शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

एसपी-बीएसपी और वामपंथी संगठनों ने नागरिकता कानून के खिलाफ निकाला मोर्चा, केंद्र पर साधा निशाना

देहरादून उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एमएल), एसपी, बीएसपी, पीपुल्स फोरम और महिला मंच समेत तमाम संगठनों ने गांधी पार्क गेट के सामने के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के जरिए राष्ट्रपति को इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक के बाद एक जनविरोधी फैसले ले रही है और कर रहे लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि जामिया, पुडुचेरी, अलीगढ़, लखनऊ जैसे कई विश्वविद्यालयों में लाठीचार्ज तथा असम में आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता की शर्त में सांप्रदायिक आधार को जोड़ना संविधान की मूल भावना के साथ ही जनतांत्रिक और धर्म निरपेक्षता की भावना के भी विपरीत है। अलर्ट पर पुलिस ज्ञापन में विरोधी दलों ने कहा कि यह कानून केवल मुसलमानों को छोड़ हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता देता है। वहीं, देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहे बवाल के बीच रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पर कई राज्यों में उपद्रव के बाद उत्तराखंड में भी पुलिस अलर्ट पर है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान धर्मस्थलों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। चीता मोबाइल से लेकर पुलिस अधिकारी आज दिनभर देहरादून में भ्रमण पर रहे। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में पीएसी तैनात की गई है। अभी तक देहरादून में शांति बनी रही। हल्द्वानी में एनआरसी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कोर्ट में सिटी मैजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह को ज्ञापन सौंपा। टनकपुर में मुस्लिम युवाओं ने एनआरसी के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला फूंका।


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