गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा भवन के निकट धरना दिया

देहरादून, पांच दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान न करने, बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी के विरोध में कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज राज्य विधानसभा भवन के निकट धरना दिया तथा एक दिवसीय उपवास रखा । पूर्व घोषणा के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री रावत विधानसभा के निकट पहुंचे जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा भवन की ओर कूच किया, उसके बाद वह विधानसभा भवन के नजदीक बैरिकेडिंग के पास उपवास पर बैठ गये। धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रावत ने केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन पर हमला बोला । उन्होंने केन्द्र की आर्थिक नीतियों से चौपट हो रही अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी की विकराल होती समस्या तथा देश के विभिन्न भागों में बलात्कार की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 में वर्तमान सरकार को एक मजबूत अर्थव्यवस्था सौंपी थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उसे तहस-नहस कर दिया है । भाजपा सरकारों को किसान विरोधी बताते हुए रावत ने कहा कि जब—जब भाजपा की सरकारें आती हैं किसानों को उनका बकाया भी नहीं मिल पाता है । उन्होंने कहा कि देश में 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' का नारा देनी वाली सरकार की नाक के नीचे बलात्कार हो रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री रहस्यमय ढंग से चुप हैं । बढ़ती महंगाई पर उन्होंने कहा कि, गैस, पैट्रोल और डीजल के दामों आसमान छू रहे हैं जबकि प्याज रूला रहे हैं । रावत के इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह नजर नहीं आये । हांलांकि, इस संबंध में, रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि यद्यपि आज के उनके कार्यक्रम से 'कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह गुट' ने दूरी बनाये रखी जिससे एक नकरात्मक संदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गया । उन्होंने कहा कि फिर भी काफी हद तक हरीश रावत अपने कार्यक्रमों से कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर पाने में कामयाब हो रहे हैं ।


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