![](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/72442191/photo-72442191.jpg)
देहरादून, नौ दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने विपक्षी कांग्रेस के भारी हंगामे और शोर शराबे के बीच आज राज्य विधानसभा में ‘चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक’ पेश कर दिया । हालांकि, प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विपक्ष और तीर्थ पुरोहित अपना मत रखें, सरकार उनसे बातचीत के लिए खुले मन से तैयार है । इससे पहले, इस विधेयक को वापस लेने की मांग पर अडे़ कांग्रेस के सदस्यों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी और पूरा प्रश्नकाल उसकी भेंट चढ़ गया । हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने भोजनावकाश के बाद 45 मिनट में आज के लिये निर्धारित कामकाज निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी । पूर्वाहन 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश की अगुवाई में कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों पर खडे हो गये और सदन के सदस्यों को विश्वास में लिए बिना चुपचाप उत्तराखंड चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक को पारित करवाने की राज्य सरकार की मंशा को लेकर सवाल खडे करने लगे । इंदिरा ने कहा, ‘‘तीर्थ पुरोहितों को इस विधेयक पर आपत्ति है और हमें भी इसके प्रावधानों के बारे में अंधेरे में रखा गया है । जब हमने प्रस्तावित विधेयक की प्रति मांगी तो हमें बताया गया कि विधानसभा के पटल पर रखे जाने के बाद ही यह दस्तावेज हमें दिया जायेगा ।’' उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को वापस ले या सदन की स्थायी समिति के हवाले करे । इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने को कहते रहे लेकिन प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करण माहरा, हरीश धामी समेत कांग्रेस के अन्य सदस्य विधेयक वापस लिये जाने की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए उनके आसन के सामने आ गये । कुछ देर बाद कांग्रेस के सदस्य नारे लगाते हुए आसन के सामने ही धरने पर बैठ गये ।अपने स्थानों पर बैठने के बार—बार आग्रह को विपक्षी सदस्यों द्वारा अनसुना किये जाने के बाद अध्यक्ष अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही पहले साढे ग्यारह बजे तक, फिर 12 बजे और बाद में 12:20 बजे तक के लिये स्थगित कर दी । सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर कुछ देर कामकाज निपटाने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने फिर अपनी मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और इसी बीच पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस विधेयक को पेश कर दिया । विधेयक के उद्देश्य व कारणों के बारे में कहा गया है कि प्रदेश में स्थित बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री तथा अन्य प्रसिद्ध मंदिरों का कायाकल्प किया जाना आवश्यक है । इसलिए जम्मू—कश्मीर में स्थापित श्री वैष्णों देवी माता मंदिर, साईं बाबा, जगन्नाथ तथा सोमनाथ मंदिरों की तरह उत्तराखंड में स्थित मंदिरों और श्राइन के लिए विधेयक लाया जाना आवश्यक है । विधेयक में कहा गया है कि प्रदेश के मंदिरों के कायाकल्प के लिये यह विधेयक एक 'मील का पत्थर' साबित होगा ।
from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/342GwQp
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें