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रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीसरी लहर के लिए तैयारियों में कहीं कोई कमी नहीं है। अब यहां ज्यादा कोविड समर्पित अस्पताल हैं। पहले से उपलब्ध अस्पतालों के अलावा डीआरडीओ की मदद से ऋषिकेश और हल्द्वानी दोनों जगहों पर 500-500 बिस्तरों के अस्पताल बनाए गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों से एक-दो होटल ऐसी स्थिति में रखने को कहा गया है जिन्हें जरूरत पड़ने पर कोविड देखभाल केंद्रों में बदला जा सके।
रावत ने कहा, ‘‘कोविड की तीसरी लहर से प्रभावी रूप से निपटने के लिए हम कुछ भी करेंगे। मैं मुख्यमंत्री आवास को भी तीसरी लहर के दौरान कोविड मरीजों को रखने के लिए तैयार करवा रहा हूं।’’
उन्होंने कहा कि किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि महामारी की दूसरी लहर इतनी
भयावह होगी।
मुख्यमंत्री ने हालांकि, कहा, ‘‘लेकिन हमने चुनौती का सामना किया और पूरे प्रदेश में सुविधाएं बढ़ाईं। मैं सभी 13 जिलों में कोविड देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में पीपीई किट पहनकर गया और वहां की सुविधाओं की स्थिति तथा मरीजों की समस्याओं के बारे में जाना।’’
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियों में कथित कमी को लेकर फटकार लगाई थी।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा था, ‘‘क्या राज्य सरकार अपनी नींद से तभी जागेगी जब हमारे बच्चे तीसरी लहर में मरना शुरू करेंगे।’’
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