मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

पहाड़ों में चटख धूप, उत्तराखंड के हिल स्टेशनों की ओर हुआ पर्यटकों का रुख

देहरादून पहाड़ों में चटख धूप और मैदानों में कोहरे के चलते इस बार नए साल के जश्न के लिए पर्यटकों ने उत्तराखंड के हिल स्टेशनों की ओर जोर-शोर से रुख किया। उत्तराखंड के हिल स्टेशनों समेत मैदानी क्षेत्रों के शहरों में भी नए साल में जश्न की तैयारियों के व्यापक इंतजाम के बीच स्थानीय लोगों समेत पर्यटकों ने भी नए साल का स्वागत किया। पर उत्तराखंड के देहरादून शहर समेत मसूरी, चकराता, नैनीताल, रानीखेत, भीमताल, मुक्तेश्वर, रामगढ़, गागर, औली, जोशीमठ, चोपता, दुगलबिटा, पौड़ी, टिहरी, धनौल्टी, चकराता, ऋषिकेश और अन्य भी पर्यटकों के स्वागत के लिए विशेष रूप से तैयार दिखे। नैनीताल, मसूरी और चकराता में अधिकांश होटल फुल रहे। होटलों में जमकर हुई बुकिंग दून और ऋषिकेश में लगभग सभी बड़े होटल, रेस्तरां और रिसॉर्ट में थर्टी फर्स्ट को जश्न के कार्यक्रमों की पूरी तैयारी थी। तीर्थनगरी और आसपास के होटल, रिसॉर्ट और कैंप संचालक लंबे वक्त से इसकी तैयारी में लगे थे। तपोवन क्षेत्र के नौ से अधिक होटल और कैंप मनाते दिखे। तपोवन, शिवपुरी, लक्ष्मणझूला आदि स्थानों जगहों पर बने होटल और कैंपों में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में बाहरी प्रदेशों से लोग पहुंचते हैं। चकराता में ज्यादातर होटलों में इस बार नए साल के स्वागत के लिए बोन फायर की थीम को आधार रखा गया। नैनीताल में उमड़े पर्यटकों ने साल के अंतिम दिन झील में नौकायन से लेकर माल रोड में भी चहलकदमी कर इस पर्यटक नगरी की चटख धूप किया आनंद लिया। औली में पर्यटकों ने बरफ के नजारे लिए। पौड़ी से खिलखिलाते हिमालय पर नजर गड़ाए बैठे पर्यटक इस नगरी के मौसम का भी लुत्फ लेते नजर आए।


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कांग्रेस सीएए और एनआरसी में भ्रम पैदा कर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रही : भाजपा

देहरादून, 31 दिसंबर :भाषा: विपक्ष को 'गैर जिम्मेदार' और 'बचकाना' बताते हुए भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर :एनआरसी: के साथ भ्रमित कर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रही है । उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ' सीएए का एनआरसी से कोई मतलब नहीं है । विपक्षी दल गैर जिम्मेदार और बचकाना है । वह अल्पसंख्यकों को गुमराह करने के लिए दोनों को जोड़ रही है ।' वर्ष 2019 को ऐतिहासिक बताते हुए भट्ट ने कहा कि इस दौरान भाजपा और केंद्र की उसकी सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल कीं । उन्होंने कहा कि सीएए भी केंद्र सरकार का ऐसा ही एक ऐतिहासिक कदम है । नैनीताल से सांसद भट्ट ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सिमटती जनसंख्या इस बात का संकेत है कि वे वहां परेशान हैं जबकि भारत में अल्पसंख्यकों की तादाद कई गुना बढ गयी है जो बताती है कि वे यहां सुरक्षित हैं । उन्होंने कहा कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है जिन्होंने अपनी मातृभूमि में प्रताडित किये जाने के कारण भारत में शरण मांगी है । भट्ट ने जोर देकर कहा कि सीएए किसी की नागरिकता के अधिकार को नहीं छीनेगा और इस मुददे पर कांग्रेस केवल झूठ फैला रही है । उन्होंने कहा, 'यह सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करने के हिंदुत्व के केंद्रीय दर्शन के अनुरूप ही है । विपक्ष पूछ रहा है कि सीएए से केवल मुसलमानों को बाहर क्यों रखा गया । क्या वह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे मुसलमान बहुसंख्यकों को यहां आने और रहने देने के लिए आमंत्रित करना चाहती है ।' भट्ट ने कहा कि कांग्रेस को सीएए पर गलत सूचना फैलाने का अभियान रोक देना चाहिए ।


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सोमवार, 30 दिसंबर 2019

तीन व्यक्ति 14.15 ग्राम स्मैक के साथ पकड़े गये

उत्तरकाशी, 30 दिसम्बर :भाषा: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धरासू क्षेत्र में सोमवार को तीन व्यक्तियों को 14.15 ग्राम स्मैक के साथ पकड़ा गया। बाजार में स्मैक की कीमत लगभग एक लाख रुपये आंकी गई है। धरासू पुलिस थाना के अध्यक्ष विनोद थपलियाल ने बताया कि अवैध तरीके से नशीले पदार्थों का क्रय-विक्रय करने वालों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत यहां नगुण बैरियर के आगे भैरव मन्दिर के पास चैकिंग के दौरान तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया । इन लोगों के पास से 14.15 ग्राम स्मैक भी बरामद की गई। अभियुक्तों की पहचान देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र के निवासी राजीव नेगी :25:, अंकुर :24: तथा अभिषेक बरसवाल :21: के रूप में हुई है । स्मैक की बरामदगी के आधार पर पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है ।


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रविवार, 29 दिसंबर 2019

नए साल का जश्नः नैनीताल, मसूरी और औली में पर्यटकों का सैलाब, ट्रैफिक पुलिस ने जारी किया नया रूट प्लान

महेश पांडेय, देहरादून नए साल के जश्न के लिए नैनीताल और औली में पर्यटक भारी तादात में रुख कर रहे हैं। वीकेंड पर में सैलानियों की भीड़ से अधिकतर पार्किंग स्थल पैक हो गए और दिनभर सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। रविवार को सुबह से लेकर देर शाम तक माल रोड समेत नगर के सभी पर्यटक स्थलों पर खासी चहल-पहल बनी रही। मसूरी और औली में भी भारी तादात में पर्यटक पहुंच रहे हैं। सरोवर नगरी नैनीताल में शनिवार सुबह से ही नगर में सैलानियों का आना शुरू हो गया था। रविवार को भी दोपहर बाद सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ी तो माल रोड समेत मल्लीताल क्षेत्र में जाम की स्थिति बनने लगी। सैलानियों ने मैदानी क्षेत्रों में छा रहे कोहरे से छुटकारा पाते हुए सुहावने का मौसम का आनंद उठाया। नव वर्ष के अवसर पर नैनीताल नगर में स्थानीय नागरिकों के अतिरिक्त देशभर से बड़ी संख्या में सैलानियो का आगमन होता है तथा परम्परागत रूप से 31 दिसम्बर पर नववर्ष के मद्देनजर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होटलों, मालरोड आदि पर हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जाता है। पुलिस ने जारी किया रूट प्लान बाहर से आने वाले पर्यटक अपने निजी वाहनों (चौपहिया एवं दोपहिया),प्राईवेट वाहनों, बसों आदि के माध्यम से काठगोदाम, कालाढूंगी, भवाली के रास्तो से होकर नैनीताल में प्रवेश करते हैं। इस दौरान शान्ति व्यवस्था, कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने तथा सड़क सुरक्षा और पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए नैनीताल शहर में 3 अस्थायी पुलिस चौकियां कालाढुंगी रोड पर नारायण नगर, हल्द्वानी रोड पर रूसी बाईपास और भवाली रोड पर पाईन्स में खोली गई हैं। पुलिस ने आज से ही नया रूट प्लान लागू कर दिया है। 31 दिसम्बर के दौरान कालाढुंगी रोड से आने वाली भारी वाहन सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक सडियाताल रूसी बाईपास पर रोके जाएंगे। जहां से सभी अपने निजी वाहनों या टैक्सी से शहर में आवागमन करेंगें। 31 दिसम्बर के दौरान हल्द्वानी से आने वाले भारी वाहनों को सुबह 8 बजे से रात्रि नौ बजे तक रूसी बैण्ड पर रोके जाएंगे। जहां से सभी अपने निजी वाहनों या टैक्सी से शहर में आवागमन करेंगे। शटल सेवा से पर्यटक भेजे जाएंगे नैनीताल भवाली रोड से आने वाले भारी वाहन सुबह 8 बजे से रात नौ बजे तक पाइन्स क्षेत्र मे रोके जाएंगे। जहां से सभी अपने निजी वाहनों या टैक्सी से शहर में आवागमन करेंगें। 31 दिसम्बर को नगर नैनीताल मे पार्किंग फुल हो जाने की दशा में कालाढूंगी रोड पर नैनीताल को आने वाले चौपहिया वाहनों को नारायण नगर में पार्क करा शटल सेवा के माध्यम से पर्यटकों को नैनीताल भेजा जाएगा। 31 दिसम्बर को नगर नैनीताल में पार्किग फुल हो जाने की दशा में हल्द्वानी रोड पर नैनीताल को आने वाले चौपहिया वाहनों को रूसी बाईपास में पार्क करा शटल सेवा के माध्यम से पर्यटकों को नैनीताल भेजा जाएगा। नगर नैनीताल में पार्किंग फुल हो जाने की दशा में भवाली रोड पर नैनीताल को आने वाले चौपहिया वाहनों को पाईन्स में पार्क करा शटल सेवा के माध्यम से पर्यटकों को नैनीताल भेजा जाएगा। इस दौरान नैनीताल शहर के अन्दर मस्जिद तिराहे से राजभवन तिराहा होते हुए फांसी गधेरा तक एकल मार्ग व्यवस्था की जाएगी। मल्लीताल घोड़ा स्टैंड से नैनीताल क्लब तिराहे तक एकल मार्ग व्यवस्था की जाएगी। सूखाताल और हाई कोर्ट को जाने वाले वाहन घोडा स्टैंड से मस्जिद तिराहा होते हुए जाएंगे। इस दौरान लोअर माल रोड, अपर माल रोड पर किसी भी प्रकार के वाहन खड़ा करने की अनुमति नहीं होगी। उक्त व्यवस्था का उल्लंधन करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यातायात का दबाव बढ़ा नैनीताल शहर में यातायात का अत्यधिक दबाव होने पर वैकल्पिक मार्ग के रूप में बारापत्थर से शेरवुड, राजभवन तिराहा, फांसी गधेरा एवं बारापत्थर से बिडला स्कूल, इण्डिया होटल तक का प्रयोग किया जाएगा। औली रोपवे की बुकिंग प्रतिदिन फुल हो गई है। इसके चलते पर्यटक वाहनों से ही औली पहुंच रहे हैं। वहीं यहां पार्किंग फुल होने से सड़क पर लंबा जाम लग रहा है। इससे सैलानियों की मुसीबतें बढ़ गई है। लग रहे जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से टीवी टावर से औली तक सुबह आठ बजे से वनवे सिस्टम लागू कर दिया है। वनवे व्यवस्था में 15 वाहनों को टीवी टावर से औली के लिए रवाना किया जाएगा। जोशीमठ नगर में भी जीएमवीएन के गेस्ट हाउस के साथ ही 70 प्राइवेट होटल हैं। यहां भी लगभग सभी होटलों में एडवांस बुकिंग चल रही है। रुद्रप्रयाग जिले के चोपता, दुगलबिट्टा और बनियाकुंड में हट्स, लॉज में बीते तीन दिन में 25 से 30 फीसदी बुकिंग मिल चुकी है।औली में 25 होटलों के साथ ही 60 से 80 टेंट कॉलोनी हैं, जिनकी थर्टी फर्स्ट के लिए बुकिंग फुल है।


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उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रियंका के साथ हुई ‘‘अभद्रता’’ पर विरोध जताया

देहरादून, 29 दिसम्बर :भाषा: उत्तराखंड कांग्रेस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस की कथित अभद्रता के खिलाफ रविवार को विरोध प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में यहां राज्य मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए और शनिवार की इस कथित घटना की निंदा करते हुए उसके प्रति विरोध जताया । सिंह ने इस मौके पर दिये अपने संबोधन में आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री देश में हिंसा फैलाना चाहते हैं और अपने भाषणों और वक्तव्यों में जहर उगलने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की नेता से पुलिस अभद्रता कर सकती है तो इससे अंदाज़ लगाया जा सकता है कि देश की राजनीति को भाजपा किस ओर ले जाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजों की तोपों और संगीनों के सामने घुटने नहीं टेके और वह ‘‘मोदी और योगी के दमन’’ के आगे भी नहीं झुकेगी। बाद में सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए एस्ले हॉल चौक पहुंचे जहां उन्होंने मोदी और योगी के पुतले फूंके।


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सीएए के पक्ष में रैली, भाजपा ने किया समर्थन

देहरादून, 29 दिसंबर :भाषा: लोक अधिकार मंच ने रविवार को यहां संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: के पक्ष में रैली निकाली जिसका भाजपा ने पूरा समर्थन किया। हाथों में 'सपोर्ट फॉर सीएए' लिखी तख्तियां और तिरंगा झंडा एवं भाजपा के झंडे के साथ मंच और भाजपा के कार्यकर्ता परेड ग्राउंड से निकलकर शहर के व्यस्ततम बाजारों से होकर गुजरे और सीएए के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने रैली को सफल बताते हुए कहा कि आम जनता सीएए के पक्ष में है और इससे भारत के किसी भी नागरिक को कोई परेशानी नहीं है । उन्होंने इस मसले को लेकर विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया और कहा कि वह अपने लाभ के लिए सीएए को लेकर भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रही है । सीएए के विरोध में शनिवार को रैली निकालने वाली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता का सामना करने का साहस न होने के कारण उसने लोक अधिकार मंच के पीछे खड़े होकर यह रैली निकाली है। उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है और समय आने पर वह भाजपा को कड़ा सबक सिखायेगी ।


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शनिवार, 28 दिसंबर 2019

सीएए मानवतावादी कानून है : भाजपा

देहरादून, 28 दिसंबर (भाषा) भाजपा ने शनिवार को कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) भारत में शरण लिये हुए बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की दशा सुधारने पर लक्षित एक मानवतावादी कदम है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर सीएए के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए भाजपा के उप महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश ने कहा कि यह संशोधित कानून पारित कराकर केंद्र ने राष्ट्रीय कर्तव्य पूरा किया है। भाजपा नेता ने सीएए पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ यह दयालुता का कृत्य नहीं है। यह राष्ट्रीय कर्तव्य को पूरा करना है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नेहरू-लियाकत संधि के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा इसलिए भारत को सीएए लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों का बहुत बड़ा हिस्सा दलित और महिलाएं हैं। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट ने की।


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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

800 साल पुराने भूकंपरोधी घरों को नई जिंदगी दे रहे डीयू के प्रफेसर, लौट रहा रोजगार

अल्मोड़ा में इतिहास के असोसिएट प्रफेसर निर्मल कुमार 800 साल पुराने ऐसे घरों को तलाश रहे हैं, जो भूकंपरोधी हैं। 55 साल के निर्मल कुमार इन दिनों उत्तराखंड की गलियों में घूम रहे हैं और ऐसे घरों को तलाशकर उनको पुनर्विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रफेसर निर्मल इन घरों को होम स्टे में बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे लोगों की कमाई भी हो सके। ये घर स्टाइल में बनाए गए हैं, जोकि स्थानीय स्थापत्य कला है। पिछले छह महीने से हर वीकेंड पर प्रफेसर निर्मल कुमार पहाड़ों में निकल जाते हैं। जब वह अल्मोड़ा में काफी दूर स्थित गांव खूंठ जाने के लिए बस में चढ़ते हैं तो अकसर लोग भी उनसे पूछते हैं, पलायन के बाद लगभग खाली हो चुके गांव में वह क्या करने जाते हैं। बता दें कि खूंठ गांव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और यूपी के पूर्व सीएम गोविंद बल्लभ पंत का गांव है। प्रफेसर निर्मल कुमार केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक प्रॉजेक्ट पर काम कर रही टीम को लीड कर रहे हैं। यह टीम सदियों पुराने आर्किटेक्चर पर बने घरों को तलाशने और उन्हें रेनोवेट करने का काम कर रही है। निर्मल कुमार कहते हैं, 'मेरी टीम में चार और प्रफेसर, दो आर्किटेक्ट और दो छात्र हैं। हम कुमाऊं क्षेत्र के इन घरों को आधुनिक तकनीक और परंपरागत तरीकों से मेलजोल से संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। ये सारे घर बखोली स्टाइल में बने हैं, जोकि भूकंपरोधी हैं।' मजबूती है बखोली आर्किटेक्चर की खासियत बखोली स्टाइल के घर लगभग 800 साल पुराने हैं। इसमें एक जैसे कई घर लाइन में बने होते हैं, जिसमें संयुक्त परिवार रहते हैं। इन सभी घरों की छतें एक ही होती हैं। इन घरों को थोड़ी ऊंचाई पर बनाया जाता है। इनकी दीवारें मोटी और छत हल्की होती है। छतों की ऊंचाई भी कम होती है। कुल मिलाकर घर ऐसा होता है कि निचला हिस्सा भारी और ऊपरी हिस्सा हल्का होता है। उत्तराखंड में 1700 घर ऐसे हैं, जिसमें रहने वाले लोग नौकरी की तलाश में बाहर चले गए हैं। प्रफेसर निर्मल ऐसे कई घरों को संरक्षित करने में लगे हैं। खूंठ गांव में 121 घर हैं, जिसमें से सिर्फ 20 ऐसे हैं, जहां लोग रहते हैं। उत्तराखंड के बहुत सारे लोग नौकरी की तलाश में बाहर जाते हैं, जिसके चलते गांवों में बहुत कम लोग बचे हैं। प्रफेसर निर्मल ने इस समस्या को भी हल करने की कोशिश की है। प्रफेसर निर्मल बताते हैं, 'मैंने कुछ लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर वे पैसे कमा सकें तो बाहर नहीं जाएंगे। मैंने इन घरों को संवारने के बारे में सोचा, जिससे लोगों का पलायन भी रुके और इतने पुराने आर्किटेक्चर को भी संरक्षित किया जा सके।' प्रफेसर निर्मल के कई साथी भी इस काम में उनके साथ आए लेकिन मुख्य समस्या पैसों की थी। सैकड़ों साल पुराने घरों में पहुंचाया पानी और बिजली इस टीम ने यह प्लान मंत्रालय के सामने रखा, जिसने शुरुआती तौर पर इन घरों को रेनोवेट करने के लिए 50 लाख का फंड जारी कर दिया। इस टीम ने काम शुरू ही किया था कि इनकी मुलाकात हाल ही में दिल्ली से अल्मोड़ा शिफ्ट हुए आर्किटेक्ट कपल निकिता वर्मा और क्षितिज अग्रवाल हुआ। निकिता ने बताया, 'हमारे सामने चुनौती थी कि हम इन घरों को नुकसान पहुंचाए बिना इसमें बिजली और पानी जैसी जरूरी चीजें दे सकें। हमारे लिए जरूरी था कि हमें दीवारों, प्लास्टर और लकड़ी के दरवाजों को नुकसान ना पहुंचाएं। हमने इन कामों के लिए गांव के कारीगरों की मदद ली। अब हर घर में 3000 लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है।' इस टीम ने जून में पहले घर पर काम शुरू किया और जल्द ही काम पूरा हो गया। चार और घरों पर काम चल रहा, जिसके मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। इन घरों में अब पर्यटक भी रुक सकेंगे और अल्मोड़ा समेत उत्तराखंड के अन्य टूरिस्ट प्लेस का मजा ले सकेंगे।


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उत्तराखंड विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सात जनवरी को

देहरादून, 27 दिसंबर (भाषा) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को दस साल बढ़ाने के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सात जनवरी को होगा। उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने यहां बताया कि लोकसभा में इस संबंध में पहले ही संविधान संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो चुका है और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने से पहले हर राज्य विधानसभा को भी इस कानून को पारित करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा के इस एक दिवसीय विशेष सत्र के संबंध में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।


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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

देखें, जब बर्फ की कई फुट मोटी चादर से ढक गया केदारनाथ धाम

देहरादून पूरे उत्‍तर भारत में ठंड सितम ढा रहा है। पहाड़ी राज्‍यों में बर्फबारी भी तेज है। ऐसे समय में उत्‍तराखंड स्थित की कुछ तस्‍वीरें सामने आई हैं, जिनमें मंदिर के आसपास स्थित पहाड़ियां कई फीट ऊंची की चादर से ढकी दिख रही हैं। बर्फबारी शुरू होने से पहले ही गत अक्‍टूबर में केदारनाथ के कपाट बंद कर दिए गए थे। भीषण बर्फबारी के चलते केदारनाथ धाम में इस समय पारा शून्‍य से 14 डिग्री सेल्सियस नीचे चल रहा है। केदारनाथ धाम में आदिशंकराचार्य समाधि और तीर्थ पुरोहित समाज के लिए पहाड़ी शैली में मकानों का काम चल रहा था, लेकिन इस बर्फबारी के कारण इसमें रुकावट आ गई है। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक की पूरी घाटी बर्फ से ढकी दिख रही है। अब ये निर्माण कार्य कब पूरे होंगे, यह मौसम के रुख पर निर्भर करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर ये निर्माण कार्य शुरू किए गए थे। घरों में दुबके लोग पहाड़ों के अलावा नई दिल्‍ली, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश समेत उत्‍तर भारत के मैदानी राज्‍यों में भी जबरदस्‍त सर्दी पड़ने की वजह से जनजीवन अस्‍तव्‍यस्‍त हो गया है। सुबह और शाम तेज ठंडी हवाएं चलने से लोग घरों में ही दुबके हुए हैं। ऐसे मौसम में अस्‍पतालों में मरीजों की भीड़ भी बढ़ गई है। ठंड की वजह से स्‍कूल कॉलेजों में छुट्टियां कर दी गई हैं जिससे छोटे बच्‍चों को बेहद राहत मिली है।


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उत्तराखंड ने ऑस्ट्रेलिया से 240 मैरिनो भेड़ आयात कीं

देहरादून, 26 दिसंबर :भाषा: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में भेडो़ं की नस्ल में सुधार कर ऊन गुणवत्ता और ऊन उत्पादन में वृद्धि करने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत आस्ट्रेलिया से 240 मैरिनो भेड़ें आयात की हैं । यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को बताया कि यह एक क्रांतिकारी और प्रगतिशील कदम है जो राज्य के किसानों के लिए वरदान साबित होगा । रावत ने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाली, आस्ट्रेलियाई नस्ल की मैरिनो भेड़ों को आगामी पांच वर्षों तक एक निर्धारित ब्रीडिंग प्लान के तहत ‘प्योर लाइन’ एवं ‘क्रॉस ब्रीड’ कार्यक्रमों में उपयोग में लाया जायेगा जिससे राज्य की भेडों में व्याप्त अन्त: प्रजनन की समस्या से निजात पायी जा सके । उन्होंने बताया कि आधुनिक कृत्रिम प्रजनन तकनीक और एम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक से उच्च कोटि के जर्मप्लाज्म को उत्तराखंड के भेड़ पालकों को उपलब्ध कराया जायेगा । मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य तकनीक का प्रयोग कर उच्च गुणवत्ता के ऊन उत्पादन को वर्तमान 558 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन तक करना है । इससे प्रदेश के पहाडी़ इलाकों में रहने वाले लोगों को भी गांवों में बसाये रखने तथा सतत आर्थिक गतिविधि के रूप में भेड़ पालन को अपनाने में भी मदद मिलेगी । पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि साढे़ आठ करोड रुपये की लागत से आयात की गयीं कुल 240 मैरिनो भेड़ों में से 40 नर और 200 मादाएं हैं । अधिकारी ने बताया कि इन भेड़ों को फिलहाल टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र में रखा गया है ।


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बुधवार, 25 दिसंबर 2019

देहरादून में नये कलक्टरेट का नाम वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा

देहरादून, 25 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यहां बन रहे नये कलक्टरेट भवन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा। वाजपेयी की 95 वीं जयंती के अवसर पर रावत ने यहां एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने दून समन्वित कमान एवं नियंत्रण केंद्र का भी उद्घाटन किया। ‘सदैव दून’ नाम का यह केंद्र 234.85 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें एक निगरानी प्रणाली होगी जो यातायात का प्रबंधन करने, शहर में प्रदूषण के स्तर को रोकने में सहायता करने के अलावा 2021 के कुंभ में भीड़ का प्रबंधन करने तथा धार्मिक समागम की सभी गतिविधियों की सावधानीपूर्वक निगरानी करेगी। रावत ने एक बार उपयोग में लाई जाने वाली प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने में राज्य सरकार को लोगों से मिले सहयोग की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में प्लास्टिक के उपयोग में 75 प्रतिशत कमी आई है।


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GreyAtom पर स्किल अपग्रेड कर पाएं जॉब, प्लेसमेंट के बाद दें फीस

एजुकेशन और इंडस्ट्री इसी गैप को दूर करने के लिए साल 2017 में श्वेता दोशी, मितुल ठक्कर और मयूरेश शिलोत्री ने एडटेक स्टार्टअप Greyatom की शुरुआत की.

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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

उत्तराखंडः चमोली में 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटके, कोई हताहत नहीं

चमोली उत्तराखंड के चमोली जिले में मंगलवार शाम को के झटके महसूस किए गए। भूकंप महसूस करते ही लोग डरकर अपने घरों से बाहर आ गए। पर भूकंप की तीव्रता 4.5 दर्ज की गई। चमोली के अलावा रुद्रप्रयाग जिले में कुछ जगहों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम सात बजे के आसपास चमोली जिले में भूकंप ने दस्तक दी। इस दौरान लोग सहमकर घरों से बाहर आ गए। इससे पहले 8 दिसंबर को भी जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। हालांकि, तब इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई थी। वहीं, इस बार यर 4.5 दर्ज की गई है। से किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। चमोली के अलावा रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। बता दें कि बीते 20 दिसंबर को भी दिल्ली समेत उसके आसपास के कई इलाकों में 6.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।


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इंडोनेशिया में बस खाई में गिरी, 28 लोगों की मौत

पालेम्बांग(इंडोनेशिया), 24 दिसंबर (एपी) इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर एक बस के खाई में गिर जाने से कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना सोमवार को मध्य रात्रि से पहले दक्षिण सुमात्रा प्रांत के पगरलाम जिले में हुई। पालेम्बांग के तलाश एवं बचाव अभियान प्रमुख बेर्टी कोवास ने बताया कि शवों को पहचान के लिए एक अस्पताल ले जाया गया है। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। स्थानीय पुलिस प्रमुख डोली गुमारा ने बताया कि एक घायल की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि बस 262 फुट गहरी खाई में गिर गई। बहरहाल, बस में सवार यात्रियों की संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है। मृतकों में चालक और चालक दल के सदस्य भी शामिल हैं। एपी सुभाष उमाउमा


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देश के पहले सीडीएस होंगे जनरल विपिन रावत! पीढ़ियों से सेना में सेवाएं दे रहा है परिवार

देहरादून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से (सीडीएस) का नया पद सृजित करने के ऐलान के बाद अब इस पर अंतिम मुहर लग गई है। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नया पद बनाने को मंजूरी दे दी है। अब खबर है कि भारतीय थल सेना के पूर्व प्रमुख जनरल को पहले की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पीढ़ियों से सेना में सेवाएं दे रहा परिवार देश के 27वें थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत सितंबर 2016 में भारतीय सेना के वाइस चीफ बने थे। रावत ने जनरल दलबीर सिंह के रिटायर होने के बाद भारतीय सेना की कमान 31 दिसंबर 2016 को संभाली थी। रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे जो कई सालों तक भारतीय सेना का हिस्सा रहे। जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में पढ़ चुके हैं। इन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस सर्विसेज में एमफिल की है। वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर बनाया था आर्मी चीफ उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे रावत 16 दिसंबर 1978 में गोरखा राइफल्स की फिफ्थ बटालियन में शामिल हुए। यहीं उनके पिता की यूनिट भी थी। दिसंबर 2016 में भारत सरकार ने जनरल बिपिन रावत से वरिष्ठ दो अफसरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीन बक्शी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज को दरकिनार कर भारतीय सेना प्रमुख बना दिया। जनरल बिपिन रावत गोरखा ब्रिगेड से निकलने वाले पांचवे अफसर हैं जो भारतीय सेना प्रमुख बनें। 1987 में चीन से छोटे युद्ध के समय जनरल बिपिन रावत की बटालियन चीनी सेना के सामने खड़ी थी। यह भी पढ़ेंः रावत को 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटैलियन में कमिशन मिला था। इसके बाद वह 1986 में चीन से लगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर इन्फेन्ट्री बटैलियन संभाल चुके हैं। रावत 5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिविजन की अगुआई भी कर चुके हैं। ब्रिगेडियर के तौर पर उन्होंने कॉन्गो में यूएन पीसकीपिंग मिशन के मल्टीनैशनल ब्रिग्रेड की अगुआई की थी। अशांत इलाकों में काम करने का अनुभव रावत के पास अशांत इलाकों में लंबे समय तक काम करने का अनुभव है। भारतीय सेना में रहते उभरती चुनौतियों से निपटने, नॉर्थ में मिलटरी फोर्स के पुनर्गठन, पश्चिमी फ्रंट पर लगातार जारी आतंकवाद व प्रॉक्सी वॉर और पूर्वोत्तर में जारी संघर्ष के लिहाज से उन्हें सबसे सही विकल्प माना जाता था।


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सोमवार, 23 दिसंबर 2019

त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया लोकगीत ‘जय जय हो देवभूमि’ का लोकार्पण

देहरादून, 23 दिसम्बर (भाषा): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को यहां उत्तराखंडी वीडियो गीत ‘जय जय हो देवभूमि’ जारी किया। इस गीत को उनके मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने अपना सुर दिया है । इस अवसर पर रावत ने कहा कि सिर्फ छह मिनट में देवभूमि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य को प्रस्तुत करने का भटट का यह प्रयास प्रदेश को नई पहचान दिलाने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि इस वीडियो गीत के माध्यम से हम समूचे उत्तराखण्ड का सिंहावलोकन कर सकते हैं और यह गीत प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सांस्कृतिक विरासत एवं लोक संस्कृति को भी बढ़ावा देने में सहायक होगा। रावत ने भट्ट को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए राज्य के प्रति उनके लगाव एवं समर्पण की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज में छिपी प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागर गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट को भी सम्मानित किया । भट्ट ने कहा कि इस गीत में उत्तराखंड की सुंदरता के अद्भुत दृश्य दिखाने के प्रयास किये गये हैं। इसमें उत्तराखंड के उच्च हिमालयी चोटियों, आध्यात्मिक- धार्मिक स्थलों, सांस्कृतिक मेलों, पहाड़ की संस्कृति और जैव विविधता के दर्शन होंगे। उन्होंने बताया कि इस गीत के बोल दिवंगत गोपाल बाबू गोस्वामी ने लिखे हैं और उन्होंने इस गीत को नए कलेवर में पेश करने का प्रयास किया है।


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उत्तराखंड को मिला ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’ पुरस्कार

देहरादून, 23 दिसंबर (भाषा) उत्तराखण्ड को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अंतर्गत सोमवार को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार दिया गया है। नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के हाथों यह पुरस्कार राज्य सरकार की ओर से सूचना सचिव दिलीप जावलकर ने प्राप्त किया। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उत्तराखण्ड को यह पुरस्कार फिल्म उद्योग को आगे बढ़ाने, फिल्म निर्माण के लिए राज्य में सहज माहौल तैयार करने, बंद पड़े सिनेमा हॉलों को फिर से खोलने के लिए प्रोत्साहित करने, फिल्म विकास कोष का निर्माण करने, फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन देने की योजना जारी रखने के अलावा उत्तराखण्ड फिल्म विकास समिति के निर्माण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया है। इस मौके पर नायडू ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड को पुरस्कार मिलने पर बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के सराहनीय प्रयास गये हैं। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार मिलने से जहाँ एक ओर पर्यटन के क्षेत्र में गति आयेगी, वहीं फिल्म शूटिग में भी वृद्धि होगी। जावलकर ने कहा कि इस पुरस्कार के मिलने के बाद देश-विदेश के फिल्म निर्माता राज्य में अधिक से अधिक संख्या में आयेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह रावत के मार्गदर्शन में प्रदेश की फिल्म नीति—2019 को और अधिक आकर्षक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य में अधिक से अधिक फिल्म निर्माता आयें जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से फिल्मों को सब्सिडी भी दी जा रही है। गत एक वर्ष में राज्य में 200 फिल्मों, धारावाहिक, डाक्यूमेंट्री आदि की शूटिंग की गई है। इनमें 'मीटर चालू बत्ती गुल, परमाणु, बाटला हाउस, कबीर सिंह, केदारनाथ, नरेन्द्र मोदी, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, परमाणु, रागदेश, तड़प, वार, डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम 'मैन वर्सेस वाइल्ड आदि प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।


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रविवार, 22 दिसंबर 2019

चौकीदार ने महिला को तीर मारकर घायल किया, गिरफ्तार

देहरादून, 22 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के पौड़ी जिले में मामूली विवाद में एक चौकीदार ने अपने पड़ोस में रहने वाली महिला को लोहा लगा तीर मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना जिले के कोटद्वार शहर के पास कण्वघाटी में कल हुई। कोटद्वार पुलिस थानाध्यक्ष मनोज रतूड़ी ने बताया कि महिला पर तीर चलाने वाले चौकीदार राम लाल को गिरफतार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि घायल महिला रजनी देवी (35) के मकान और रामलाल के नियोक्ता के प्लॉट की बाहरी दीवार एक दूसरे से मिली हुई है। रजनी के इस दीवार पर कपड़े सुखाने को लेकर रामलाल ने आपत्ति की, जिसके बाद दोनों में मामूली कहासुनी हो गयी। उन्होंने बताया कि इससे क्रोधित होकर रामलाल अपना तीर कमान उठा लाया और उसने कथित रूप से लोहा लगा तीर महिला पर चला दिया। तीर सीधा रजनी की छाती में लगा और वह लहुलुहान हो गयी। रजनी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


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शनिवार, 21 दिसंबर 2019

CAA: समर्थन और विरोध प्रदर्शनों के चलते हरिद्वार में धारा 144 हुई लागू

देहरादून नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के विरोध में हरिद्वार के ज्वालापुर में विशाल प्रदर्शन के बाद अब सकते में आए हरिद्वार जिला प्रशासन ने विरोध और समर्थन में होने वाली रैलियों, जुलूस, प्रदर्शन आदि को देखते हुए प्रशासन ने हरिद्वार जिले में लागू कर दी है। यह रविवार को शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेगी। हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में शुक्रवार को इस अधिनियम के विरुद्ध अपार जनसमूह के साथ एक प्रदर्शन आयोजित किया था। हरिद्वार के सिटी मैजिस्ट्रेट ने दोपहर बाद धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए, जिसके अनुसार शहर में किसी तरह का भी जुलूस, धरना, प्रदर्शन, सभा नहीं हो सकेगी। सीएए के विरोध में भीम आर्मी ने रविवार को पुल जटवाड़ा ज्वालापुर से चंद्राचार्य चौक तक रैली निकालने का एलान किया था। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से भी अधिनियम के समर्थन में पूर्वाह्न 11 बजे ऋषिकुल मैदान से चंद्राचार्य चौक तक रैली निकालने की घोषणा की गई। हिंदू जागरण मंच ने भी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय कैंपस से चंद्राचार्य तक समर्थन में रैली निकालने की घोषणा की थी। सिटी मैजिस्ट्रेट जगदीश लाल के अनुसार धारा 144 रविवार शाम पांच बजे तक लागू रहेगी। अगर आवश्यकता पड़ी तो इसकी समयावधि बढ़ाई भी जा सकती है। एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस ने कहा कि किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने, किसी भी तरह की अफवाहों में न आने की अपील की। कहा कि धारा 144 का सख्ती से पालन कराया जाएगा। एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने शनिवार को ज्वालापुर कोतवाली में मुस्लिम समाज के वरिष्ठ नागरिकों और नेताओं के साथ बैठक की। अपील की कि युवा वर्ग को किसी भी तरह के रैली प्रदर्शन से दूर रखा जाए।


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शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

ड्यूटी के दौरान सो रहे थे 7 पुलिसकर्मी, मिली तीन दिन तक 10 किमी लगाएंगे दौड़

देहरादून आमतौर पर बरतने पर पुलिसकर्मी या तो सस्पेंड होते हैं या फिर उन्हें लाइन हाजिर किया जाता है। हालांकि अरुण मोहन जोशी ने लापरवाह पुलिसकर्मियों को सबक सिखाने के लिए नया तरीका खोजा है। ड्यूटी के दौरान सोने पर एसएसपी ने पुलिसकर्मियों को तीन दिन तक सुनाई। दरअसल, देहरादून के एक प्राइवेट होटल में पीठासीन अधिकारी सम्मेलन चल रहा था जिसमें लोकसभा स्पीकर और दूसरे राज्यों के पीठासीन अधिकारी शामिल हुए थे। इस दौरान होटल में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सांसद अजय भट, राज्य लक्ष्मी शाह और तीरथ सिंह रावत वगैरह भी शामिल हुए थे। सोफे पर सो रहे थे पुलिसवाले गुरुवार देर रात एसएसपी देहरादून औचक परीक्षण पर निकले। इस दौरान सात पुलिसकर्मी जिनकी होटल में ड्यूटी लगाई गई थी, वह सोफे में सोते हुए पाए गए। इनमें से चार पुलिसकर्मी देहरादून से थे, जबकि तीन हरिद्वार से। वहीं उनके हथियार नजदीक ही पड़े हुए थे। यह देखकर एसएसपी हैरान रह गए और इसे सुरक्षा में बड़ी चूक बताया क्योंकि होटल में चल रहे प्रोग्राम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और दूसरे राज्यों के स्पीकर होटल में रुके हुए थे। वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में दौड़ हरिद्वार के तीन पुलिसकर्मियों को तुरंत हटा दिया गया जबकि बाकी बचे चार पुलिसकर्मियों को अगले तीन दिन तक 10 किमी दौड़ने की सजा सुनाई। चारों एक वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में पुलिस लाइन तक दौड़ेंगे। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया, 'इस सजा के जरिए हम उन्हें अपनी गलती का अहसास और साथ ही अपनी ड्यूटी के प्रति सजग रहने का सबक देना चाहते हैं। हम लापरवाही बरतने पर दूसरे पुलिसकर्मियों को भी ऐसी ही सजा देंगे।' इन चारों पुलिसकर्मियों के नाम कॉन्स्टेबल संदीप रवि, सुनील प्रसाद, अमोल राठी और सोहम सिंह है।


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रावत ने नागरिकता कानून के बारे में अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की

देहरादून, 20 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को देशवासियों से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है । रावत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दशवासियों को इस कानून को लेकर फैलायी जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए । इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस सलाह का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने लोगों से इस कानून के बारे में अच्छी तरह पढने की बात कही है । हालांकि, उन्होंने इस बात पर भगवान का शुक्रिया अदा किया कि उत्तराखंड में अब तक इस कानून को लेकर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है । रावत ने कहा कि कुछ गुमराह लोग इस कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि कोई गलत बात इस कानून में नहीं है ।


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एसपी-बीएसपी और वामपंथी संगठनों ने नागरिकता कानून के खिलाफ निकाला मोर्चा, केंद्र पर साधा निशाना

देहरादून उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एमएल), एसपी, बीएसपी, पीपुल्स फोरम और महिला मंच समेत तमाम संगठनों ने गांधी पार्क गेट के सामने के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के जरिए राष्ट्रपति को इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक के बाद एक जनविरोधी फैसले ले रही है और कर रहे लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि जामिया, पुडुचेरी, अलीगढ़, लखनऊ जैसे कई विश्वविद्यालयों में लाठीचार्ज तथा असम में आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता की शर्त में सांप्रदायिक आधार को जोड़ना संविधान की मूल भावना के साथ ही जनतांत्रिक और धर्म निरपेक्षता की भावना के भी विपरीत है। अलर्ट पर पुलिस ज्ञापन में विरोधी दलों ने कहा कि यह कानून केवल मुसलमानों को छोड़ हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता देता है। वहीं, देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहे बवाल के बीच रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पर कई राज्यों में उपद्रव के बाद उत्तराखंड में भी पुलिस अलर्ट पर है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान धर्मस्थलों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। चीता मोबाइल से लेकर पुलिस अधिकारी आज दिनभर देहरादून में भ्रमण पर रहे। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में पीएसी तैनात की गई है। अभी तक देहरादून में शांति बनी रही। हल्द्वानी में एनआरसी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कोर्ट में सिटी मैजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह को ज्ञापन सौंपा। टनकपुर में मुस्लिम युवाओं ने एनआरसी के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला फूंका।


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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का जन्मदिन मनाया गया

देहरादून, 20 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 59 वें जन्मदिवस पर शुक्रवार को मंत्रियों, विधायकों, नेताओं तथा अधिकारियों ने उनके आवास पर पहुंचकर बधाई दी तथा उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं । इसके बाद मुख्यमंत्री रावत ने डाकरा क्षेत्र में वृक्षारोपण किया एवं बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। मुख्यमंत्री इसके बाद देहरादून भाजपा महानगर कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने पंचांग पूजन एवं विष्णु महायज्ञ में हिस्सा लिया तथा गरीबों को कम्बल वितरित किये। इस अवसर पर नैनीताल से लोकसभा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट भी मौजूद रहे । अपने जन्मदिवस पर रावत ने यहां पवेलियन ग्राउण्ड में आयोजित रक्तदान शिविर का भी शुभारंभ किया। ‘सेवा दिवस’ के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने रक्तदान किया। मुख्यमंत्री ने अपना जन्म दिवस ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिवर्ष 80 हजार यूनिट रक्त की जरूरत होती है जबकि राज्य में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक यूनिट रक्तदान होता है। उन्होंने रक्तदान करने वालों के स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने अंग दान की जरूरत बताते हुए कहा कि इसके लिए जागरूकता की आवश्यकता है । इस संबंध में उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में नेत्र दान करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है।


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गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

नैनीतालः कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त, स्कूल बंद

नैनीताल उत्तराखंड के नैनीताल में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मैदानी इलाकों में गुरुवार को सुबह से कोहरा रहने के चलते हर तरफ अंधेरा-सा फैला रहा। इसके चलते सुबह से ही कड़ाके की ठंड रही। सुबह से चारों ओर कोहरे के चलते दिनभर धूप के दर्शन नहीं हुए। धूप नहीं निकलने से दिन भर कड़ाके की ठंड रही। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, आने वाले दिनों में कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड बनी रहेगी। हालांकि, बुधवार के मुकाबले गुरुवार को तापमान बढ़ोतरी दर्ज हुई। बुधवार को जहां अधिकतम तापमान 12.2 और न्यूनतम 9.9 डिग्री सेल्सियस था, वहीं गुरुवार को यह बढ़ कर अधिकतम 13.5 और न्यूतम 10.1 हो गया। वहीं, नमी की मात्रा 99 प्रतिशत से घटकर 73 प्रतिशत हो गई। पंतनगर विश्वविद्यालय के डॉ. आरके सिंह के अनुसार दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बारिश होने की संभावना है। इसके बाद ही कोहरा छंटना शुरू होगा। कड़ाके की ठंड को देखते हुए नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल ने शुक्रवार और शनिवार को छुट्टी की घोषणा कर दी है। नैनीताल शहर में भी ठंड से सुबह-शाम जनजीवन प्रभावित दिखा। कोहरे और कड़ाके की ठंड के चलते लोग भी सड़कों पर कम ही दिखे। वहीं ठंड बढ़ने के साथ कई इलाकों में मनोरम दृश्य भी देखने को मिले। पहाड़ियों से मैदानी इलाकों में छाए कोहरों का समंदर देखते ही बन रहा है।


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उत्तराखण्ड भ्रमण पर आएगा फिल्मकारों का दल

देहरादून, 19 दिसंबर (भाषा) फिल्मकारों का एक दल जल्द ही उत्तराखण्ड आएगा और विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर प्रदेश में फिल्म शूटिंग की सम्भावनाओं का जायजा लेगा। मुम्बई में जाने— माने फिल्मकारों ने बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की और प्रदेश में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने और राज्य की फिल्म नीति पर विस्तार से चर्चा करने के बाद यह तय किया। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री से मिलने वालों में निर्माता जैकी भगनानी, निर्माता-निर्देशक आशुतोष गोवारीकर, दिनेश विजयन, नितेश तिवारी, राजू हिरानी जैसे फिल्मकार शामिल थे । मुख्यमंत्री ने इस मौके पर फिल्मकारों को उत्तराखण्ड में कण्डाली (बिच्छु घास) से बनी जैकेट भेंट की। सभी ने जैकेट की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध कण्डाली से जैकेट सहित बहुत सी वस्तुएं बनाई जा सकती हैं और यह राज्य के युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर उपलब्ध करा सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इसे लगातार प्रोत्साहित कर रही है। रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म इंडस्ट्रीज का आकर्षण भी काफी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष राज्य में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में देशविदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा दिये गये सुझावों को शामिल करते हुए प्रदेश में फिल्म नीति 2019 लागू की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं और इन में से बडी संख्या में दक्षिण भारत व अन्य क्षेत्रों की फिल्में भी हैं । उत्तराखण्ड को ओपन फिल्म स्टूडियो की संज्ञा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का प्राकृतिक सौन्दर्य फिल्मों के अनुकूल है और यहां का शांत माहौल, अपनत्व व भाई चारा फिल्म निर्माताओं को पसन्द आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को बढावा देने के लिए फिल्म शूटिंग शुल्क माफ कर दिया गया है तथा प्रदेश सरकार द्वारा फिल्मो की शूटिंग से संबंधित सभी औपचारिकताएं सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर पूरी की जा रही है। बैठक में उपस्थित फिल्मकारों ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा फिल्म शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रयासो की गम्भीरता का इसी बात से पता चलता है कि स्वयं मुख्यमंत्री तीन बार मुम्बई आकर फिल्मकारों से मिल चुके हैं।


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उत्तराखंड में 35 में से 13 ब्लड बैंक लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद भी संचालित : कैग

देहरादून, 19 दिसंबर (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में उत्तराखंड में ब्लड बैंकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जांच के दौरान राज्य में संचालित 35 ब्लड बैंकों में से 13 ब्लड बैंक लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद भी काम करते पाये गये और इनके आवश्यक निरीक्षण भी पूर्ण रूप से नहीं किये गये। मार्च, 2018 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिये जारी अपनी रिपोर्ट में कैग ने कहा कि राज्य में संचालित 35 ब्लड बैंकों में से 13 ब्लड बैंक ऐेसे हैं जो छह महीने से लेकर 20 साल तक एक्सपायर हो चुके लाइसेंस के साथ चल रहे थे। 2015-18 की अवधि के दौरान आयोजित किए जाने वाले आवश्यक 96 निरीक्षणों की तुलना में केवल 22 नियमित निरीक्षण ही किये गये। पिछले दिनों राज्य विधानसभा में पेश रिपोर्ट में कैग ने कहा कि इस अवधि के दौरान लेखा परीक्षण द्वारा चयनित किसी भी ब्लड बैंक का निरीक्षण नहीं किया गया था। इन ब्लड बैंकों में से 20 राज्य सरकार द्वारा, चार केंद्र सरकार द्वारा, सात निजी पक्षों द्वारा तथा चार विभिन्न धर्मार्थ संसाधनों द्वारा चलाये जा रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य औषधि नियंत्रकों (एसडीसी) के अभिलेखों की जांच में पाया गया कि राज्य में जून 2018 तक 35 ब्लड बैंकों में से 13 एक्सपायर्ड लाइसेंस के साथ काम कर रहे थे और इन 13 में से 12 सरकारी और एक निजी ब्लड बैंक है। इन 13 में से एक का मामला अनुमोदन के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को भेजा गया था जबकि छह ब्लड बैंक लाइसेंस अधिकारियों द्वारा निरीक्षण न किये जाने के कारण छह महीने से लेकर दो साल तक की अवधि तक बिना लाइसेंस ब्लड बैंक चला रहे थे। अन्य छह मामलों में निरीक्षण अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान विभिन्न कमियों को उजागर किया था। हालांकि, इन ब्लड बैंकों ने कमियों को दूर नहीं किया और आठ महीने से 20 साल तक बिना लाइसेंस के संचालन कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि पिथौरागढ जिला अस्पताल 20 साल से और उत्तरकाशी जिला अस्पताल 10 वर्ष से अधिक वर्षों से बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक चला रहे थे। ड्रग एंड कॉस्मेटिक कानून का हवाला देते हुए कैग ने कहा है कि लाइसेंसिंग अधिकारी लाइसेंस धारक को 'कारण बताओ' नोटिस देने के बाद ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द या निलंबित कर सकता है लेकिन कमियों को सुधारने में नाकाम रहने वाले ब्लड बैंकों के विरूद्ध अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। बिना लाइसेंस के ब्लड बैकों के संचालन में गुणवत्ता नियंत्रण के लिये आवश्यक मानकों में कमी तथा असुरक्षित रक्त की आपूर्ति जोखिम से भरी बताते हुए कैग ने कहा है कि राज्य ड्रग कंट्रोलर को ड्रग एंड कॉस्मेटिक कानून के तहत दोषी ब्लड बैंकों के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। लाइसेंस के नियमों और शर्तों के मुताबिक, हर ब्लड बैंक का लाइसेंस जारी होने के बाद वर्ष में कम से कम एक बार पुन:निरीक्षण होना चाहिए। कैग द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर राज्य ड्रग कंट्रोलर्स ने इसका कारण कर्मचारियों की कमी बताया।


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दसवीं अनुसूची में संशोधन के लिये समिति गठित : बिरला

देहरादून, 19 दिसंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि दल बदल की समस्या के कारण लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता के विश्वास में आ रही कमी को देखते हुए संविधान की दसवीं अनुसूची में जरूरी बदलाव करने की जरूरत है। यहां विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79 वें सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन के दौरान दल बदल कानून से संबंधित संविधान की दसवीं अनुसूची और अध्यक्ष की भूमिका पर लंबी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘दल बदल के कारण लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता के विश्वास में कमी आ रही है। पीठासीन अधिकारियों का मत है कि इस विश्वास को मजबूत करने के लिये सदन के नियमों में परिवर्तन किये जायें।’’ बिरला ने कहा, ‘‘पीठासीन अधिकारियों का निर्णय अंतिम होता है और न्यायालय द्वारा इस पर टिप्पणी करना चिंता का विषय है और इसलिये इस कानून में जरूरी संशोधन के लिये एक समिति का गठन किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि यह समिति संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं से व्यापक विचार विमर्श कर संविधान में संशोधन के लिए सुझाव देगी जिससे अध्यक्ष की मर्यादा और प्रतिष्ठा बनी रहे और उनके निर्णयों पर कोई सवाल नहीं उठा सके। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सम्मेलन के दौरान शून्यकाल पर भी व्यापक चर्चा हुई और सर्वसम्मति से सभी पीठासीन अधिकारियों ने तय किया कि शून्यकाल में अविलंब लोक महत्व के विषयों को और सार्थक बनाया जाये और जिन सदनों में यह व्यवस्था नहीं है वहां इस परंपरा को शुरू किया जाये।’’ उन्होंने बताया, ‘‘पीठासीन अधिकारियों ने सदस्यों के कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डालने, आसन के समक्ष आने तथा नारेबाजी करने को उचित नहीं माना और इस संबंध में सर्वसम्मति से कठोर नियम बनाने की जरूरत पर बल दिया है।’’ उन्होंने कहा कि सम्मेलन में इस पर प्रस्ताव पारित किया गया है और इसे जल्द अमल में लाने की कोशिश होगी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसके अलावा, देश के सभी विधायी निकायों के नियमों में एकरूपता लाने पर भी सहमति बनी जिसके लिये शीघ्र एक समिति का गठन किया जायेगा।’’ उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों के क्षमतानिर्माण की कार्य योजना पर भी चर्चा हुई और तय किया गया कि लोकसभा सचिवालय के अधिकारी तीन वर्ष तक राज्य के सदनों में विधायकों के शिक्षण और प्रशिक्षण में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के तहत लोकसभा के अधिकारी राज्यों में आयेंगे और राज्यों के विधायक लोकसभा में आयेंगे।’’ इस संबंध में उन्होंने भारत और मालदीव के बीच संधि का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की संसद इस तरह के प्रबोधन कार्यक्रम देश के बाहर भी चला रही है। बिरला ने बताया कि सम्मेलन में यह सुझाव भी आया कि उत्कृष्ट सांसद की तर्ज पर उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार भी स्थापित किया जाये। उन्होंने कहा, ‘‘संसद में 1958 से लेकर अब तक लगभग 40 लाख पुस्तकों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है और संसद की तरफ से राज्य के सदनों में भी ऐसा तकनीकी सहयोग दिया जायेगा ताकि इसका लाभ आम जनता को मिल सके।’’ बिरला ने बताया कि सम्मेलन के दौरान इस बात पर भी सहमति बनी कि राज्य विधानमंडलों में बैठकों की संख्या में वृद्वि हो जिससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता आये और कार्यपालिका की जवाबदेही बढ़े। उन्होंने इस संबंध में सरकारों से भी आग्रह किया कि वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये सदन की बैठकें आयोजित करने में सहयोग दें। बिरला ने कहा, ‘‘वर्ष 2021 में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के 100 वर्ष पूरे हो जायेंगे और इसे शताब्दी वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। इस कार्यक्रम को पहले विधानसभाओं में और उसके बाद संसद में जोर शोर से मनाया जायेगा। इससे पहले दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि सम्मेलन में उच्चकोटि की चर्चा हुई और सम्मेलन एक निर्णायक मोड़ पर समाप्त हुआ है। समापन समारोह में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा, ‘‘लोग अपने प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी अपनी निर्वाचित प्रतिनिधि को देते हैं और अगर सदन का समय शोर शराबे और व्यवधान के कारण बर्बाद होता है तो यह जनता के साथ धोखा है।


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कमाई के मामले में भी नंबर-1 हुए विराट कोहली, रोजाना कमाते हैं ₹70 लाख

विराट कोहली 252.72 करोड़ रुपये की कमाई के साथ पहली Forbes India's 2019 Celebrity 100 लिस्ट में टॉप पर पहुंचे हैं.

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बुधवार, 18 दिसंबर 2019

अल्मोड़ा: प्रधान पत्नी को पीटते पति का विडियो सामने आने से बवाल, FIR दर्ज

देहरादून के अल्मोड़ा में एक व्यक्ति का अपनी पत्नी को पीटने का विडियो सामने आया है। अच्छी खासी भीड़ में यह शख्स अपनी पत्नी को पीट रहा है जो हाल ही में प्रधान बनी है। विडियो सामने आने के बाद इंटरनेट पर इस शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं, अभी तक यह पता नहीं चला है कि महिला का उसके बाद क्या हुआ। दो मिनट के विडियो में दिख रहा है कि महिला प्रधन जमीन पर बैठी है और उसका पति उसे बेरहमी से लात-घूसों से पीट रहा है। महिला के हाथ में एक बच्चा भी है जिसे भीड़ में से एक दूसरी महिला आकर ले जाती है। पुलिस ने बताया है कि घटना 11 दिसंबर को अल्मोड़ा के एक गांव में हुई। मामले में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई जो फरार चल रहा है। घर से जाने पर नाराज प्राथमिक जांच में पता चला है कि दोनों की शादी को पांच साल हो गए हैं और उनके दो बच्चे हैं। विडियो में देखा जा सकता है कि पति पत्नी से पूछ रहा है कि वह उसे बिना बताए घर से बाहर क्यों गई। यह कहते हुए वह पत्नी को पीट रहा है जबकि लोग खड़े होकर पूरा तमाशा देख रहे हैं। इस बारे में उत्तराखंड महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने कहा है, 'मैं विभाग को निर्देश दूंगी और स्थानीय पुलिस से भी पीड़िता की मदद करने के लिए कहूंगी।'


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राज्यसभा के उपाध्यक्ष ने ‘व्यवधान सूचकांक’ बनाने का दिया सुझाव

देहरादून, 18 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने संसद एवं विधान मंडलों में व्यवधानों की निगरानी करने और अनुशासनहीनता को रोकने के लिए ‘व्यवधान सूचकांक’ बनाने का बुधवार को सुझाव दिया। उपसभापति ने यह भी कहा कि इससे सदन में मुद्दों पर बहस तथा चर्चा के लिए और समय उपलब्ध होगा। हरिवंश ने यहां भारत में विधायिकाओं के पीठासीन अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन में ‘शून्य काल’ सत्र के दौरान यह सुझाव दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। यह सम्मेलन बृहस्पतिवार को संपन्न होगा।


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लोकसभा में समय बर्बाद नहीं हुआ, इसलिए पास हुए कई बिल : ओम बिड़ला

देहरादून अध्यक्ष ने यहां बुधवार को कहा कि विरोध में भी गतिरोध न हो, यही विधायिका की मर्यादा और संसदीय लोकतंत्र की खूबसूरती भी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में समय बर्बाद नहीं हुआ, इसलिए कई बिल पास हो पाए। विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उनकी शिकायतों के समाधान के लिए विधायिकाओं की एक वर्ष में बैठकें जरूर होनी चाहिए। ओम बिड़ला ने बताया कि 17वीं लोकसभा के दोनों सत्रों में समय की बबार्दी न होने से ही कई महत्वपूर्ण बिल पास हो सके। बिड़ला ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूती प्रदान करने और अनुभवों तथा नए विचारों को साझा करने के लिए पीठासीन अधिकारियों का यह सम्मेलन बहुत उपयोगी मंच है। उन्होंने कहा कि सभा में वाद-विवाद, असहमति और चर्चा होनी चाहिए, मगर व्यवधान नहीं होना चाहिए। विरोध करते हुए भी गतिरोध नहीं हो, यही लोकतंत्र की परंपरा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि गतिरोध से लोकतंत्र की मूल भावना आहत होती है, क्योंकि इससे सदस्यों के अधिकारों का हनन होता है। ओम बिड़ला ने 17वीं लोकसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले सत्र के दौरान गतिरोधों के बावजूद जरा भी समय की बबार्दी नहीं हुई, जिससे 37 बैठकों में 35 विधेयक पारित हुए। इसी का नतीजा रहा कि लोकसभा के कामकाज के प्रदर्शन में बढ़ोत्‍तरी हुई। दूसरा सत्र भी इसी प्रकार हुआ। खास बात रही कि दोनों सत्रों में नए सांसदों को सवाल उठाने के लिए अधिक से अधिक मौके मिले। बिड़ला ने कहा कि 2021 में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के सौ साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में इस विशेष मौके पर विधायिका के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही को सुनिश्चित करना होगा। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उनकी शिकायतों के समाधान के लिए विधायिकाओं की एक वर्ष में निर्धारित बैठकें होनी चाहिए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 17वीं लोकसभा के दौरान 135 प्रतिशत कार्य हुआ, वहीं शीतकालीन सत्र में कार्य उत्पादकता की दर 116 प्रतिशत रही, इससे पता चलता है कि लोकसभा अध्यक्ष ने कितनी कुशलता से कार्यवाही का संचालन किया।


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तीर्थ पुरोहितों की चारधाम विधेयक के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

उत्तरकाशी, 18 दिसंबर (भाषा) उत्तराखण्ड विधानसभा द्वारा हाल में चार धाम देवस्थानम विधेयक पारित किये जाने से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की चेतावनी देते हुए बुधवार को कहा कि वे मंदिरों का अधिग्रहण करने के उसके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। विरोध प्रदर्शन को स्थानीय व्यापारियों के साथ ही विपक्षी कांग्रेस ने भी अपना समर्थन देते हुए उसमें बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया। विधेयक के विरोध में गठित चार धाम महापंचायत ने यहां रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ महाआंदोलन का बिगुल फूंका और कहा कि श्राइन बोर्ड का गठन मंदिरों के अधिग्रहण के लिए किया गया है लेकिन वह सरकार के इस मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। पुरोहित बाद में रामलीला मैदान से शहर के मुख्य मार्गों से प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा में अपने संख्याबल का नाजायज फायदा उठाते हुए इस विधेयक को विधानसभा से पारित करा लिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में राज्य के अंदर कांग्रेस की हवा है और 2022 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो सबसे पहले इस विधेयक को समाप्त करेगी। विरोध प्रदर्शन में शामिल राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि चार धाम विधेयक के जरिए भाजपा सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हकों में हस्तक्षेप और धार्मिक स्थलों पर कब्जे का प्रयास किया है जिसका विरोध किया जायेगा।


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सदन का अध्यक्ष अभिभावक के समान: त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून, 18 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र में विधायी निकायों के अध्यक्षों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए बुधवार को कहा कि सदन का अध्यक्ष एक अभिभावक की तरह होता है। यहां भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79 वें सम्मेलन के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र में सदन के सम्मानित अध्यक्ष की भूमिका एक अभिभावक की होती है। वहां सभी सदस्यों को अधिकतम अवसर देना और उनकी सुनना बड़ी बात है। इसके लिए कौशल की जरूरत होती है जो आप सभी के पास है।’’ मुख्यमंत्री रावत ने इस संदर्भ में कहा कि कई बार सदन में स्थिति असहज हो जाती है और ऐसे दृश्य सामने आते हैं जो नहीं होने चाहिए लेकिन ऐसे समय में भी अध्यक्ष बड़े संयम, शालीनता, मर्यादित और आत्मनियंत्रण से सदन की कार्यवाही को संचालित करते हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष की तुलना राम और लक्ष्मण से की तथा कहा राम की भूमिका शालीन होती है जबकि लक्ष्मण का स्वभाव आक्रामक और उग्र होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोकसभा में जैसा कार्य हो रहा है, वह ऐतिहासिक है। रावत ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कुशलता से सदन को संचालित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में भी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने विधायकों को अधिकतम प्रश्न उठाने का मौका दिया है। सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में लोकसभा और राज्यसभा के अलावा देशभर के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं और विधानपरिषदों के पीठासीन अधिकारी और सचिव हिस्सा ले रहे हैं। उत्तराखंड में पहली बार हो रहे इस सम्मेलन पर हर्ष जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के आयोजन की 98 वर्षों की परंपरा में आज उत्तराखंड भी शामिल हो गया है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए सदन के सुचारू संचालन को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि यही वह जगह है जहां से देश को या राज्यों को चलाने के लिए गंभीर चर्चाएं होती हैं, कानून बनते हैं और जनता से जुड़े मुद्दे उठते हैं। रावत ने संसद में अध्यक्षीय शोध के तहत नए— नए शोध और तकनीकों को बढ़ावा मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यों की विधानसभाओं में भी इसे लागू करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद की तरह ही विधानसभाएं भी बेहतर ‘परफॉरमेंस’ और ‘प्रोडक्टिविटी’ दें तो न्यू इंडिया के निर्माण का सपना जल्द साकार होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भारत में विशिष्ट पहचान है और भारत में पायी जाने वाली 16 प्रकार की जलवायु में से 14 प्रकार की जलवायु प्रदेश में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि केवल समुद्री और रेगिस्तानी जलवायु ही यहां नहीं है। रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट की शुरूआत होने वाली है और प्रयास है कि राज्य में जल्द ही ई-विधानसभा की भी शुरूआत की जाये। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि इस सम्मेलन में संविधान की दसवीं अनुसूची, संसदीय लोकतंत्र का सुदृढ़ीकरण, क्षमता तथा निर्माण आदि विषयों पर चर्चा होगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस सम्मेलन में होने वाले मंथन से भविष्य में अच्छे परिणाम मिलेंगे।


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सदन में ‘डिबेट, डिस्कशन और डिसेंट’ हो लेकिन ‘डिस्टरबेंस’ नहीं :लोकसभा अध्यक्ष

देहरादून, 18 दिसंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि संसद और विधानसभाओं में 'डिबेट, डिस्कशन और डिसेंट' हो सकता है लेकिन ‘डिस्टरबेंस’ नहीं होना चाहिए क्योंकि जनता की आशा और आकांक्षा सदन चलने की है जहां उनकी समस्यायें उठायी जायें। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों को राजनीति का अखाड़ा न बनने दिया जाये। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में जनता की लोकतंत्र में आस्था बढ़ी है और इस वर्ष आम चुनाव में संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे ज्यादा 67.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यहां भारत में विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79 वें सम्मेलन का उदघाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘‘ सदन में 'डिबेट, डिस्कशन और डिसेंट' हो लेकिन ‘डिस्टरबेंस’ नहीं होना चाहिए क्योंकि जनता की आशा और आकांक्षा सदन चलने की है जहां उनकी समस्यायें उठायी जायें। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों को राजनीति का अखाड़ा न बनने दिया जाये।’’ उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहां पारदर्शी तरीके से चुनाव होते हैं। इस लोकतंत्र की विशेषता है कि 130 करोड़ लोगों का देश है और इतने बड़े देश में उत्साह के साथ सभी क्षेत्रों में किसी भी मौसम— सर्दी, गर्मी या बरसात में और किसी भी भौगोलिक क्षेत्र —पहाडी हो, दुर्गम हो, मतदाताओं की लगातार लोकतंत्र में बढ़ती आस्था और बढ़ता मतदान यह संकेत करता है कि भारत की जनता का लोकतंत्र के प्रति दृढ़विश्वास बढ़ता जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष 19 जून को लोकसभा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद से वह सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों के भरोसे, सहयोग और सहमति से इसे चलाने का प्रयास कर रहे हैं और उनकी कोशिश है कि इसकी मर्यादाओं और परंपराओं को ऊंचाई पर पहुंचाया जाये। इस संबंध में बिरला ने कहा कि 37 दिन के संसद के पहले सत्र में एक दिन भी कार्यवाही स्थगित नहीं हुई और इसकी उत्पादकता 125 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दूसरे सत्र में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ। संसद और राज्य विधानसभाओं को जनता के विश्वास और जवाबदेही का मंदिर बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने दोनों सत्रों में अधिकतम प्रश्न उठाने और पहली बार चुने गये जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्यायें उठाने तथा चर्चा में भाग लेने का मौका दिया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि कानून बनाने के अलावा सदस्यों को अविलंबनीय जनहित के मुददे उठाने के लिये पर्याप्त समय और पर्याप्त अवसर देना भी पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सदन में 'डिबेट, डिस्कशन और डिसेंट' हो लेकिन ‘डिस्टरबेंस’ नहीं होना चाहिए क्योंकि जनता की आशा और आकांक्षा सदन चलने की है जहां उनकी समस्यायें उठायी जायें। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों को राजनीति का अखाड़ा न बनने दिया जाये। बिरला ने कहा कि 2021 में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के 100 वर्ष पूरे होंगे जबकि 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि 2021 में सभी विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी अपनी विधानसभाओं का विशेष सत्र बुलायेंगे जिसमें लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सदस्यों को प्रशिक्षण देने तथा क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाये जिससे जनता के मुद्दे सही तरीके से उठाये जा सकें। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में दल—बदल कानून, कार्यपालिका पर नियंत्रण, सरकार के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने, विधानसभा की बैठकों के दिन बढ़ाने और उसकी अवधि तय करने सहित कई विषयों पर विचार—विमर्श होगा। लोकसभा अध्यक्ष ने उम्मीद जतायी कि यहां देवभूमि में बिना किसी पूर्वाग्रह के देवताओं की तरह चर्चा होगी और प्रयास किया जायेगा कि तय किये लक्ष्यों को 2021 तक पूरा करें। बिरला ने कहा कि उनका विचार है कि विधानसभाएं और लोकसभा को डिजिटल करने के युग की ओर बढ़ा जाये। उन्होंने इस संबंध में उन राज्यों की प्रशंसा की जो अपनी विधानसभाओं के डिजिटलीकरण और उन्हें पेपरलैस बनाने की शुरूआत कर चुके हैं। देश की आकांक्षाओं के अनुरूप परिणाम लाने को पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने आशा जतायी कि हर सम्मेलन की तरह यह मंच भी कुछ निर्णय करके निकलेगा।


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उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए संगठन में जोर आजमाइश तेज, जल्द होगा फैसला

देहरादून उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर संभालने के लिए पार्टी के भीतर सियासी दांवपेच शुरू हो गए हैं। प्रदेश की सत्ता में काबिज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सांसद, विधायक के अलावा संघ के नेताओं के नाम निकल कर सामने आ रहे हैं। हालांकि इस बारे में आरएसएस के नेताओं के साथ मंत्रणा के बाद ही कुछ निष्कर्ष निकलने की संभावना है। संगठन के भीतर जो नाम चर्चाओं में हैं, उनमें संगठन के बड़े नेताओं के अलावा सांसद, मंत्री और विधायकों के नाम शामिल हैं। चूंकि उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव वर्तमान में चुने गए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में होने हैं, इस लिहाज से यह पद काफी महत्वपूर्ण हो गया है। पार्टी चाहती है कि संगठन के निचले स्तर से ऊपर के पदाधिकारियों तक से रायशुमारी करने के बाद ही नए अध्यक्ष का चुनाव हो। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान पर्यवेक्षक और अर्जुन राम मेघवाल को सह पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसके अलावा संगठन ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे को पार्टी संगठन और संघ के बीच आम राय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। अजय भट्ट समेत कई नामों पर चर्चा बीजेपी की सूत्रों की मानें तो इस बार सांसद अजय भट्ट, बलराम पासी, पुष्कर धामी, इनके अलावा एक नाम राजेंद्र भंडारी का भी है, जो वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं। आरएसएस के प्रचारक रहे भंडारी वर्तमान में काफी अहम भूमिका में हैं। अनुसूचित जाति के चेहरे के तौर पर अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा का नाम की भी खूब चर्चा है। इसके अलावा त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री धन सिंह का नाम खूब उछाला जा रहा है। क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों पर भी ध्यान क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों पर भी पार्टी विचार कर रही है। इस कारण ठाकुर मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश अध्यक्ष ब्राम्हण हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। इसलिए कुमाऊं मंडल से वर्तमान अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट का नाम पहले स्थान पर है। सभी पार्टी पदाधिकारियों से खुद के समर्थन और कार्यकर्ताओं में गहरी पैठ का हवाला देकर नाम बढ़ाने में जुटे हैं। चुनाव अधिकारी बलवंत सिंह भौर्याल के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष का चयन 25 दिसंबर तक होने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। हमारे पर्यवेक्षक जब यहां आ जाएंगे। उसके बाद पूरी रणनीति पर चर्चा होगी। इसके बाद घोषणा कर दी जाएगी।


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मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हरिद्वार में विरोध प्रदर्शन

हरिद्वार, 17 दिसंबर (भाषा) संशोधित नागरिकता कानून और जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया। यहां ज्वालापुर के पार्षद सुहैल अख्तर कुरैशी और पार्टी के हरिद्वार महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस मौके पर दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून के नाम पर भाजपा देश को बांटने का काम कर रही है लेकिन उसके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया जायेगा ।


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ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य: रावत

देहरादून, 17 दिसम्बर (भाषा) महत्वाकांक्षी ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की अच्छी प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि 2025 तक इस रेल लाइन को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यहां टिहरी गढ़वाल जिले के गूलर क्षेत्र में परियोजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद रावत ने कहा कि 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने तथा 2021 तक श्रीनगर गढ़वाल तक रेल लाइन पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस रेल लाइन पर उच्च तकनीक वाली मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। रावत ने उम्मीद जतायी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘ऑल वेदर रोड’ एवं ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के रूप में दिये गये उपहारों से आने वाले समय में चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।


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सड़क हादसे में एक की मौत, दो घायल

देहरादून, 17 दिसंबर (भाषा) यहां से 60 किलोमीटर दूर ऋषिकेश के पास मंगलवार की तड़के एक ट्रक के गहरे खड्ड में गिर जाने से व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि दो अन्य घायल हो गये। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हादसा ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गूलर क्षेत्र में हुआ जब ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से 100 मीटर नीचे गहरे खड्ड में जा गिरा। दुर्घटना के समय ट्रक रूडकी से श्रीनगर गढवाल जा रहा था। सूचना मिलने पर तत्काल ही राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया गया और रस्सी की सहायता से घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्घटना में रूडकी निवासी ट्रक चालक जब्बार (46) की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि रूडकी के ही रहने वाले दो अन्य, मोहसिन (35) और जहांगीर (36) बुरी तरह घायल हो गये। घायलों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया है।


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सोमवार, 16 दिसंबर 2019

उत्तराखंड में पकड़ा गया 8000 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला

देहरादून उत्तराखंड ने राज्य में के अंतर्गत 8000 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। फर्जीवाड़े की जांच के लिए जीएसटी कर मुख्यालय की 55 टीमों ने राज्य कर आयुक्त सौजन्या के निर्देशन पर छापेमारी की कार्रवाई की। जिसमें मौके पर विभिन्न फर्मों के पंजीकृत सारे पते फर्जी पाए गए। कुल 70 फर्जी फरमों के जरिए इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया था। उत्तराखंड के वित्त सचिव अमित नेगी के अनुसार, जीएसटी देहरादून की 55 टीमों ने 70 व्‍यापार स्‍थलों पर सर्वेक्षण करके लगभग 8000 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा किया। विभाग को लंबे समय से खबर मिल रही थी कि उत्‍तराखंड राज्‍य में कुछ लोगों की ओर से जीएसटी के तहत फर्जी तरीके से पंजीयन कराकर करोड़ों रुपये का कारोबार ई-वे बिल के जरिए किया जा रहा है। 70 फर्मों की ओर से बनाए गए ई-वे बिल जांच में पाया गया कि 70 फर्मों की ओर से राज्‍य के भीतर और बाहर दो माह में आठ हजार करोड़ रुपये के ई-वे बिल बनाए गए। इन 70 में से 34 फर्म दिल्‍ली से मशीनरी और कंपाउंड दोनों की खरीद के लिए ई-वे बिल बना रही थीं, जिनका मूल्‍य करीब 1200 करोड़ है। उसके बाद उन फर्मों द्वारा आपस में ही खरीद ब्रिकी के साथ-साथ प्रांत के बाहर की फर्मों को भी खरीद ब्रिकी दिखाई जा रही थी। 26 फर्मों के माध्‍यम से चप्‍पल की बिक्री अन्‍य राज्‍यों आंध्र प्रदेश, राजस्‍थान, तमिलनाडु और महाराष्‍ट्र को दिखाई जा रही थी जबकि मौके पर न कोई फर्म थी और न ही पंजीकृत व्यक्ति। ई-वे बिल में प्रयोग किए गए वाहनों की प्राथमिक जांच पर यह पाया गया कि प्रयोग किए ज्‍यादातर वाहन पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में पंजीकृत हैं। जांच में खुलासा यह भी हुआ कि 80 लोगों ने 21 मोबाइल नंबर और ई-मेल का प्रयोग करते हुए दो-दो की साझेदारी में 70 फर्में पंजीकृत की हैं। अकेले उधम सिंह नगर जिले की 68 फर्मों की जांच में पाया गया कि वह फर्जी पंजीकरण के आधार पर संचालित हो रही थी। इस तरह राज्य कर विभाग के आकलन में करीब 8000 करोड़ रुपये के ई-बे बिल बनाए हुए पाए गए जबकि 1455 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला पाया गया है।


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उत्तराखंड जीएसटी ने 8000 करोड रू का फर्जीवाड़ा पकडा

देहरादून, 16 सितंबर :भाषा: उत्तराखंड जीएसटी विभाग की 55 टीमों ने सोमवार को 70 कंपनियों का सर्वेक्षण कर लगभग 8000 करोड रूपए के ई-वे बिलों का फर्जीवाडा पकड़ा। यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राज्य कर आयुक्त सौजन्या ने बताया कि विभाग को विगत कुछ माह से खबरें मिल रही थीं कि उत्तराखंड में कुछ लोगों द्वारा जीएसटी के तहत फर्जी तरीके से पंजीयन लेकर करोडों रू का कारोबार ई—वे बिल के माध्यम से किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा की गयी अब तक की सबसे बडी जांच में पाया गया कि 70 फर्मों ने राज्य के भीतर व बाहर पिछले दो माह में 8000 करोड रू के ई—वे बिल बनाये हैं । पता चला कि इनमें से 34 फर्म दिल्ली से मशीनरी आदि की खरीद के ई—वे बिल बना रही थीं । उन फर्मो द्वारा आपस में ही खरीद—बिक्री के साथ ही बाहर की फर्मों को भी खरीद—बिक्री दिखायी जा रही थी । उन्होंने बताया कि इन बिलों का वास्तविक मूल्य 1200 करोड रूपये है लेकिन उसे फर्जी बिलों के माध्यम से बढाते हुए 8000 करोड रूपये का कर दिया गया । छब्बीस फर्मों के माध्यम से चमडा उत्पादों की बिक्री आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों को दिखायी जा रही थी । लेकिन मौके पर न तो कोई फर्म पायी गयी और न ही कोई पंजीकृत व्यक्ति । इस फर्जीवाडे का दायरा अन्य राज्यों तक फैला हुआ है और इसकी जांच जारी है।


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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सोलर पैनल का उद्घाटन किया

देहरादून, 16 दिसंबर :भाषा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को राज्य सचिवालय में 10.40 लाख रू. की लागत से स्थापित 20 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल का लोकार्पण किया। एकीकृत विद्युत विकास योजना के अन्तर्गत राज्य सचिवालय में सोलर रूफ टॉप विद्युत संयंत्र स्थापित किया गया है। इस योजना के तहत देहरादून तथा हरिद्वार के सरकारी भवनों पर 2765 किलोवाट की क्षमता के सोलर रूफ टॉप स्थापित किये जा रहे हैं। इस परियोजना की कुल लागत 17.90 करोड़ रूपये है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सचिवालय परिसर में ग्रिड से विद्युत आपूर्ति हेतु पांच विद्युत संयोजन स्थापित हैं जिनका कुल विद्युत भार 890 किलोवाट है और औसतन डेढ़ लाख यूनिट प्रतिमाह का उपभोग हो रहा है। सोलर संयंत्र से दो माह में लगभग चार हजार यूनिट का उत्पादन हुआ है जिससे लगभग 20 हजार रूपये की बचत हुई है। इस संयंत्र की लागत लगभग आठ वर्षों में वसूल हो जायेगी तथा अगले 17 वर्षों में इससे लगभग 20 लाख रूपये की बचत होगी।


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1971 के युद्ध में उत्तराखंड के 248 रणबांकुरों ने दिया अपना बलिदान : रावत

देहरादून, 16 दिसंबर :भाषा: भारत की आजादी के बाद हुए हर युद्ध में उत्तराखंड के वीरों की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि 1971 के भारत—पाकिस्तान युद्ध में भी प्रदेश के 248 रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी । आज विजय दिवस के अवसर पर यहां गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं के आपसी सामंजस्य ने 95 हजार पाकिस्तानी सेनिकों को 13 दिन के युद्ध के बाद घुटने टेकने को विवश कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 248 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और 78 अन्य सैनिक घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 74 रणबांकुरों को वीरता पदक से नवाजा गया था। राष्ट्रवाद और पर्यावरण के प्रति यहां की जनता को जागरूक बताते हुए रावत ने कहा कि आजादी के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए जो भी युद्ध हुए हैं, उसमें उत्तराखण्ड की अहम भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि अब तक एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 100 वीर चक्र एवं 1262 वीरता पदक उत्तराखण्ड के हिस्से में आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास सैनिकों एवं उनके आश्रितों को हर सम्भव मदद पहुंचाने का है और इस क्रम में राज्य सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की पेंशन 4000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये करने, शहादत देने वाले सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुरूप राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने जैसे कदम उठाये हैं । उन्होंने कहा कि शहीदों के आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। रावत ने कहा कि सैनिक परिवारों को गृह कर में पूरी छूट, 25 लाख तक की संपत्ति क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 फीसदी की छूट भी दी गई है। इसके अलावा, शहीद सैनिकों के बच्चों को कक्षा एक से आठ तक छह हजार रुपये एवं नौवीं कक्षा से पोस्ट ग्रेजुएशन तक 10 हजार रूपये की छात्रवृत्ति राज्य सरकार दे रही है।


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रविवार, 15 दिसंबर 2019

25 लाख में शुरू किया था ये बिजनेस, अब हर साल कमा रही है ₹100 करोड़ से ज्यादा

गुरुग्राम के वरुण और गजल अलघ ने अपने नवजात बच्चे के लिए एक सेफ बेबी केयर ब्रांड की कमी देख और 2016 में शुरू किया MamaEarth. कंपनी के आज 60 प्रोडक्ट हैं और अब तक 150 शहरों के 3 लाख ग्राहकों को अपने साथ जोड़ चुकी हैं.

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स्कूली बच्चों से भरी बस पलटी, 16 घायल

देहरादून, 15 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में रविवार को स्कूली बच्चों से भरी एक बस के पलट जाने से उसमें सवार 16 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये जिनमें से चार की हालत गंभीर बतायी जा रही है । पुलिस ने बताया कि निकटवर्ती उधमसिंह नगर जिले के रूद्रपुर क्षेत्र के एडीएम पब्लिक स्कूल के ये छात्र पिकनिक मनाने के लिये गर्जिया नामक स्थान पर जा रहे थे कि तभी रामनगर में उनकी बस पलट गयी। पुलिस ने बताया कि बस के पलटते ही वहां अफरा—तफरी मच गयी और मौके पर मौजूद लोगों की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया । हादसे में 16 छात्र घायल हुए हैं जिनमें से चार की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें हायर हेल्थ सेंटर को रेफर कर दिया गया है।


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हल्द्वानी में व्यक्ति की गोली मार कर हत्या, एक गिरफ्तार

देहरादून, 15 दिसंबर (भाषा) नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में रविवार दिनदहाड़े एक व्यक्ति की कथित तौर पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी जिससे शहर में सनसनी फैल गयी। प्रापर्टी के विवाद के चलते हुई इस घटना के संबंध में पुलिस ने कथित तौर पर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी कथित तौर पर शिवसेना से संबंद्ध बताया जा रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शहर के सिंधी चौक इलाके में दोपहर को हमलावरों ने भूपेंद्र पांडे (40) पर गोलियां चलायीं जिससे उसकी मौत हो गयी । नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में आरोपी सौरभ गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।


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गंगा संरक्षण: मातृ सदन में अब साध्वी पद्मावती बैठीं आमरण अनशन पर

हरिद्वार मातृ सदन हरिद्वार में ने गंगा रक्षा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर रविवार से शुरू कर दिया है। साध्वी ने मांग की है कि केंद्र सरकार को जल्दी ही गंगा ऐक्‍ट बनाना चाहिए। साध्वी ने उत्तराखंड में प्रस्तावित चार जल विद्युत परियोजनाओं को तुरंत निरस्त करने की भी मांग उठाई। साध्वी के अनुसार, बार-बार वादा करने के बाद भी गंगा में समुचित जल नहीं छोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृ सदन के पत्र पर इस साल जून में तुरंत कार्रवाई की थी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने मातृ सदन की सभी मांगों को मान लेने की बात दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल से कही थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उदासीन बनी हुई है। इस मौके पर स्वामी शिवानंद सरस्वती ने सवाल उठाया कि जब रायवाला से भोगपुर तक गंगा और सहायक नदियों में खनन पर रोक लगाने की बात लिखित में कही गई है तो फिर श्यामपुर में खनन कैसे शुरू कराया गया। स्वामी शिवानंद ने कहा कि अब जब राज्य सरकार हरिद्वार में गंगा में खुलेआम अवैध खनन करा रही है इसलिए उनके आश्रम की अनुयायी साध्वी पद्मावती ने गंगा की रक्षा के लिए अनशन करने का निर्णय लिया है। गंगा रक्षा के लिए दो संत दे चुके हैं प्राण आपको बता दें कि मातृसदन के दो संत गंगा के संरक्षण की मांग को लेकर अपने प्राणों का उत्सर्ग कर चुके हैं । 2011 में ब्रह्मचारी निगमानंद ने तो 2018 में जाने-माने वैज्ञानिक रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल गंगा रक्षा के लिए अनशन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं।


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हल्द्वानी में व्यक्ति की गोली मार कर हत्या

देहरादून, 15 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में आज दिनदहाड़े एक व्यक्ति की कथित तौर पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी । घटना के बाद शहर में तनाव की स्थिति बन गयी है । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शहर के सिंधी चौक इलाके में दोपहर को हमलावरों ने भूपेंद्र पांडे (40) पर गोलियां चलायीं जिससे उसकी मौत हो गयी । घटना के बारे में विस्तार से जानकारी अभी नहीं मिली है लेकिन शुरूआती जांच में पुलिस को हमलावरों और मृतक के बीच आपसी रंजिश की बात सामने आ रही है । घटना के सिलसिले में पुलिस दो युवकों से पूछताछ कर रही है ।


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उत्तराखंड में बर्फवारी से तीन की मौत

देहरादून, 15 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में पिछले दो से तीन दिनों में भारी हिमपात के कारण ठंड से तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग सहित दर्जनों रास्ते आवाजाही के लिये बंद कर दिये गए हैं । हांलांकि, आज ज्यादातर जगहों पर मौसम साफ रहा और धूप निकली जिससे हवा में ठिठुरन और बढ गयी । चमोली जिले के गैंड गांव में एक व्यक्ति की बर्फ में दबने से मौत हो गयी और पुलिस के अनुसार उसकी पहचान मदन मोहन (59) के रूप में की गयी है और घर लौटते समय उसकी मौत हो गयी । एक अन्य घटना में पौड़ी जिले में काशीपुर—बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक व्यक्ति बर्फ से फिसलकर खाई में गिर गया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी । मृतक की पहचान नरेंद्र सिंह नेगी (50) के रूप में की गयी है । तीसरी घटना में संतोष सुन्दिरयाल नामक व्यक्ति की भी पौड़ी जिले के बलूडी गांव में बर्फ से फिसलकर खाई में गिरने से मौत हो गयी । राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, बर्फवारी के कारण देहरादून में लोखडी—कोटी कनासर—राष्ट्रीय राजमार्ग, उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश—गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बर्फवारी के कारण भैरवघाटी के पास तथा चमोली जिले में ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग हेलंग के पास बंद हो गया । इसके अलावा प्रदेश के कई प्रमुख मार्ग जैसे गोपेश्वर—चोपता—मंडल मार्ग, तवाघाट—नारायण आश्रम मार्ग तथा थल—मुनस्यारी मोटर मार्ग भी बर्फवारी के कारण यातायात के लिए अवरूद्ध हो गये हैं । चमोली जिले की घाट तहसील के आठ गांव, गैरसैंण के 30 गांव, नारायणबगड के 25 गांव, जोशीमठ तथा पोखरी के कई गांव, टिहरी जिले में धनोल्टी एवं थत्यूड के कुछ गांवों में बर्फवारी के कारण बिजली की आपूर्ति भी ठप्प हो गयी है जिसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है । फिलहाल ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है । मौसम विभाग द्वारा आज यहां जारी पूर्वानुमान में, फिलहाल कहीं—कहीं विशेषकर उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ जिलों में हल्की वर्षा या बर्फवारी की संभावना व्यक्त की गयी है । पूर्वानुमान में कहा गया है कि 2500 मीटर या उससे अधिक उंचाई वाले स्थानों में बर्फवारी हो सकती है ।


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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

जल्द जारी होगा लोकगीत 'जय जय हो देवभूमि'

देहरादून, 14 दिसंबर :भाषा: उत्तराखंड में लोकगीतों की समृद्ध परंपरा में शीघ्र ही एक और लोकगीत 'जय जय हो देवभूमि' अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराने का संकेत देता नजर आ रहा है जिसमें प्रदेश की आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक छटा के साथ ही अपनी जड़ों की ओर लौटने का आग्रह भी है । इस लोकगीत को नये सुर देने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट के इस गीत का ट्रेलर वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट 'फेसबुक' पर साझा करने के कुछ ही घंटों के भीतर इसे न केवल बार—बार देखा गया, बल्कि इसे बहुत सारे 'लाइक' भी मिले । भट्ट ने इस गीत में अभिनय भी किया है । उत्तराखंड के मशहूर लोकगायक दिवंगत गोपाल बाबू गोस्वामी द्वारा रचित और नये सुरों से सजा यह गीत अगले एक सप्ताह के भीतर लांच होकर जनता के बीच आ जायेगा । इस गीत में केवल छह मिनट में संपूर्ण उत्तराखंड के दर्शन हो जायेंगे । संजय कुमोला द्वारा संगीतबद्ध और अरविंद नेगी द्वारा निर्देशित गीत में उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों——बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री—सहित प्रदेश के तमाम छोटे—बडे़ मंदिरों और सिद्धपीठों के अलावा गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार बावर क्षेत्रों और वहां के जीवन का बेहतरीन चित्रण है । इसके साथ ही यह गीत प्रवासी पर्वतीय लोगों को अपने गांवों की ओर लौटने का भी संदेश देता है । गीत को मिली शुरुआती प्रतिक्रिया से उत्साहित भट्ट ने कहा, ‘‘उत्तराखंड ऐसी जगह है जहां चारधाम से लेकर गंगा नदी, बर्फ से ढके पहाड़ों से लेकर बारिश और नैसर्गिक सौंदर्य से लेकर अद्भुत मौसम तक, सब कुछ है जो किसी को भी बरबस अपनी ओर आकर्षित कर सकता है । मैं बस लोगों के सामने इस बात को पेश करना चाहता था ।'’ वर्षों तक मंचों पर लोकगीत गाने के बाद पहली बार पेशेवर तरीके से स्टूडियो में रिकार्ड कराये गए इस गीत के बारे में भट्ट ने भरोसा जताया कि उनका यह गीत सबको बहुत पसंद आयेगा ।


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