी मतों को मान्य मानते हुए संशोधित परिणाम घोषित करने की मांग की है।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2o7MaSh
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें