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यहां उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय परिसर में कोविड नियमों का पालन करते हुए योगाभ्यास के मौके पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि योग शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘योग शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने वाला विज्ञान है। स्वस्थ जीवन के लिए सभी को नियमित योग करना चाहिए।’’
रावत ने कहा कि योग को देश एवं दुनिया तक ले जाने में देवभूमि उत्तराखंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और योग की वजह से भारत और उत्तराखंड की विश्व में विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का ही परिणाम था।
इस अवसर पर मौजूद प्रदेश के आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड का योग से काफी पुराना संबंध है और प्राचीन समय में ऋषि-मुनि हिमालय की कन्दराओं एवं गुफाओं में योग किया करते थे। उन्होंने कहा कि योग उत्तराखंड की भूमि से निकलकर देश और दुनिया तक फैल चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 'वसुधैव कुटुंबकम' की बात की और योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडवासी सौभाग्यशाली हैं कि वे योग भूमि के शुद्ध पर्यावरण के बीच रह रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी विधानसभा भवन में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ योगाभ्यास किया। इस मौके पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराडीसैंण में स्थित विधानसभा परिसर के कर्मचारी भी वर्चुअल माध्यम से योग कार्यक्रम से जुड़े।
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