रजनीश कुमार, ऋषिकेशदुनिया भर में बीटल्स आश्रम के नाम से मशहूर महर्षि महेश योगी की चौरासी कुटिया को लगभग एक वर्ष बाद बुधवार को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। पहले दिन ही लगभग पन्द्रह लोग चौरासी कुटिया देखने पहुंचे। वर्ष 2020 के बाद कोरोना संक्रमण की वजह से ऋषिकेश के पास स्थित चौरासी कुटिया को पर्यटकों के लिए बन्द कर दिया गया था। अंतरराष्ट्रीय पटल पर प्रसिद्ध चौरासी कुटिया 1960 के दशक में भावातीत ध्यान (ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन) के लिए पूरे विश्व मे प्रसिद्ध थी। जिसके चलते इंग्लैंड के प्रसिद्ध रॉक बैंड बीटल्स ग्रुप ने भी 1968 में महर्षि महेश योगी से भावातीत ध्यान का प्रशिक्षण लेने के लिए चौरासी कुटिया का रुख किया था। जहां बीटल्स ग्रुप ने लगभग एक माह रुक कर ध्यान की कला सीखते हुए कई प्रसिद्ध गाने भी तैयार किये थे। उनके लिखे इन गानों को युवा वर्ग ने काफी पसंद किया था। लेकिन नब्बे के दशक में महर्षि को छोड़कर यूरोप चले गए थे। जिसके बाद चौरासी कुटिया खण्डहर में तब्दील हो गई। जिसकी लीज समाप्त होने के बाद वन विभाग ने अधिग्रहित कर लिया। राजाजी टाईगर रिजर्व बनने के चलते चौरासी कुटिया की मेंटेनेंस कराकर एक हैरिटेज के तहत पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। यहां आज भी विदेशों व भारत के कई राज्यों से बीटल्स ग्रुप के फैन चौरासी कुटिया में आकर ध्यान केंद्र, आवासीय बिल्डिंग, पत्थरों से बनी गुफाओं की फोटो व वीडियोग्राफी कर अपने साथ ले जाते हैं।
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