देहरादून, एक अगस्त (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरणीय दुष्प्रभाव के साथ ही मानव स्वास्थ्य के लिये खतरनाक माने जाने वाले प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं को राज्य सचिवालय में पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है । अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा आज यहां इस संबंध में आदेश जारी किये गये और सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों तथा प्रभारी सचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्लास्टिक विशेषकर माइक्रोप्लास्टिक से जहां एक ओर पर्यावरणीय दुष्प्रभाव के साथ—साथ मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न होता है वहीं दूसरी ओर यह सतत विकास में भी बाधक है । पत्र के अनुसार, इसके दृष्टिगत राज्य सचिवालय के अन्तर्गत प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं को वर्जित एवं प्रतिबंधित करने का निर्णय किया गया है। पत्र में कहा गया है कि राज्य सचिवालय में किसी भी स्तर पर आहूत होने वाली बैठक या कार्यशाला आदि में प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का प्रयोग न किया जाये । बैठकों में पीने के पानी हेतु प्लास्टिक की बोतलों को पूर्ण रूप से वर्जित करते हुए इनके स्थान पर वाटर डिस्पेंसर तथा वाटर पेपर ग्लासों का प्रयोग किया जाये । इसके अलावा, सचिवालय के विभिन्न कार्यालयों में प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं के प्रयोग से बचने तथा उनके स्थान पर वैकल्पिक साधनों का प्रयोग करने को कहा गया है । अपने साथ पीने का पानी लाने वाले अधिकारियों और कार्मिकों को भी प्लास्टिक की बोतल के स्थान पर धातु या कांच के बोतलों का प्रयोग करने की सलाह देते हुए कहा गया है कि यह उनके निजी स्वास्थ्य हेतु भी हितकर होगा ।
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