विनीता कुमार, नैनीताल नैनीताल जिले के बेतालघाट ग्राम सभा के मल्यागांव और सौंनगांव जैसे आसपास के अनेक गांवों के बच्चों को मोबाइल नेटवर्क की वजह से ऑनलाइन क्लास के लिए रोजना दो किलोमीटर ऊपर पहाड़ चढ़ना पड़ता है। पहाड़ी पर जहां भी मोबाइल का नेटवर्क बेहतर होता है, वहां पर बच्चों ने अब तो बाकायदा गोले बनाकर अच्छे नेटवर्क वाले स्थानों को चिह्नित तक कर लिया है। जिसके लिए बच्चे रोज सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे के बीच पहाड़ी की चोटी पर पहुंचते हैं। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। बेतालघाट के एक प्राइवेट स्कूल में पड़ने वाली कक्षा तीन की छात्रा लक्ष्मी बोरा और साक्षी बोरा ने बताया कि गांव में मोबाइल के कमजोर नेटवर्क की वजह से उनके सामने पढ़ाई की समस्या आ रही थी। वहीं, बरसात के मौसम में तो मोबाइल नेटवर्क बिल्कुल नहीं आ पाता है। वहीं, कई अन्य छात्राओं को भी मजबूरी में रोज दो किलोमीटर पहाड़ चढ़ना पड़ता है। स्कूली बच्चों ने कहा कि जब तक स्कूल नहीं खुलते हैं, तब तक उनके सामने ऑनलाइन पढ़ाई करना मजबूरी है। गांव में सिर्फ BSNL का रहता है नेटवर्क मोबाइल (Mobile) लेकर बच्चों के साथ पहाड़ी चढ़ कर जंगलों में पढाई कराने वाले समाजसेवी नंदन सिंह का कहना है कि गांव में सरकारी बीएसएनएल (BSNL) मोबाइल टॉवर केवल 2-जी की स्पीड पर ही काम करता है, जबकि दूसरा प्राइवेट मोबाइल टॉवर जियो (Jio) का लगा है। जिसके सिग्नल ही गांव में नहीं आते हैं। नेटवर्क न होने से बच्चों को पढ़ाई में दिक्कतें हो रही हैं। वहीं, गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या वर्षों से बनी हुई है। 'सभी से कर चुके हैं इसकी शिकायत' ग्रामीणों ने कहा कि स्कूली बच्चों की मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से होने वाली ऑनलाइन पढ़ाई (Online study) की समस्या को देखते हुए कई बार अधिकारियों से लेकर सांसद, विधायक तक को बताया जा चुका है, लेकिन मोबाइल नेटवर्क की समस्या का समाधान नही हो पाया है।
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