गुरुवार, 29 अगस्त 2019

छह माह में शराबबंदी लागू करने के लिए एक स्पष्ट नीति बनाए: उत्तराखंड हाई कोर्ट

देहरादून सरकार के आबकारी अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड ने कहा कि एक तरफ इस अधिनियम में मद्यनिषेध को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है तो दूसरी ओर सरकार लगातार दुकानों की संख्या बढ़ाकर इस कारोबार बढ़ावा दे रही है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को छह माह के भीतर राज्य में चरणबद्ध ढंग से लागू करने के लिए एक स्पष्ट बनाने के निर्देश दिए। साथ ही कोर्ट ने शराब की दुकानों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगाने व 21 वर्ष से कम आयु के युवाओं को शराब खरीदने पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के निर्देश भी दिए। बागेश्वर जिले के गरुड़ निवासी ऐडवोकेट डीके जोशी की राज्य में शराबबंदी को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका मे सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये निर्देश दिए और टिप्पणी की। जनहित याचिका में गुरुवार को इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व आलोक वर्मा की खंडपीठ ने राज्य में चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी लागू करने के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए। याचिका में राज्य सरकार को यूपी आबकारी अधिनियम 1990 की धारा 37 अ के अनुपालन में शराब बंदी करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने और शराब के कारोबार से राज्य को हो रहे नुकसान का आकलन कर उचित कदम उठाने के लिए राज्य सरकार को आदेशित किए जाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पहाड़ी प्रदेश को सबसे ज्यादा बर्बाद करने वाली शराब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।


from Uttarakhand News in Hindi, Uttarakhand News, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड खबरें| Navbharat Times https://ift.tt/2Hv5QWU

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें