देहरादून, नौ दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड विधानसभा में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए सुविधाएं प्रदान करने वाला विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया । विपक्षी कांग्रेस के शोर शराबे के बीच 'उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा :आवासीय एवं अन्य सुविधाएं : विधेयक—2019' पारित हुआ। उसमें प्रावधान है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास का किराया सरकार द्वारा निर्धारित मानक दरों से 25 प्रतिशत अधिक लिया जायेगा । पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास के विद्युत, पानी शुल्क तथा सीवर शुल्क का भुगतान स्वयं करना पडेगा । हांलांकि, वाहन चालक, वाहनों का रखरखाव, जनसंपर्क अधिकारी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा अन्य ऐसी सुविधायें, जो सरकार द्वारा निर्धारित की गयी हैं, निशुल्क रहेंगी । इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा आवंटित आवास में मरम्मत कार्यो का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा । देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन 'रूलक' की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधायें समाप्त करने का निर्देश दिया था। हांलांकि, बाद में सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं बहाल करने के लिये अध्यादेश ले आयी थी । हांलांकि, अभी भी मामला उच्च न्यायालय में लंबित है ।
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