बुधवार, 28 अगस्त 2019

पर्यटन नगरी नैनीताल नैनी झील के लिए शुरू होंगी कई योजनाएं

उत्तराखंड के नैनीताल की झील में आने वाले सभी नालों में लगभग 6 फीट ऊंची जालियां लगाई जाएंगी। झील के पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एसटीपी स्थापित कराए जाने की कार्य योजना को तत्काल मूर्त रूप दिया जाएगा। शहर के चार स्थानों- कैपिटल सिनेमा, मेट्रोपोल होटल, स्टैट बैंक के पास, रेमजे होस्पिटल के समीप एसटीपी बनाने को भूमि चयन प्रक्रिया में तेजी लाकर इन्हें जल्द स्थापित किया जाएगा। यह बात कुमाऊं आयुक्त राजीव रौतेला ने इस सम्बन्ध मे आयोजित बैठक में कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा के साथ ही सूखाताल के संरक्षण एवं विकास के लिए पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई हरीश चन्द्र भारती को निर्देश दिए कि सूखाताल और नैनी झील के संवर्धन के लिए जो भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे गए थे, जिसमें नैनी झील-नालों के संरक्षण कार्य हेतु 1.5 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है, के कार्यों को प्रारंभ किया जाए। शहर के वरिष्ठ नागरिकों पर्यावरणविदों आदि के साथ भी विचार-विमर्श कर, उनके विचारों एवं अनुभवों को भी कार्य योजना में शामिल करना सुनिश्चित करें। बैठक में आयुक्त ने सूखाताल में चलाई जा रही अवैध पार्किंग को तुरंत बन्द कराने के निर्देश दिए। गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नैनी झील के कैचमेंट एरिया में वेटलैंड नोटिफाइड कराने का सुझाव पर आयुक्त ने वन संरक्षक को उच्च स्तर पर पत्राचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को घर-घर से कूड़ा एकत्र करने के साथ ही कूड़ा स्त्रोत से ही पृथककरण की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कूड़ा पृथककरण हेतु घर की महिलाओं, स्कूली बच्चों को जागरूक किया जाए, इस हेतु विद्यालयों में गणमान्य नागरिकों के साथ जाकर जागरूक किया जाए। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को शहर की स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के साथ ही अधिशासी अभियंता जल संस्थान एवं सिंचाई को झील के पानी की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने शहर में सफाई संबंधी सुन्दर साईनेज़ लगाने के भी निर्देश दिए, साथ ही कहा कि नालियों में जो पाईप जल प्रवाह को बाधित कर रही हैं, उन्हें चिन्हित कर रिपोर्ट दें ताकि उन्हें हटाने के आगणन तैयार कर धनराशि की मांग की जा सके। सदस्यों द्वारा नैनी झील की दीवारों की मरम्मत का सुझाव भी दिया गया, जिस पर अधिशासी अभियंता ने बताया कि 41 करोड़ का प्रस्ताव शासन में भेजा गया है।


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