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हरिद्वार योग गुरु स्वामी रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ऋषिकेश एम्स से छुट्टी मिलने के बाद लोगों के सामने आए। ने अपने संबोधन में जहां समर्थकों को अपने स्वस्थ होने का संदेश दिया वहीं विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। बालकृष्ण ने कहा कि वह के सपने को पूरा करते रहेंगे। साथ ही कहा कि दिवास्वप्न देखने वाले अपना समय बर्बाद न करें। आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'आप सबकी भावनाओं और प्रार्थनाओं के लिए कृतज्ञता, अब हम और अधिक दृढ़ता और ऊर्जा के साथ मानव सेवा से राष्ट्र सेवा करेंगे, का संकल्प लेते हैं।' उन्होंने कहा, 'आप लोग चिंता मत करो, स्वामी (रामदेव) के लिए भगवान ने ऊर्जा के रूप में मुझे भेजा है और अभी बहुत कुछ होना बाकी है। कुछ लोग दिवास्वप्न देख रहे थे, उनके लिए इतना कहेंगे समय बर्बाद न करें तो अच्छा है। बाकी उनकी मर्जी है।' बालकृष्ण ने कहा कि बाबा रामदेव का सपना पूरा होगा और इसे कोई नहीं रोक सकता है। बता दें कि आचार्य बालकृष्ण को गत शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। बाद में आचार्य बालकृष्ण के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रविकांत ने बताया कि डॉक्टर की विशेषज्ञ टीम की निगरानी में उन्हें आईसीयू में रखा गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। किसी साजिश की आशंका से इनकार नहीं: रामदेव स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण की तबीयत पेड़ा खाने के बाद ही बिगड़ी थी। इसके पीछे उन्होंने किसी साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पतंजलि योगपीठ की ओर से इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। अगर किसी ने साजिश के तहत ऐसा किया है तो दोषी को सजा मिलेगी। अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि खाने में कुछ जहरीला सेवन करने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल उनके एंजाइम्स और खून के नमूने फरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं, इनकी रिपोर्ट आने में वक्त लगेगा। यह रिपोर्ट आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आचार्य बालकृष्ण को हृदय और मस्तिष्क से संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं है। शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे मिठाई खाने के बाद आचार्य बालकृष्ण की अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें उपचार के लिए हरिद्वार स्थित भूमानंद अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें ऋषिकेश एम्स रिफर कर दिया।
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