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देहरादून आमतौर पर बरतने पर पुलिसकर्मी या तो सस्पेंड होते हैं या फिर उन्हें लाइन हाजिर किया जाता है। हालांकि अरुण मोहन जोशी ने लापरवाह पुलिसकर्मियों को सबक सिखाने के लिए नया तरीका खोजा है। ड्यूटी के दौरान सोने पर एसएसपी ने पुलिसकर्मियों को तीन दिन तक सुनाई। दरअसल, देहरादून के एक प्राइवेट होटल में पीठासीन अधिकारी सम्मेलन चल रहा था जिसमें लोकसभा स्पीकर और दूसरे राज्यों के पीठासीन अधिकारी शामिल हुए थे। इस दौरान होटल में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सांसद अजय भट, राज्य लक्ष्मी शाह और तीरथ सिंह रावत वगैरह भी शामिल हुए थे। सोफे पर सो रहे थे पुलिसवाले गुरुवार देर रात एसएसपी देहरादून औचक परीक्षण पर निकले। इस दौरान सात पुलिसकर्मी जिनकी होटल में ड्यूटी लगाई गई थी, वह सोफे में सोते हुए पाए गए। इनमें से चार पुलिसकर्मी देहरादून से थे, जबकि तीन हरिद्वार से। वहीं उनके हथियार नजदीक ही पड़े हुए थे। यह देखकर एसएसपी हैरान रह गए और इसे सुरक्षा में बड़ी चूक बताया क्योंकि होटल में चल रहे प्रोग्राम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और दूसरे राज्यों के स्पीकर होटल में रुके हुए थे। वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में दौड़ हरिद्वार के तीन पुलिसकर्मियों को तुरंत हटा दिया गया जबकि बाकी बचे चार पुलिसकर्मियों को अगले तीन दिन तक 10 किमी दौड़ने की सजा सुनाई। चारों एक वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में पुलिस लाइन तक दौड़ेंगे। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया, 'इस सजा के जरिए हम उन्हें अपनी गलती का अहसास और साथ ही अपनी ड्यूटी के प्रति सजग रहने का सबक देना चाहते हैं। हम लापरवाही बरतने पर दूसरे पुलिसकर्मियों को भी ऐसी ही सजा देंगे।' इन चारों पुलिसकर्मियों के नाम कॉन्स्टेबल संदीप रवि, सुनील प्रसाद, अमोल राठी और सोहम सिंह है।
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