उत्तरकाशी, 18 दिसंबर (भाषा) उत्तराखण्ड विधानसभा द्वारा हाल में चार धाम देवस्थानम विधेयक पारित किये जाने से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की चेतावनी देते हुए बुधवार को कहा कि वे मंदिरों का अधिग्रहण करने के उसके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। विरोध प्रदर्शन को स्थानीय व्यापारियों के साथ ही विपक्षी कांग्रेस ने भी अपना समर्थन देते हुए उसमें बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया। विधेयक के विरोध में गठित चार धाम महापंचायत ने यहां रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ महाआंदोलन का बिगुल फूंका और कहा कि श्राइन बोर्ड का गठन मंदिरों के अधिग्रहण के लिए किया गया है लेकिन वह सरकार के इस मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। पुरोहित बाद में रामलीला मैदान से शहर के मुख्य मार्गों से प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा में अपने संख्याबल का नाजायज फायदा उठाते हुए इस विधेयक को विधानसभा से पारित करा लिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में राज्य के अंदर कांग्रेस की हवा है और 2022 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो सबसे पहले इस विधेयक को समाप्त करेगी। विरोध प्रदर्शन में शामिल राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि चार धाम विधेयक के जरिए भाजपा सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हकों में हस्तक्षेप और धार्मिक स्थलों पर कब्जे का प्रयास किया है जिसका विरोध किया जायेगा।
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