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देहरादूनउत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सीमित संख्या के साथ तीर्थयात्रियों को चार धाम यात्रा की अनुमति देने वाले कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने चार धाम तीर्थ स्थलों की लाइव स्ट्रीमिंग का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी। दो दिन पहले भी हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के फैसले को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी। राज्य सरकार ने 1 जुलाई से तीन जिलों के चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला किया था। राज्य कैबिनेट ने चमोली जिले के लोगों के लिए बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग के निवासियों के लिए केदारनाथ धाम और उत्तरकाशी के लोगों के लिए गंगोत्री, यमनोत्री के दर्शन की इजाजत दी थी। इसके लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान भी हो रहा था। वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ाई जा रही थी वैक्सीनेशन की गति को बढ़ाए जाने के लिए चमोली (बद्रीनाथ धाम) 5000, उत्तरकाशी (गंगोत्री, यमुनोत्री) 10000, रुद्रप्रयाग (केदारनाथ धाम) 5000, टिहरी 5000 और पौङी जनपद को 5000 डोज चार धाम से संबंधित व्यक्तियों के वैक्सीनैशन के लिए उपलब्ध कराई गई थी। हाईकोर्ट ने दो दिन पहले लगाई थी लताड़ इससे पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद 1 जुलाई से चारधाम यात्रा की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार की जमकर लताड़ लगाई थी। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने इस निर्णय की समीक्षा करने का निर्देश दिया था। अदालत ने अमरनाथ यात्रा का हवाला देते हुए कहा था कि यात्रा को स्थगित या रद्द करने की जरूरत है। 20 जून को की थी घोषणा20 जून को राज्य सरकार ने दो चरणों में चार धाम यात्रा शुरू करने की घोषणा की थी। 1 जुलाई से उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के निवासियों के लिए इसकी अनुमति दी थी। राज्य के बाकी हिस्सों के लोगों के लिए 11 जुलाई से चार मंदिरों की यात्रा की अनुमति देने की योजना थी।
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